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डेंगू के डंक से यूपी सरकार की किरकिरी !

  • UP में कम नहीं हो रहा डेंगू का डंक
  • लखनऊ समेत प्रदेशभर में डेंगू को लेकर बुरा हाल
  • वायरल और डेंगू से हजारों लोग बीमार
  • प्रयास जारी हैं लेकिन नहीं मिल रही है कामयाबी !

बिगड़ती कानून व्यवस्था के बीच यूपी की सेहत भी इन दिनों डर हुई है… सहमी सी है… खौफ में जी रही है… दहशत दिलों दिमाग पर हावी है… मौसमी बुखार और डेंगू अपना विकराल रूप दिखा रहा है… जनता स्वस्थ्य सेहत को अपने डंक से निचोड़ रहा है…. निशाने पर ले रहा है…. राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश भर में डेंगू को लेकर बुरा हाल है…. मौसमी बुखार और डेंगू के हजारों मरीज अस्पतालों का रुख कर रहे हैं…. हालात ये है कि लखनऊ के सभी सरकारी अस्पताल डेंगू के मरीजों से भर चुके हैं…. हालांकि योगी सरकार का दावा है कि… दवाएं और इलाज मुहैया कराया जा रहा है…. लेकिन लखनऊ को छोड़ कर बाकी जगहों पर हालात बहुत अच्छे दिखाई नहीं देते हैं…. बावजूद इसके शासन…प्रशासन.. निदेशालय सबके अपने राग और अपनी ढपली है…. उनके पास आश्वासन का पहाड़ है… दिखाने के लिए…. खानापूर्ति करने के लिए …. कागजों पर कार्रवाई का आश्वासन दे रहे हैं… लेकिन इस सवाल का शायद ही जवाब होगा… अगर सबकुछ नियंत्रण में है… प्रदेश की राजधानी के अस्पतालों में 600 से ज्यादा डेंगू और वायरल बुखार के मरीज भर्ती कैसे हैं….सरकारी आंकड़ों के मुताबिक डेंगू से लखनऊ में तीन लोगों की मौत हो चुकी है… लेकिन हकीकत में ये आंकड़ा इससे ज्यादा है…. कहा जाता है.,.. कि दिवाली के त्योहार के बाद डेंगू के मरीजों की संख्या कम हो जाती है लेकिन अभी तक मरीजों की संख्या में बहुत ज्यादा परिवर्तन दिखाई नहीं दे रहा है

डेंगू के कहर का अंदाज इस बात से लगाइए…. कि यूपी सरकार के तेजतर्रार और सीनियर आईएएस अफसर नवनीत सहगल से लेकर कुछ सीनियर पीसीएस अफसर तक इस साल डेंगू के शिकार हो गए…. लखनऊ के आधा दर्जन थानों के सिपाही और दो दारोगा को भी डेंगू बुखार हो गया…. ऐसा नहीं है कि डेंगू के आने का वक्त विभागीय अधिकारियों को मालूम नहीं है… सबको मालूम है.,.. बारिश के बाद शुरू होने वाला डेंगू हर साल हजारों लोगों को अपने चपेट में लेता है. बावजूद इसके इससे लड़ने की तैयारियां अमल में नहीं लाई जातीं

नगर निगम डेंगू के नाम पर हर साल करोड़ों की फॉगिंग करवाता है, साथ ही एंटी लार्वा का भी छिड़काव करता है… लेकिन हालात साल दर साल एक जैसे होते हैं…. सरकारें आती हैं और जाती हैं… लेकिन डेंगू का प्रकोप बदस्तूर बना रहता है…..सरकारी कोशिशों के बाद भी इस साल डेंगू और मौसमी बुखार को लेकर बहुत परिवर्तन दिखाई नहीं देता है…. तो अब इसे क्या कहेंगे… इसके लिए किसे जिम्मेदार मानेंगे… कुछ तो सिस्टम में गड़बड़ है… जो डेंगू कभी दिल्ली सबसे ज्यादा सितम बरपाता था… वहीं उसकी डेंगू ने राजधानी लखनऊ समेत यूपी के अन्य हिस्सा में अपना बसेरा बना लिया… सरकार के पास अब सिर्फ आश्वासन है… कोरा वादा है… और जनता के पास कुछ बचा है… तो सब्र करके डेंगू मच्छर के डंक सहना

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