• भ्रष्टाचार पर केशव के ‘तेवर’ गर्म
  • केशव ने CM को खत लिखा
  • LDA में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर लिखा पत्र
  • केशव ने सीएम को भेजी घोटालों की सूची, एलडीए में हड़कंप

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक चिट्ठी लिखी है…. ये चिट्ठी लखनऊ विकास प्राधिकरण में मौजूद भ्रष्टाचार को लेकर हैं…. इस चिट्ठी में केशव ने सीएम योगी को एलडीए में हुए घोटालों को लेकर लिस्ट भेजी है…जिसमे कमर्शल प्लॉटों के आवंटन से लेकर बेचे जाने पर सवाल…. अपार्टमेंट के निर्माण में घोटालों की ओर इशारा…. समायोजन में फर्जीवाड़े के संकेत…. और पुरानी योजनाओं की गायब हुई फाइलों पर सवाल… तामम बाते शामिल है…. आइए देखते केशव की ओर से योगी को लिखी गई चिट्ठी में कौन कौन सी शिकायते हैं

नियम के मुताबिक, एलडीए के कमर्शल प्लॉटों की नीलामी में तीन साल पुरानी कंपनी ही शामिल हो सकती है, लेकिन एलडीए अधिकारियों ने नौ दिन पहले बनी कंपनियों को भी प्लॉट आवंटित कर दिए। चौंकाने वाली बात यह है कि ई नीलामी में महज नौ दिन पहले बनी कंपनियों को शामिल कैसे किया गया?

पत्र में रोहतास बिल्डर के फर्जीवाड़े पर एलडीए की चुप्पी पर भी सवाल उठाया गया है… पत्र के मुताबिक डिवेलपर के खिलाफ हजरतगंज में एफआईआर दर्ज है… फिर भी अधिकारी डिवलेपर पर मेहरबान हैं… गौरतलब है कि डिवेलपर के फरार होने के बावजूद सुलतानपुर रोड स्थित उसकी योजना का डीपीआर पास हो गया

पत्र में कहा गया है कि… पारिजात, पंचशील, स्मृति, सृष्टि और सहज अपार्टमेंट बनाने में धांधली करने वाली कंपनियों को ब्लैक लिस्ट नहीं किया गया, बल्कि बचा हआ काम दूसरी कंपनियों से करवा लिया गया

पुरानी योजनाओं में चहेतों को पहले 40 वर्गमीटर के प्लॉट आवंटित किए गए और बाद में उसकी जगह उन्हें गोमतीनगर विस्तार जैसी पॉश कॉलोनियों में 150 वर्गमीटर के प्लॉट दे दिए गए

टीपी नगर, गोमतीनगर और जानकीपुरम समेत कई योजनाओं में सैकड़ों आवंटियों की फाइलें ही गायब हैं… रजिस्टर में कोई ब्योरा तक नहीं दर्ज है…. ऐसे सवाल क्या योगी ऐसे ही भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसती है…. क्या भ्रष्टाचारियों को सरकार का खौफ नहीं है… आखिर किसकी शह पर वो खुले आम ईमानदारी को धता बताकर धड़ल्ले अपना मकसद, अपने लालच को पूरा कर रहे हैं…. किसी ना किसी रसूखदार व्यक्ति का हाथ तो एलडीए में बैठे अधिकारियों के सिर पर होगा… अगर सरकार सिस्टम में ऐसी ईमानदारी लाएगी…जनता के हितों की रक्षा कैसे होगी