• ओवैसी के विरोध मे पक्षकार
  • अयोध्या फैसले पर ओवैसी के खिलाफ हिंदु-मुस्लिम पक्षकार
  • आचार्य सत्येंद्र दास और इकबाल अंसारी ने किया तीखा प्रहार
  • इकबाल अंसारी ने कहा नहीं जानता वो क्या कहते हैं!
  • सत्येंद्र दास ने कहा ओवैसी की बात का कोई महत्व नहीं

अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद इसको सभी पक्षों ने स्वीकार किया था लेकिन एआईएमआईएम अध्यक्ष असद उद्दीन औवेसी ने इसपर अपनी असंतुष्टी जताई थी ..लेकिन इसी मुद्दे पर इस विवाद के दोनो पक्षों की तरफ से बयान आया है कि इस मुद्दे पर औवेसी की राय कोई मायने नहीं रखती .. चाहे वो राम जन्म भूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास हो या फिर बाबरी पक्षकार इकबाल अंसारी दोनो ने ही औवेसा पर कड़ा हमला बोला है .. सुप्रीर् कोर्ट का फैसला आने के बाद ओवैसी ने कह था मैं वकीलों की टीम को धन्यावद देता हूं ..मैं मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की इस बात से सहमत हूं कि सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम है लेकिन वह अचूक नहीं है .. मुस्लिम समाज ने अपने वैधानिक हक के लिए संघर्ष किया ..हमें खैरात की जरूरत नहीं है .. ये मेरा निजी तौर पर मानना है कि हमें 5 एकड़ जमीन के ऑपर को वापस लौटा देना चाहिए .. औवेसा के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए आचार्य सत्येंद्र दास हो और बाबरी पक्षकार इकबाल अंसारी ने साफ तौर कहा है कि इस मामले में औवेसी की राय कोई मतलब नही रखती ..

आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि ओवैसी की बातों का कोई महत्व नहीं देता, मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में व सांसद जरूर हो गए हैं लेकिन उनके अंदर गंभीरता नहीं है. वो सिर्फ विरोध करना ही जानते हैं. सत्येंद्र दास कहते हैं कि माहौल खराब करके राजनीति करना उनका उद्देश्य. मुसलमानों को भड़का कर राजनीति करना ही ओवैसी का उद्देश्य है. वहीं बाबरी पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि उनको नहीं जानता उनका नाम नहीं लेता वह क्या कहते हैं और क्या नहीं. अंसारी आगे कहते हैं कि मैं अयोध्या का पक्षकार हूं. मैं अपनी बात करता हूं. इस फैसले से पूर्ण रूप से संतुष्ट हूं. मैंने पूरी दुनिया के सामने स्वीकारा है… इकबाल अंसारी ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला किया है मैं उसका सम्मान कर रहा हूं.

कोर्ट हमें 5 एकड़ की जमीन दी है वह तय करेगी कि हमें कहां जमीन देगी. उस जमीन का क्या करना है यह हम तय करेंगे, लेकिन हम ऐसा कोई काम नहीं करेंगे जिससे सौहार्द बिगड़े. उन्होंने कहा कि जमीन हम लेंगे और देश में अमन चैन कायम रहे ऐसा कार्य करेंगे. हम सौहार्द बनाने का काम करते हैं, लेकिन कुछ लोग जरूर सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं….इस तरह औवेसी के बयान को मुस्लिम पक्षकारों की तरफ से भी समर्थन मिलता नजर नहीं आ रहा है .. दरअसल मुस्लिम पक्षकारों की कोशिश यही है कि किसी भी सूरत में ऐसी कोई बात नहीं होनी चाहिए कि जिससे कोई हल निकलने के बजाय हालात खराबी की तरफ चले जाएं