Site icon UP News | Uttar Pradesh Latest News । उत्तर प्रदेश समाचार

जब Atique Ahmed बना था ManMohan सरकार खैवनहार.

अतीक की सियासी जिंदगी से जुड़ा किस्सा… जब अतीक बना था मनमोहन सरकार खैवनहार !

जब Atique Ahmed बना था ManMohan सरकार खैवनहार ! | The Rajneeti | UP News | Prayagraj

अतीक अहमद की सियासी जिंदगी से जुड़ा किस्सा… UPA सरकार का बना था हिस्सा
अतीक अहमद ना होता… तो गिर सकती थी मनमोहन की सरकार
मनमोहन सिंह सरकार का अतीक ने किया था बेड़ा पार… तोहफे से अतीक को मिला था आभार

आज माफिया अतीक अहमद इस दुनिया में नहीं है… अब जबकि नहीं है… तो उसकी जिंदगी से जुड़ा सियासी किस्सा सामने आ गया… एक वक्त था… जब यूपीए सरकार के लिए मददगार साबित बना था… अतीक ने मनमोहन सरकार को बचाने में अहम भूमिका निभाई थी… साल 2008 में जब तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार और अमेरिका के साथ उसके परमाणु समझौते पर संकट के बादल मंडरा रहे थे… तब गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद ने सरकार बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी… ये दावा एक किताब ‘बाहुबलीज ऑफ इंडियन पॉलिटिक्स : फ्रॉम बुलेट टू बैलट’ में किया गया है… विपक्ष तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था… और यूपीए सरकार और अमेरिका के साथ किया गया परमाणु समझौता दांव पर लग गया था…किताब में दावा किया गया है…

तब अतीक सहित छह अपराधी सांसदों को 48 घंटे के भीतर विभिन्न जेलों से पैरोल पर छोड़ा गया था… इन छह सांसदों में समाजवादी पार्टी का तत्कालीन लोकसभा सदस्य अतीक अहमद था, जो तत्कालीन इलाहाबाद अब प्रयागराज के फूलपुर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहा था

राजेश सिंह की ओर लिखे गई इस किताब में बताया गया है कि अतीक उन बाहुबलियों में से एक था, जिन्होंने यूपी सरकार को गिरने से बचाया था… असैन्य परमाणु समझौता करने के सरकार के फैसले पर वाम दलों ने 2008 के मध्य में सरकार को दिया गया अपना बाहरी समर्थन वापस ले लिया था…किताब में लिखा गया है…

लोकसभा में संप्रग के 228 सदस्य थे और अविश्वास प्रस्ताव से उबरने के लिए सरकार को 44 वोट कम पड़ रहे थे… प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने, हालांकि, विश्वास व्यक्त किया था कि उनकी सरकार सत्ता में बनी रहेगी…ये जल्द ही स्पष्ट हो गया कि वो विश्वास मत कहां से आया था

उन्होंने लिखा है कि तब समाजवादी पार्टी, अजीत सिंह के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोक दल और एच डी देवेगौड़ा की जनता दल सेक्युलर ने यूपीए को अपना समर्थन दिया था…उन्होंने आगे लिखा कि संप्रग को समर्थन देने वाले अन्य सांसदों में ये ‘बाहुबली नेता’ भी शामिल थे… पुस्तक में कहा गया है, विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से 48 घंटे पहले सरकार ने देश के कानून तोड़ने वालों में से छह को पैरोल पर जेल से बाहर निकाल दिया था, ताकि वो अपने संवैधानिक दायित्वों को पूरा कर सकें…

इन बाहुबली सांसदों पर कुल मिलाकर अपहरण, हत्या, जबरन वसूली, आगजनी सहित 100 से अधिक मामले दर्ज थे… पुस्तक के अनुसार, ‘‘इन बाहुबली सांसदों में से एक उत्तर प्रदेश से समाजवादी पार्टी का सांसद अतीक अहमद था… उसने अपना वोट डाला था और वह भी संकटग्रस्त यूपीए सरकार के पक्ष में… उस समय तक अतीक अहमद खुद को अपराध और राजनीति दोनों क्षेत्रों में स्थापित कर चुका था…

Exit mobile version