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नहीं रहे चुनाव सुधारों के सूत्रधार टीएन शेषन

  • नहीं चुनाव सुधार के सूत्रधार
  • पूर्व चुनाव आयुक्त टीएन शेषन का चेन्नई में निधन
  • 86 वर्ष की आयु में ली अपने आवास पर अंतिम सांस
  • पीएम समेत कई गणमान्य व्यक्तियो ने शोक व्यक्त किया
  • चुनाव में अभूतपूर्व सुधारों के लिए याद किए जाएंगे शेषन

चुनावों में अभूतपूर्व सुधार करने वाले और वोटिंग के लिए मतदाता पहचान पत्र क शूरआत करवे वाले पूर्व चुनाव आयुक्त टीएन शेषण का निधन हो गया .. वो 86 वर्ष के थे ..दिल का दौरा पड़ने से रविवार रात करीब साढ़े नौ बजे उनका निधन हो गया.. उंहोंने चैन्नई स्थित अपन आवास पर अंतिम सांस जहा वो बीमारी की वजह से काफी समय से उपचार करा रह थे .. शेषन ने 1990 के दशक में देश में चुनाव सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.. उनके निधन पर पीएम मोदी ने ट्वीट करके शोक व्यकत् किया है ..  पीएम ने कहा- “टीएन शेषण बेहतरीन सरकारी सेवक थे। उन्होंने अत्यंत परिश्रम और निष्ठा के साथ भारत की सेवा की। चुनाव सुधार की दिशा में उनके प्रयास ने लोकतंत्र को और मजबूत किया। उनके जाने से पीड़ा पहुंची है। ओम शांति।”.. वहीं पूर्व चुनाव आयुक्त एस.वाई. कुरैशी ने ट्वीट किया, ”यह बताते हुए दुख हो रहा है कि टी.एन. शेषन अब हमारे बीच नहीं रहे। वह आदर्श और अपने उत्तराधिकारियों के लिए प्रेरक थे। मैं उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं।”इसके अलावा सभी पार्टियों के गणमान्य राजनीतिज्ञोंन उनके निधन पर शोक व्यक्त किया

शेषण अपने पूरे कार्यकाल में अपनी स्पष्ट वाणी के लिए मशहूर रहे और चुनाव सुधार के लिए उठाए गए उनके सुधारों की उंहे कई आलोचना भी झेलनी पड़ी लेकिन वो नहीं डिगे और अपनी कोशिश जारी रखी .. आज देश में चुनाव सुधार में जितना भी पारदर्शता आई है उसका श्रेय उंहीं को जाता है .. शेषण कहत थे कि वो वो अपने नाश्ते में राजनेताओं को खाते हैं और यही नजह थी राजेताओं में उनका खौफ नजर आता था .. उनकी कार्यशैली पर बिहार के पूर्व सीएम लालू यादव ने कहा था कि ई शेषन को भैंसिया पर चढ़ा करके गंगाजी में हेला देंगे..क्योंकि बिहार में चुनाव के दौरान होने वाली हिंसा और बूथ कैप्चरिंग को रोकने के लिए टीएन शेषन ने पहली बार कड़े कदम उठाए थे. शेषन ने साल 1995 में बिहार में पहली बार 4 चरणों में चुनाव करवाया था. इस दौरान चारों बार चुनाव की तारीखें बदली गईं.

इस दौरान लालू ने रैलियों में उनके खिलाफ खूब बयानबाजी की.. ये उस समय का बिहार का सबसे लंबा चुनाव था .. टीएन शेषण ने चुनाव खर्च की सीमा कम कर दी थी और दीवारों पर राजनीतिज्ञ स्लोगन लिखने और पोस्टर चिपकाने पर प्रतिबंध लगा दिया था .. चुनाव प्रचार के दौरान लाउडस्पीक से प्रदूषम और सांप्रदायिक भाषण उनके निशाने पर रहे थे ..10वें मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन का कार्यकाल 12 दिसंबर, 1990 से 11 दिसंबर, 1996 तक रहा था. चुनाव आयुक्त बनने से पहले शेषन ने कई मंत्रालयों में काम किया और जहां भी गए उस मंत्री और मंत्रालय की छवि सुधर गई. टीएन शेषण ने वर्ष 1997 में राष्ट्रपित का चुनाव भी लड़ा था लेकिन वो हार गए थे

https://www.youtube.com/watch?v=qE5FOa6r9hE&t=0s

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