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शहीद Neelam Singh की बिटिया रोते देख…देश क्यों रोने लगा

शहीद नीलम सिंह की बिटिया रोते देख…देश क्यों रोने लगा, आप भी देखेंगे तो खूब रोएंगे

शहीद Neelam Singh की बिटिया रोते देख...देश क्यों रोने लगा | Uttarakhand News | Indian Army

पापा की प्यारी बेटी… पापा को ढूंढ रही है… नींद से जगा रही है… पापा तो जाग ही नहीं रहे है…
बेटी को बहुत ही गुस्सा आ रहा है… जिद पकड़कर बैठी है… अनंत निद्रा में समाए पापा को जबतक जगाएंगे नहीं… तबतक उठेंगे नहीं…
लेकिन पापा हैं कि जागते ही नहीं… कैसे जागेंगे… वीरता में जो खो गए

दर्द क्या होता महसूस कीजिए… शहीद होना फक्र की बात है… अब मासूम को कोई ये कैसे समझाए बेटी फक्र करो… उसकी तो जिद है… पापा एक बार अपनी आंख तो खोलो… पापा एक बार कुछ तो बोलो… पापा बोलो ना… बोलो ना पापा… पर पापा तो चले गए.. देश पर कुर्बान हो गए… शहीद हो गए… अब बिटिया को कौन समझाए… पापा अब लौटकर कभी नहीं आएंगे… वो तो देश पर कुर्बान हो गए…
तस्वीर देखिए… बिटिया रो रही… लिखते लिखते दिल रो रहा है… बिटियां बुरी तरह से अपने पापा को झकझोर रही है… किसी तरह से उठ जाए… किसी तरह से नींद से जाग जाए… उठ जाए और चल पड़े… कहने लगे चल लाडो चल… चल बेटी चल… चल तुझे दुनिया का सैर कराए… कुछ अपनी नजरों से तुम्हे दुनिया के बारे में समझाऊं… कुछ तुम्हारी नजर से दुनिया को देखू…तू दिल की बात बताएं… मैं तेरी हसरत को पूरा करता जाऊं… बेटी रो रही है… बुरी तरह से रो रही है…

राजौरी के कोटरंका में मई को आतंकियों की तरफ से सेना के गश्ती दल पर किए गए हमले में ज्यौड़ियां के चक किरपालपुर गांव का सपूत स्पेशल पैरा कमांडो नीलम सिंह चिब बलिदान हो गया… इस हमले में कुल पांच पैरा कमांडो बलिदान हुए… नीलम अपने पीछे पत्नी नौ साल की बेटी भावना और पांच साल के बेटे अखिल को छोड़ गए हैं…

अब उसकी बेटी भावना बेसुध पड़ी अपनी मां के पास जोर-जोर से रोते हुए यही कहे जा रही थी कि हे भगवान मेरे पापा को मुझसे नहीं छीनो… मुझे और कुछ नहीं चाहिए… बस मेरे पापा को लौटा दो… बेजान बन गए अपने पापा को कह रही… पापा आप बहुत बुरे हो… पापा एक बार तो उठ जाओ…ये दृश्य देख उसके घर पर मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम हो गईं… नीलम के बलिदान की सूचना जैसे ही उसके परिवार के लोगों को मिली तो वहां मातम छा गया… कुछ ही देर में ये सूचना पूरे गांव में फैल गई… उनकी पत्नी बिंदु राजपूत बेसुध हो गईं… पिता गुरदेव सिंह फूट-फूट कर रो रहे थे…

नीलम के पिता गुरदेव सिंह को अपने बेटे की कुर्बानी पर गर्व है… लेकिन उसके नहीं रहने की तकलीफ अब उन्हें जीवन भर परेशान करती रहेगी… नीलम जब भी छुट्टी लेकर अपने गांव आता तो दिन भर गांव के युवाओं की टोली उसके इर्द-गिर्द जमा रहती… वह गांव के युवाओं को सेना में जाने के लिए प्रेरित करता था… अब नही है… बिटिया कह रही है… पापा आप बहुत बुरे हो, पापा उठ जाओ प्लीज़

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