- हिन्दू महासभा की पीएम मोदी से मांग
- हिंदू महासभा ने की कारसेवकों से दर्ज केस वापस लेने की मांग
- बाबरी मस्जिद ढहाने वालों से मुकदमा हटाने की मांग
- ‘पेंशन और मरने वालों को शहीद का दर्जा मिले’
राममंदिर पर फैसला आने के बाद अब रोज नई मांग के साथ लोग सामने आ रहे हैं…. इसी फेहरिस्त में अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने कारसेवकों के खिलाफ दर्ज उन सभी मुकदमों को वापस लेने की मांग की है… जो 1992 में बाबरी ध्वस्त के वक्त दर्ज किए गए थे…. सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए संगठन ने 1992 या उससे पहले अयोध्या आंदोलन के दौरान मारे गए सभी राम भक्तों के लिए ‘शहीद’ का दर्जा देने की भी मांग की है… इसके अलावा मृतकों के परिजनों को आर्थिक मदद और सरकारी नौकरी देने की मांग की… यही नहीं हिंदू महासभा ने सरकार से कारसेवकों को धार्मिक स्वतंत्रता सेनानी घोषित करने की भी अपील की है
संगठन ने इस बाबत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को एक पत्र भी लिखा है… हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में इतनी स्पष्ट बातें नहीं कहीं जितनी पीएम मोदी और अन्य नेताओं को भेजे पत्र में कहीं गईं…अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने ASI की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने की पुख्ता जानकारी नहीं है…. सबसे जरूरी कोर्ट ने यह निष्कर्ष निकाला था कि… 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद का ढहाया जाना कानून का उल्लंघन था…
आपको बता दे अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर ऐतिहासिक फैसला सुनाया था….. इस फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर बनने का रास्ता साफ हो गया है…. कोर्ट ने अयोध्या की विवादित जमीन पर रामलला विराजमान का हक माना है…. साथ ही फैसले में सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में ही कहीं पांच एकड़ जमीन देने को कहा है…. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने अयोध्या विवाद पर लगातार 40 दिन तक सुनवाई की थी