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क्या Akhilesh Yadav और Jayant Chaudhary की राह अलग हो गई

क्या Akhilesh Yadav और Jayant Chaudhary की राह अलग हो गई? … सामने आया Brij Bhushan Sharan Singh का एंगल !

UP Nikau Chunav 2023 : क्या Akhilesh Yadav और Jayant Chaudhary की राह अलग हो गई | Therajneeti

क्या अखिलेश और जयंत की राह अलग हो गई? सपा अध्यरक्ष की सहारनपुर रैली में क्यों नहीं आ रहे RLD चीफ
क्या अखिलेश यादव, बृजभूषण सिंह के मामले पर जयंत चौधरी की ओर से जंतर मंतर पर धरने में बैठे खिलाड़ियों के पक्ष में स्टैंड लेने से खफा हैं ?
जिस तरह से जयंत ने बृजभूषण शरण सिंह को ललकारा… अखिलेश को जयंत के उस अंदाज पर क्या एतराज है ?
क्या जाट सियासत को रफ्तार देने के लिए जयंत ने गठबंधन धर्म को तोड़ा… और क्या अब खिलेश और जयंत की राह अलग हो गई?

ये सवाल इसलिए क्योंकि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक ऐसा फैसला लिया… जिसमें एक वजह का कनेक्शन इससे होता दिख रहा है… सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव नगर निकाय चुनाव में एक अहम फैसला लिया है… जिसका कनेक्शन जयंत चौधरी की सियासत से हैं… और कनेक्शन बृजभूषण सिंह से भी है… अब कैसे, इस रिपोर्ट को आखिर तक देखिए पूरी बात जरूर समझ जाएंगे…

गोंडा के कैसरगंज से बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कई महीने से पहलवानों ने मोर्चा खोला हुआ है… और अब एक बार फिर देश के जाने माने पहलवान दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं…. इसी दौरान 26 अप्रैल को आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी… प्रदर्शन कर रहे पहलवानों से मिलने जंतर मंतर पर पहुंचे…. जयंत चौधरी ने वहा साफ ऐलान किया… अगर खिलाड़ियों को इंसाफ नहीं मिला, तो वो पश्चिमी यूपी में मोर्चा खोलेंगे…. और यूपी के पहलवान भी इस प्रदर्शन में शामिल होंगे…. ये चैलेंज जयंत चौधरी मे मोदी सरकार को दिया… बृजभूषण शरण सिंह को दिया…
इधर बृजभूषण शरण सिंह ने एक बड़ी बात कही थी… जब उनसे सवाल किया गया था… सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव उनके खिलाफ कुछ नहीं कह रहे हैं… तो बृजभूषण शरण सिंह ने अखिलेश यादव को शुक्रिया कहा था… इसके साथ ही कहा… अखिलेश उन्हें बचपन से जानते हैं… वो जानते हैं मैं कुछ भी कर सकता हूं… लेकिन ये आरोप जो लग रहे हैं… वो नहीं कर सकते हैं… मैंने यूपी के 10 हजार पहलवानों को आगे बढ़ाया… जिसमें करीब 8 हजार पहलवान यादव समाज से आते हैं… उनमें से ज्यादातर समाजवादी विचारधारा से जुड़े हुए हैं… जाहिर सी बात है… कहने वाले कह रहे हैं… सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव जयंत की ओर से बृजभूषण सिंह के खिलाफ लिए गए स्टैंड से नाराज हैं… अब इसका कनेक्शन अखिलेश के उस फैसले से किया जा रहा है… जिसमें पश्चिमी यूपी में अखिलेश जयंत के साथ प्रचार में नहीं दिखेंगे…

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में गठबंधन कर मैदान में उतरने वाली समाजवादी पार्टी और राष्ट्री य लोक दल में क्या खटास आ गई है? यूपी के सियासी गलियारों में ये सवाल जोरों से उठ रहा है… दरअसल इसके पीछे की वजह है… वजह ये है कि सहारनपुर में अखिलेश यादव ने निकाय चुनाव प्रचार और रैली अकेले की… उन्होंने पार्टी प्रत्याधशियों के लिए जनता से वोट मांगा और रोड शो किया… इस दौरान उनके सहयोगी आरएलडी के अध्यलक्ष जयंत चौधरी नहीं मौजूद रहें… पश्चिमी यूपी आरएलडी का प्रभाव क्षेत्र वाला इलाका माना जाता है… जयंत चौधरी अपने इलाके में हुए अखिलेश के कार्यक्रम में दिखाई नहीं दिए… इसी को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी कई यूजर पूछ रहे हैं कि क्याल अखिलेश और जयंत चौधरी की राहें अलग हो गई हैं…
हालांकि, आरएलडी की तरफ से एक पत्र जारी कर कर स्पाष्टग किया गया है कि पार्टी के स्थांनीय नेता और कार्यकर्ता भाषण स्थजल पर पहुंचकर अखिलेश यादव का स्वाजगत और अभिनंदन करेंगे… किया भी… लेकिन जयंत चौधरी का इस मौके पर न मौजूदा होना अपने आप में बड़ा सवाल है… बताया जा रहा है कि पश्चिमी यूपी में ऐसे कई जिले हैं जहां सपा और आरएलडी प्रत्यानशी नगर निकाय चुनाव में आमने सामने हैं… यही वजह है कि जयंत चौधरी अखिलेश के साथ मंच साझा करने से बच रहे हैं… हालांकि यूपी की कई सीटों पर सपा और आरएलडी ने अपने सीटों का बंटवारा कर लिया है… मतलब वहां सपा या आरएलडी में से कोई एक प्रत्याएशी ही चुनाव मैदान में है…

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