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Gorakhpur News : गोरखपुर से BJP की अकेली मुस्लिम सभासद हकीकुननिशा

गोरखपुर से BJP की अकेली मुस्लिम सभासद हकीकुननिशा… पति अब्दुल ने योगी को तब दिया था साथ, जब सिर्फ सांसद थे

Gorakhpur News : गोरखपुर से BJP की अकेली मुस्लिम सभासद हकीकुननिशा | The Rajneeti

गोरखपुर से BJP की अकेली मुस्लिम सभासद हकीकुननिशा… योगी के खास हैं हकीकुननिशा के पति, योगी आदित्यनाथ और बरकत अली की कहानी… जब जब योगी ने याद किया… बरकत अली ने दिया दिल से साथ, हकीकुननिशा को बीजेपी से योगी ने टिकट दिलवाया… पति बरकत अली ने दिलवाई जीत

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड बनाते जा रहे हैं… रिकॉर्ड के इसी फेहरिस्त में एक और रिकॉर्ड है… इसकी बानगी योगी के गढ़ गोरखपुर में देखने को मिली… यहां बीजेपी के टिकट से चुनाव लड़ी हकीकुननिशा ने वार्ड नंबर 5 से जीत दर्ज की है…बीजेपी के टिकट पर किसी मुस्लिम महिला का गोरखपुर के किसी वार्ड से जीतना खुद में इतिहास है… गोरखपुर नगर निगम के वार्ड संख्या 5 का नाम बाबा गंभीरनाथ के नाम से जाना जाता है…बाबा गंभीरनाथ एक सिद्ध संत थे…वो गोरखपुर में मौजूद गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर भी रह चुके हैं…मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ के पूज्य गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ के गुरु ब्रह्मलीन दिग्विजयनाथ के गुरु थे ब्रह्मलीन बाबा गंभीरनाथ… इस वार्ड से अबकी बार बीजेपी ने हकीकुननिशा को पार्षद का टिकट दिया… हकीकुननिशा बरकत अली की पत्नी है… नतीजे आये तो वो जीत गईं…बीजेपी के टिकट पर किसी मुस्लिम महिला का गोरखपुर के किसी वार्ड से जीतना खुद में इतिहास है…लेकिन ये सब कुछ अचानक नहीं हुआ…

हकीकुननिशा के पति बरकत अली और उर्वरक नगर के कई बार पार्षद रहे मनोज सिंह का इसमें महत्वपूर्ण योगदान है… दोनों की पृष्ठभूमि राजनैतिक है… बरकत ने 2012 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पार्षदी का चुनाव लड़ा था, तब वह 52 मतों से हार गये थे… 2017 में सीट आरक्षित होने की वजह से उनको मौका नहीं मिला… इस बार जब ये सीट महिलाओं के लिए आरक्षित हुई तो बरकत की पत्नी हकीकुननिशा को बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया… हकीकुननिशा को राजनीति का कोई अनुभव नहीं है पर वो योगी के काम से प्रभावित हैं… उनके पति बरकत अली लंबे समय से गोरखनाथ मंदिर और योगी आदित्यनाथ से जुड़े हैं… और गोरखपुर में बीजेपी किसान मोर्चा के उपाध्यक्ष हैं…

बरकत अली का योगी आदित्यनाथ से संबंध यूं ही अचानक नहीं बनाया…करीब 2 दशक पहले गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने मानबेला में आसपास के कुछ गावों की जमीन अधिग्रहित की थी… मुआवजे को लेकर किसान संतुष्ट नहीं थे। तब बरकत ने किसानों की मांगों की पुरजोर पैरवी की… तब योगी आदित्यनाथ गोरखपुर के सांसद थे… वो भी किसानों की मांगों से सहमत थे… लेकिन समस्या ये थी कि इस आवाज को मुखर करने के लिए पीड़ित तो साथ आएं… मानबेला के आसपास के प्रमुख गांव फत्तेपुर और नोतन आदि मुस्लिम बहुल हैं… इस समस्या को दूर करने के लिए मनोज सिंह, बरकत अली बीच की कड़ी बने तो उनका गोरखनाथ मंदिर आने का सिलसिला भी शुरू हो गया..

एक दूसरा किस्सा भी योगी आदित्यनाथ औऱ बरकत अली से जुड़ा है… बात 2014 की है… केंद्र की कांग्रेस सरकार के खिलाफ माहौल बनने लगा था…बीजेपी ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री का चेहरा घोषित किया था… देश भर उनकी रैलियां हो रहीं थीं… उसी क्रम में गोरखपुर में भी एक रैली होनी थी…योगी का प्रयास था कि फर्टिलाइजर कारखाने के मैदान में रैली हो जाए…वो बड़ा था, सुरक्षित और सड़क से वेलकनेक्टेड भी, पर बात बनी नहीं… फर्टिलाइजर के पूर्वी गेट से कुछ आगे मानबेला का बड़ा पर उबड़-खाबड़ वह मैदान था, जिसका जीडीए ने अधिग्रहण कर रखा था… आसपास के गांव अल्पसंख्यक बहुल थे… उनसे कैसे सहयोग लिया जाय, ये भी एक समस्या थी… ऊपर से उस साल फरवरी के 28 दिनों में 18 दिन बारिश के थे… ऐसे में मैदान को समतल करना भी एक समस्या थी… बात बरकत अली तक पहुंची, तो वह मनोज सिंह के साथ आसपास के प्रमुख स्वजातीय लोगों का प्रतिनिधिमंडल लेकर योगी से मिले… भरोसा दिलाया कि हम हरसंभव सहयोग करेंगे… ऐसा हुआ भी, तब यह खबर कुछ प्रमुख अखबारों में सुर्खियां बनी थी…बकौल बरकत किसान आंदोलन के दौरान ही हम लोग महाराज से मिले और कहा कि आप ही हमें इंसाफ दिला सकते हैं… उसके बाद आने-जाने का सिलसिला शुरू हो गया… 2015-16 में भाजपा का सक्रिय सदस्य बना… 2017 में भाजपा किसान मोर्चा के क्षेत्रीय कार्यसमिति का सदस्य बन और 2018 में जिले का उपाध्यक्ष,,,

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चुनाव में जीत के बाद गोरखपुर में सभी नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों से मिले… उनके साथ गोरखनाथ मंदिर में हकीकुननिशा भी पहुंची थीं… उन्होंने योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर आशीर्वाद लिया… योगी ने जीत पर बधाई देते हुए उनके साथ शहर के विकास के लिए प्राथमिकताओं पर चर्चा की… हकीकुननिशा कहती हैं कि महाराज जी के नेतृत्व में अब गोरखपुर के विकास के लिए काम करूंगी। वह सबका साथ सबका विकास के लिए काम करेंगी…

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