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‘घूंघट’ पर गहलोत का हमला, ‘गया इसका जमाना’

  • घूंघट का गया जमाना
  • राजस्थान सीएम अशोक गहलोत का घूंघट पर हमला
  • कार्यक्रम में बोले अब घूंघट का जमाना चला गया
  • महिला को घूंघट में कैद रखने का अधिकार किसी को नहीं
  • घूंघट नहीं हटेगा तब तक महिलाएं आगे नहीं बढ़ पाएंगी

महिलाओं के परदे में रहने को लेकर सवाल लगातार उठत हैं आए हैं क्योंकि हमारे देश के कई हिस्सों में ये परंपरा काफी गूढ़ है .. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोकर गहलोत ने इस प्रता पर बड़ा बयान दिया है कि अब घूंघट क दिन खत्म क्योंक वक्त बदल गया है .. अशोक गहलोत ने ये बात महिलाओं के लिए काम करने वाले संगठन क कार्यक्रम में कही .. गहलोत ने कहा कि घूंघट का जमाना अब चला गया है. अशोक गहलोत ने जयपुर में एक कार्यक्रम में कहा, ‘गांव में आज भी घूंघट है, एक महिला को घूंघट में कैद करने का एक समाज को क्या अधिकार है? जब तक घूंघट रहेगा तब तक महिलाएं आगे नहीं बढ़ पाएंगी. जमाना गया अब घूंघट का.’.. संस्था के कार्यक्रम मे बोलेत हुए गहलोत ने कहा कि वक्त बदल चुका है. वहां उन्होंने बिना घूंघट की महिलाओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि ग्रामीण इलाकों में अब भी घूंघट करती हैं।

अब महिलाएं पढ़-लिखकर हर क्षेत्र में सफलता हासिल कर रही हैं. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का उदाहरण हमारे सामने है… इस  कार्यक्रम के दौरान अशोक गहलोत ने बाल विवाह पर भी हमला बोला उन्होंने कहा कि बाल विवाह से सिर्फ जिंदगी बर्बाद होती है. उन्होंने बताया कि जनसुनवाई के दौरान एक बच्ची शिकायत लेकर आई कि उसका बाल विवाह किया जा रहा है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बच्ची का बाल विवाह नहीं होना चाहिए और अगर वह पढना चाहे तो सरकार पूरी मदद करेगी… वहीं पिछले साल लोकसभआ चुनावों में प्रचार के दौरान बीजेपी प्रत्याशी सिद्धी कुमारी ने घूंघट को महिलाओं की ताकत बताया था .. उंहोंन चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि घूंघट महिलाओ के सशक्तिकरण और  राजस्थान की इमेजहै .. ये राजस्थान को दिखाता है और इसके अंदर हम बहुत फख्र महसूस करते हैं .. बीकानेर के रजा परिवार स आने वाली सिद्धी कुमारी ने ये भी कहा था कि घूंघट करना महिला का अपना फैसला है .. लेकिन अब सीएम अशोक गहलोत ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में घूंघट का विरोध किया उसे महिलाओं की आजादी के लिए बड़ा बयान माना जा रहा है .. हालांकि इसका बाहर क्या असर होगा ये अभी देखना होगा क्योंकि इसका विरोध भी हो सकता है लेकिन महिलाओं की आजादी और उनके अधिकारों को लेकर ये काफी अहम बयान है .. सीएम का सार्वजनकि मंच से घूंघट का विरोध करना और कहना कि अब इसका समय चला गया है और अब महिलओं के आगे बढ़ने का समय है

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