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बिजलीकर्मियों के लिए टीपू की योगी से आर-पार की लड़ाई

ये मेहनतकश इंसान हैं… गाढ़ी कमाई के एक एक हिस्से से जिंदगी को बेहतर सांचे में ढालने की कोशिश की… हम वाकई में मेहनतकश इंसान ही हैं… आम आदमी हैं… जिसे कुछ ने आम समझकर निचोड़ने की नापाक कोशिश की…. यूपी बिजली विभाग के कर्मचारी इन दिनों कुछ ऐसा ही सोच रहे होंगे… कर्मचारियों के भविष्य को अंधकार में धकेलने के लिए उनकी भविष्यनिधि को गलत तरीके से निवेश कराया गया… अब उनकी जिंदगी में अंधकार… घोर अंधकार है…. सोचिए क्या गुजर रही होगी इन परिवारों पर… जिनकी वैध रकम को अवैध तरीके से हजम किया गया है…. जो ना सोचा था वही हो गया… आम आदमी की आम जिंदगी के साथ… बेहद ही सोची समझी साजिश की तरह खिलवाड़ गया… वो कल रोजमर्रा की जिंदगी से जद्दोजहद करने के बावजूद चैन की नींद ले रहे थे… लेकिन अब बेचैन हैं… बेकरार और बेताब हैं… न्याय पाने के लिए…. क्या न्याय मिलेगा… क्या यूपी के हजारों कर्मचारियों को अपनी मेहनत का अपना पैसा मिल पाएगा…. ये आम जिंदगी इसी सोच और उधेड़बुन में अपनी राह के आगे खड़ी बाधाओं को देख रही है…. तो सियासत के बिसात काले और उजले राजा के लिए मोहरों ने जंग को भीषण कर दिया… राजाओं ने भी अपनी लड़ाई को शीर्ष पायदान पर पहुंचा दिया है… बीजेपी और सपा के बीच भीषण युद्ध जारी है… अबकी बार सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के निशाने पर खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं… उन्होंने योगी से इस्तीफा मांगा है

बात जनता की गाढी कमाई की है…. तो विपक्ष अपने दाय़ित्व को निभाएगा ही…. अब अखिलेश अगर इस मसले को सियासत के सिल्वर स्क्रीन पर बेहतर तरीके से रख रहे हैं… खुद सियासत के धुरंधर डायरेक्टर बनकर सीएम योगी को निशाने पर ले रहे हैं… अखिलेश ने बिजली कर्मचारियों की भविष्यनिधि निवेश को डीएचएफएल में निवेश लेकर अखिलेश से इस्तीफा मांगा है…. कहा दि…. घोटाले के लिए सिर्फ प्रदेश की बीजेपी सरकार ही जिम्मेदार है और इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस्तीफा दे देना चाहिए… पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने इस घोटाले का दरवाजा अपनी सरकार में खोले जाने के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के आरोप का जवाब देते हुए कहा कि सपा के शासनकाल में कर्मचारियों की भविष्य निधि का एक भी पैसा डीएचएफएल में निवेश नहीं किया गया

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