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सपा की ‘तीन’ महिला शक्ति… हनुमान की ‘भक्ति

सपा की ‘तीन’ महिला शक्ति… हनुमान की ‘भक्ति’ | Dimple Yadav, Ragani Sonkar और Vandana Bajpai का क्या काम बिगाड़ने वाली है ?

UP Nikay Chunav :  सपा की 'तीन' महिला शक्ति... हनुमान की 'भक्ति' | Thw Rajneeti

सपा की ‘तीन’ महिला शक्ति… कानपुर में हनुमान की ‘भक्ति’
तीन तिगाड़ा… कानपुर की सियासत में किसका काम बिगाड़ा ?
डिम्पल, वंदना और रागिनी… जब सपा की महिला ब्रिगेड के तीन चेहरे साथ आए… तो तो कानपुर में हुआ… बीजेपी हैरान हुए बिना नहीं रह सकी !

ये तस्वीर देख लीजिए…सपा के आशियाने से तीन महिला नेता सियासत की शक्ति मिलकर सड़क पर संग्राम के लिए उतरी है… तीनों में दम है… एक ने मैनपुरी में अपनी शक्ति का एहसास दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी को दिखा दिया… बीजेपी के धुरंधर को मात देकर बता दिया… कि उन्हें हल्के में नहीं लिया जा सकता है… उस नेता मुलायम परिवार के रिश्तों में पड़ी सालों की धूल को हटाकर ये भी बता दिया कि वो कुछ भी कर सकती है… डिंपल यादव की यही ताकत है… सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के लिए धीरे धीरे मजबूती के साथ एक बड़ी ताकत बन रही है… दूसरी नेता ने तो विधानसभा अपने शब्दों से ऐसा रस घोला… अपने शब्दों की चासनी से ऐसे वाक्य सजाए… कि अपने तो अपने विरोधी भी देखते रह गए… तालियां बजाने के लिए मजबूर हो गए… वो जो कहती है… उससे सुनने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मजबूर हो जाते हैं… ये रागिनी सोनकर का अपना सियासी अंदाज है… अपनी ताकत हैं… जिसे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपनी ताकत बना ली है… और उन्हें जिम्मेदारी पर जिम्मेदारी दे रहे हैं… क्योंकि अखिलेश को मालूम हैं… रागिनी जहां जाएंगी… वही जनता को ये बताने में कामयाब होंगी… अखिलेश योगी से कैसे बेहतर है… तीसरी हैं वंदना वाजपेयी… जो कानपुर नगर निकाय चुनाव में मेयर प्रत्याशी है…अब तीनों निकली है… कानपुर में बीजेपी की सियासत को बिगाड़ने के लिए…

जीहां सपा में महिला नेताओं की एक ऐसी जमात निकल रही है… जो 2024 के लिए तैयार हो रही है… इसे प्रचार नहीं… प्रैक्टिस कहिए… इसे खानापूर्ति नहीं बल्कि एक लड़ाई का आगाज मानिए… डिंपल और रागिनी ना सिर्फ अपने लिए अपनी सियासत के लिए लड़ेंगी… बल्कि सपा की ओर से लड़ाई लड़ेंगी… बीजेपी के खिलाफ आवाज बुलंद करेंगी… अखिलेश सपा में उन महिला नेताओं को आगे बढ़ा रहे हैं… जिनमे राजनीति के बेहतर स्कोप दिखते हैं… जिन्होंने वक्त वक्त पर बीजेपी की राजनीति को ध्वस्त किया है… अखिलेश मान चुके हैं… सपा की राजनीति को धार तब मिल सकती है… जब उनकी पार्टी में महिलाओं की राजनीति तेज होगी… इसलिए डिंपल यादव के साथ उन्हें साथ लगाया है… उन्हें आगे बढ़ाया गया है… जिन्होंने अपने सियासी अंदाज से विरोधियों को छकाया है… डिंपल यादव के कानपुर में रोड शो में कुछ खास है… बताएंगे आपको…

दरअसल समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी और मैनपुरी से सपा सांसद डिंपल यादव ने 8 मई को नगर निकाय चुनाव के लिए कानपुर शहर के दक्षिणी इलाकों में रोड शो किया…. उन्होंने इस दौरान कानपुर से पार्टी की महापौर पद की उम्मीदवार वंदना बाजपेयी के पक्ष में लोगों से मतदान करने की अपील की..सपा सांसद डिंपल यादव का रोड शो किदवई नगर में ‘हनुमान मंदिर’ से शुरू हुआ और बाबूपुरवा, जूही, यशोदा नगर और गोविंद नगर , दासू कुआं, पशुपति नगर, श्रीराम चौक होते हुए यशोदा नगर बाईपास, कानपुर नगर में इसका समापन हुआ. डिंपल यादव हनुमान मंदिर में दर्शन करने भी पहुंचीं…
जो इस चुनाव में जेल में बंद अपने पति विधायक इरफान सोलंकी की तरफ से प्रचार कर रही हैं…डिंपल के इस रोड में प्रत्याशी वंदना वाजपेयी तो थी ही… साथ ही मछलीशहर से सपा विधायक रागिनी सोनकर भी मौजूद रही… रागिनी सोनकर वंदना के लिए वोट मांगती नजर आयी… लोगों को समझाते… बताते नजर आयी… बीजेपी की सरकार क्या है… बीजेपी की राजनीति क्या है… योगी सरकार ने 6 सालों में अबतक क्या किया… किया या सिर्फ जुमलेबाजी भी रही…

इस दौरान डिंपल यादव ने कहा…बीजेपी की सरकार को सात-आठ साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन जो काम समाजवादी पार्टी छोड़ कर गई थी वह 10% भी पूरे नहीं हो पाए हैं…सड़कें खराब हैं, वेस्ट मैनेजमेंट और गंदगी की दिक्कत है. कानपुर नगर निगम को बने 60 साल हो गए हैं, लेकिन कुछ भी काम यहां नहीं हुआ है….जिस बजरंग बली की डिंपल ने पूजा अर्चना की… उसी बजरंगबली के मुद्दे पर सियासी विवाद पर अपना पक्ष भी रखा… कहा- धर्म हमारा निजी मुद्दा है, इसे हम राजनीति के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकते… बीजेपी ने धर्म का राजनीतिकरण करके गलत परंपरा शुरू की है…वही जब रागिनी सोनकर से सवाल किया तो मौन रह गई… तो इसके मायने निकालने अपने तरीके से मायने निकालने लगे… लेकिन राजनीति ने जो इसके अर्थ निकाले उसके मायने निकले… जब पार्टी के बड़े नेता यानी डिंपल यादव ने अपनी राय रख दी… तो उसके सामने राय रखना जरूरी नहीं है…

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