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सपा के ‘कद’ की उड़ान… Modi के खिलाफ Akhilesh Yadav का अभियान

सपा के ‘कद’ की उड़ान… Modi के खिलाफ Akhilesh Yadav का अभियान | नीतीश ने सबसे आखिर में अखिलेश से क्यों की मुलाकात ? पूरी इनसाइड स्टोरी

सपा के 'कद' की उड़ान... Modi के खिलाफ Akhilesh Yadav का अभियान |  The Rajneeti

नीतीश से अखिलेश ने क्यों मुलाकात की… वजह से जानेंगे तो समझ में आएगा… बीजेपी पर सपा की ये चाल भारी पड़ने वाली है !
सपा के ‘कद’ की उड़ान… मोदी के खिलाफ अखिलेश का अभियान… अब हो गया मोडिफाइड
कद बढ़ाने की कवायद में जुटे अखिलेश… खुद का वोटबैंक-दूसरे राज्यों के नेताओं की एकजुटता पर जोर

यूपी में निकाय चुनाव के बीच सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव एक ऐसी रणनीति पर काम कर रहे हैं… जिसका सबसे बड़ा नुकसान अगर किसी पार्टी को होगा… तो वो बीजेपी है… और फायदा उससे बेशक समाजवादी पार्टी को होने वाला है… अखिलेश लोकसभा चुनाव 2024 का तानाबाना बुनने में जुटे हैं… इसलिए उनकी पार्टी सपा हर कदम लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर उठा रही है… खुद का वोटबैंक बढ़ाने के साथ ही दूसरे राज्यों के नेताओं की एकजुटता पर जोर दे रही है… सपा की कोशिश है कि किसी भी तरह से लोकसभा चुनाव में अपनी सीटें बढ़ाकर राष्ट्रीय राजनीति में छाप छोड़े… यही वजह है कि 24 अप्रैल को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लखनऊ पहुंचे और अखिलेश यादव के साथ मंत्रणा की… सपा लगातार जातीय जनगणना कराने की मांग रही है… बिहार समेत अलग अलग राज्यों के तमाम दल भी यही मांग कर रहे हैं… पार्टी संविधान और डॉक्टर आंबेडकर के सपनों की दुहाई देकर वोटबैंक बढ़ाने के अभियान में जुटी है…
समाजवादी पार्टी की कोशिश है कि यूपी में उसका वोटबैंक 40 फीसदी के आसपास पहुंच जाए… इसके लिए एमवाई यानी मुस्लिम-यादव के बजाय सर्वसमाज पर फोकस किया जा रहा है… दलित वोटबैंक का साथ पाने के लिए लगातार अभियान चला रही है… बीएसपी संस्थापक कांशीराम की मूर्ति अनावरण के साथ ही डॉक्टर आंबेडकर की जन्मस्थली पर जाकर सपा अध्यक्ष ने दलितों के बीच संदेश देने का प्रयास किया है…अखिलेश का हर कदम अब लोकसभा चुनाव को देखकर आगे बढ़ रहा है… इसी रणनीति के तहत वो तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अलावा मध्य प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, दिल्ली सहित अन्य राज्यों का दौरा कर चुके हैं…इन राज्यों के अलग अलग नेताओं से मुलाकात कर भविष्य की रणनीति बनाई…यही वजह है कि 24 अप्रैल को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव खुद लखनऊ पहुंचे…
सियासी गलियारे से जो बात निकलकर सामने आ रही है… उसके मुताबिक दोनों नेताओं ने अखिलेश यादव से अलग अलग राज्यों से मिले फीडबैक के बारे में भी जानकारी ली है… चूंकि नीतीश कुमार खुद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलकर आए थे… ऐसे में ममता की राय से भी ये नेता वाकिफ हैं… इस बात पर भी सहमति बनी है कि विपक्षी एकता में किसी तरह का रोड़ा सामने आता है तो आपसी बातचीत से हल करने का प्रयास किया जाएगा…
सपा की लोकसभा चुनाव को लेकर सक्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सपा ने ज्यादातर लोकसभा क्षेत्रों में प्रभारी उतार दिए हैं… हर लोकसभा क्षेत्र में तीन से चार वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है… ये भी कोशिश है कि संबंधित लोकसभा क्षेत्र में जिस जाति की आबादी ज्यादा है, उसके नेता को ही वहां जिम्मेदारी सौंपी जाए…पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ की ओर से जिलेवार कार्यकर्ता सम्मेलन किए जा रहे हैं तो बाबा साहब आंबेडकरवाहिनी संविधान बचाओ कार्यकर्ता शिविर चला रहा है… अब अन्य संगठन भी जिलेवार कार्यक्रम चलाएंगे… तो क्या माना जाए 2024 की लड़ाई में समाजवादी पार्टी की राजनीति पहले से ज्यादा बीजेपी को चुनौती देने वाली होगी… खासकर यूपी में लड़ाई फिर से दो तरफा होने वाली है… एक तरफ बीजेपी तो दूसरी ओर सपा… जो पहले से ज्यादा तैयारी करके बीजेपी से मुकाबला करेगी…

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