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कहानी Guddu Muslim की धोखेबाजी की

कहानी Guddu Muslim की धोखेबाजी की… जिसने श्रीप्रकाश शुक्ला, अभय सिंह, धनंजय से लेकर अतीक अहमद को दिया धोखा…

कहानी Guddu Muslim की धोखेबाजी की | Guddu Muslim | The Rajneeti

कहानी गुड्डू मुस्लिम की धोखेबाजी की… जिनके साथ काम किया… उसी को दिया धोखा
धनंजय सिंह और अभय सिंह का कभी था… ऐसा वक्त जब कर दिया उन्ही के साथ धोखा
श्रीप्रकाश शुक्ला एनकाउंटर में गुड्डू मुस्लिम की भूमिका… गुड्डू मुस्लिम ने की थी गद्दारी
क्या धोखेबाज निकला बमबाज गुड्डू मुस्लिम?… जानिए गुड्डू की धोखेबाजी का पूरा किस्सा

अशरफ के आखिरी शब्दों…मेन बात यह है कि गुड्डू मुस्लिम…के बाद पूरे देश में कट्टपा ने बाहुबली को क्यों मारा की तर्ज पर यह सवाल हर किसी के मन में है कि आखिर अशरफ गुड्डू मुस्लिम को लेकर ऐसा क्या बोलने वाला था… ऐसे में कई कयास लगाए जा रहे हैं… कोई बोल रहा है कि गुड्डू ने ही असद और गुलाम की मुखबिरी की… तो कोई बोल रहा है कि गुड्डू के पास ही अतीक के सारे राज हैं…. गुड्डू मुस्लिम के धोखे की फितरत से आज आपको वाकिफ कराएंगे… श्रीप्रकाश शुक्ला से लेकर जिन जिन के साथ गुड्डू काम किया… उन सबको वक्त वक्त पर ऐसा धोखा दिया… कि मौत ने उसे गले लगा लिया…
हाथों हाथ बम बनाकर अपने दुश्मनों पर बरसाने वाला पांच फुट पांच इंच का गुड्डू मुस्लिम मूलरूप से सुलतानपुर के गोसाईंगंज के इटकौली का रहने वाला है… 25 फरवरी 1975 को उसका जन्म हुआ था… और अपने बर्थ-डे से एक दिन पहले उसने उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम दिया था…गुड्डू ने बचपन से ही अपराध की राह पकड़ ली थी… बदमाशी और चोरी उसका शगल बन गया था… इसके चलते आए दिन पुलिस उसकी तलाश में घरवालों को परेशान करती थी… इसकी वजह से घर वालों ने गुड्डू को संपत्ति से बेदखल कर दिया…जब वो 30 साल का था, तभी उसके माता-पिता की मौत हो गई…

गुड्डू मुस्लिम बमबाजी के साथ ही शूटिंग में माहिर है… 1995 से वो लखनऊ में आकर रहने लगा था… हुसैनगंज में ओसीआर और लखनऊ विश्वविद्यालय के हॉस्टल उसका ठिकाना हुआ करते थे… गुड्डू मुस्लिम का लखनऊ से खास कनेक्शन रहा है…. उसने न सिर्फ लखनऊ के लॉ मार्टिनियर स्कूल के खेल प्रशिक्षक फ्रेडरिक गोम्स की हत्या की थी… बल्कि लखनऊ विश्वविद्यालय का ‘मोस्ट पॉपुलर’ लड़का भी था… अब आप सोच रहे होंगे क्या गुड्डू मुस्लिम ने लखनऊ विश्वविद्यालय से पढ़ाई की थी, तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है… उसने कक्षा दो के बाद स्कूल छोड़ दिया था…

1995‌ से लेकर 1997 के बीच लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्र नेता बेहद सक्रिय हुआ करते थे… इस दौरान दो गुट बने हुए थे… पहला गुट था धनंजय सिंह और अभय सिंह, तो दूसरा गुट अनिल सिंह बीरू का था… लखनऊ विश्वविद्यालय में उस वक्त गुड्डू मुस्लिम धनंजय सिंह और अभय सिंह की टीम में था… छात्र नेताओं के लिए गुड्डू मुस्लिम प्रचार करता था… उस वक्त भी लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र नेता गुड्डू मुस्लिम को प्रयागराज से खासतौर पर लखनऊ विश्वविद्यालय अपने प्रचार प्रसार के लिए बुलाते थे…. लेकिन एक वक्त ऐसा आया कि गुड्डू मुस्लिम सत्येंद्र सिंह की मुखबिरी श्रीप्रकाश शुक्ला से की… सत्येंद्र सिंह अभय सिंह के खास हुआ करते थे… सत्येंद्र सिंह की गुड्डु मुस्लिम से भी दोस्ती थी…

दरअसल राजनीति में सक्रिय पवन पांडेय के कहने पर श्री प्रकाश शुक्ला ने सत्येंद्र सिंह की हत्या की थी…. हत्या कुछ यूं हुई थी कि मारुति 800 से श्री प्रकाश शुक्ला, आनंद पांडेय और दिल्ली का एक और बदमाश सत्येंद्र सिंह की गाड़ी का पीछा कर रहे थे… जब सत्येंद्र सिंह ने गाड़ी से सिर बाहर निकाल कर देखा, तो एके-47 से ताबड़तोड़ गोलियां चला दी गई थीं… गुड्डू मुस्लिम भी संतोष सिंह के साथ सत्येंद्र सिंह की गाड़ी के पीछे चल रहा था… सत्येंद्र सिंह और गुड्डू मुस्लिम की अच्छी दोस्ती थी… उस वक्त एसटीएफ ने गुड्डू मुस्लिम को उठाया था तब गुड्डू मुस्लिम ने एसटीएफ को बताया था कि सत्येंद्र सिंह की लोकेशन संतोष सिंह ने ही श्री प्रकाश शुक्ला को दी थी… इसके साथ उसने श्री प्रकाश शुक्ला से जुड़े कई तथ्य भी एसटीएफ को बताए थे… सत्येंद्र की मौत के बाद गुड्डू मुस्लिम की यारी संतोष सिंह के साथ दिख रही थी… लेकिन बाद में उसकी भी हत्या कर दी गई… कहा जाता है… इसमें गुड्डू मुस्लिम का ही हाथ था… गुड्डू मुस्लिम ने श्रीप्रकाश शुक्ला के साथ भी गद्दारी की….

दरअसल माफिया श्रीप्रकाश शुक्ला ने 1996-97 में सत्येंद्र की एके-47 से भूनकर हत्या कर दी थी… उसने एक बार श्री प्रकाश शुक्ला पर भी बम से हमला करने की कोशिश की थी… नई बनी एसटीएफ की टीम ने श्रीप्रकाश शुक्ला से जुड़ी पूछताछ के लिए गुड्डू को रिमांड पर भी लिया था… जहां उसने श्रीप्रकाश शुक्ला के हर मूवमेंट के बारे में एसटीएफ को बता दिया… उसी के आधार पर माफिया श्रीप्रकाश शुक्ला का पुलिस ने एनकाउंटर किया था… 1999 में गुड्डू को गोरखपुर से नारकोटिक्स के मामले में गिरफ्तार किया गया था… इस मामले में उसे 10 वर्ष की सजा भी हुई थी… हालांकि अतीक अहमद ने उसकी हाई कोर्ट से जमानत करवा ली थी।

गुड्डू मुस्लिम को श्रीप्रकाश शुक्ल की परछाईं माना जाता था… साथ ही गुड्डू ने माफिया मुख्तार अंसारी के लिए भी बम बनाया है…और इतना ही नहीं धनंजय सिंह और अभय सिंह के गैंग के लिए भी काम कर चुका है… गुड्डू मुस्लिम का नाम करीब दो दशक तक पूर्वी यूपी के नामी अपराधियों में आता था… साल 1999 में गुड्डू नारकोटिक्स मामले में जेल चला गया और फिर बाद में अतीक ने उसकी जमानत करवा दी… जेल से बाहर आने पर गुड्डू मुस्लिम अतीक का अहम गुर्गा बन गया और उसके लिए काम करने लगा…वही अब एसटीएफ का दावा है कि गुड्डू मुस्लिम अब अतीक के विरोधी गैंग के संपर्क में आ चुका है और अब उसकी तलाशी तेज कर दी गई है… माफिया अतीक और उसके भाई की हत्या के बाद अब यूपी पुलिस की पूरी नजर बमबाज गुड्डू मुस्लिम, अतीक की पत्नी शाइस्ता और साबिर पर है…

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