श्रीनगर, 19 दिसम्बर (आईएएनएस)। पूर्व मुख्यमंत्री व नेशनल कांफ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 को रद्द किए जाने के बाद से हिरासत में लिए गए राजनीतिक कार्यकर्ताओं व नेताओं को रिहा नहीं किए जाने तक अपनी हिरासत को रद्द करने के लिए कानूनी सहारा नहीं लेंगे।
यह बात नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के अनंतनाग से सांसद हसनैन मसूदी ने आईएएनएस से कही।
मसूदी ने कहा, हिरासत में लिए गए नेताओं के साथ 6 अक्टूबर को हमारी बैठक में इस पर सहमति बनी कि फारूक व उमर अब्दुल्ला के रिहाई के कानूनी विकल्प पर विचार नहीं किया जाएगा, जब तक कि पांच अगस्त से हिरासत में लिए गए सभी राजनेताओं को रिहा नहीं कर दिया जाता।
उन्होंने कहा कि बार-बार आग्रह के बावजूद उन्हें अब्दुल्ला से मिलने की अनुमति नहीं दी गई है।
मसूदी ने कहा, हमारी अंतिम बैठक छह अक्टूबर को हुई थी।
उन्होंने कहा, इसके बाद से हमने अब्दुल्ला से मुलाकात के लिए कई बार आग्रह किया, फिर भी मिलने की इजाजत नहीं दी गई।
फारूक व उमर अब्दुल्ला, पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के रद्द होने के बाद हिरासत में रखे गए नेताओं में शामिल हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को भी हिरासत में रखा गया है।
–आईएएनएस