- अखिलेश पर बढ़ता जा रहा है विश्वास !
- बीजेपी के विकल्प के तौर पर अखिलेश तैयार !
- अखिलेश को विकल्प मानने वालों के तादाद में इजाफा !
- इसलिए तो कहा जा रहा है, अब आप ही हैं अंतिम सहारा
राजनीति में राजनेताओं पर अट्टू विश्वास करना बड़ी बात है… अगर कोई किसी जननेता पर आंख मूंदकर विश्वास करता है… तो समझिए बड़ी बात है… वरना यूं ही कोई किसी से दिल की बात नहीं करता… कुछ तो बात उस नेता में है… जो राजनीति में परम विश्वास के तले… शीर्ष पर उसे पहुंचा दिया करता है… अगर कोई विश्वास के साथ कहे…. अब आप ही हमारा अंतिम सहारा हैं… तो क्या कहेंगे… यही ना कि उसकी साख पर कहने वालों का भरोसा अट्टू है… उसमे भी नेता से ये बात कही जाए… तो बात ही अलहदा है… मायने भी कई निकलते हैं… सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर ऐसा कहने वालों की संख्या बढ़ती ही जा रही है… अखिलेश औऱ उनके पार्टी पर अब वो लोग… जिनके विश्वास पर बीजेपी की सरकार उतर नहीं पायी है… जो विकल्प के तौर पर… 2022 के लिए अखिलेश को देख रहे हैं… वही लोग आए… वही कह रहे हैं…. अब आप ही अंतिम सहारा है
अपने इसी मकसद के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के पदाधिकारियों और नेताओं ने मुलाकात की… इस दौरान उन्होंने सपा के साथ पूरा सहयोग करने का भरोसा दिलाया…. कहा कि सपा ही बीजेपी और कांग्रेस के राजनीतिक विकल्प के रुप में सबसे तेजी से उभर रही है…. इसलिए हम लोग सपा मुखिया अखिलेश यादव को आश्वासन दिलाना चाहते हैं… कि हम सब उनके साथ हैं
गौंड प्रतिनिधियों का मानना था कि जनजातियों को वन अधिनियम के कारण तमाम तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है…. उनका कई स्तरों पर उत्पीड़न होता है… अखिलेश ने विश्वास दिलाया… कहा… सपा हक और सामाजिक न्याय की विचारधारा के लिए प्रतिबद्ध पार्टी है… हम जनसंख्या के आधार पर जनगणना की मांग इसलिए उठाते है ताकि सही संख्या के अनुपात में लोगों को लाभ मिल सके