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किस्सा जब Lalu Prasad Yadav का भूतों से हुआ सामना

किस्सा जब Lalu Prasad Yadav का भूतों से हुआ सामना ! जब बचपन में लालू यादव को भूत अपने साथ ले गए ?

Political Story : किस्सा जब Lalu Prasad Yadav  का भूतों से हुआ सामना ! | The Rajneeti Bihar

बिहार में आजकल क्यों हो रही हैं भूत-प्रेत की बातें ?
क्या लालू यादव के परिवार से रहा है भूतों का पुराना नाता?
क्या हुआ जब बचपन में लालू यादव को भूत अपने साथ ले गए?
तेज प्रताप यादव ने भूतों के डर से छोड़ दिया था अपना सरकारी बंगला !

बिहार में इन दिनों तांत्रिक और भूत प्रेत की बातें खूब कही और सुनी जा रही हैं…कभी धीरेंद्र शास्त्री को तांत्रिक बताकर उनका विरोध किया जा रहा है तो कभी लालू यादव के अंधिविश्वास और उनके तांत्रिक से संबध की पुरानी बातों को फिर से उछाला जा रहा है…और दिलचस्प ये है कि लोग इन बातों को सुन भी रहे हैं तो चलिए आज हम भी आपको भूत प्रेत का ऐसा ही एक किस्सा बताते हैं जो सीधे लालू यादव और उनके परिवार से जुड़ा जिसमें कहा जाता है कि बचपन में लालू यादव को भूत अपने साथ लेकर जा रहा था…फिर क्या हुआ लालू यादव ने कैसे उस भूत से छुटकारा पाया…और तेज प्रताप ने किस भूत के डर से बंगला छोड़ दिया था…बताएंगे आपको पूरी खबर विस्तार से बस आप हमारे इस वीडियो को आखिर तक देखते रहें
बताया जाता है कि लालू यादव और उनके परिवार के लोगों पर भूतों की काली छाया हमेशा रही है। हालांकि भूत अक्सर उनके मददगार ही रहे हैं..लालू यादव और उनके परिवार के साथ भूतों की कई किस्से और कहानियां प्रचलित हैं जिनमें एक किस्सा तो ये भी है कि लालू को बचपन में ‘भूत’ उठा ले गए थे और सीएम आवास खाली करते समय लालू ने वहां अपनो ‘पोसुआ भूत’ छोड़ दिया था तो वहीं उनके बड़े बेटे तेज प्रताप ने भूत के भय से तो मंत्री के तौर पर मिले अपने सरकारी बंगले ही छोड़ दिया था। ये सारी बातें आपको मनगढ़ंत लगेंगी लेकिन इसमें कुछ भी मनगढंत नहीं है ये सभी बातें लालू यादव, तेज प्रताप और उनके परिवार के फिलहाल के करीबी नीतीश कुमार जैसे लोग ही सार्वजनिक करते रहे हैं…तो चलिए आपको बतातें हैं लालू और भूत के दिलचस्प किस्से

जब लालू को बचपन में भूत उठा ले गए थे

दरअसल लालू के बचपन के इस किस्से का जिक्र वरिष्ठ पत्रकार नलिन वर्मा की किताब ‘गोपालगंज से रायसीना’ में दर्ज है…इस किताब के मुताबिक बात तब की है, जब लालू बच्चे थे। उनके गांव में एक विशाल पीपल का पेड़ था। ग्रामीण परिवेश में पले-बढ़े लालू ने लेखक को बताया कि एक बार उनके गांव में बरम बाबा के चबूतरे पर बिरजाभार का आयोजन किया गया। मनोरंजन के लिए अक्सर गांव में सोरठी-बिरजाभार जैसे आयोजन होते रहते थे। लालू भी गायन का आनंद लेने पहुंच गए थे। कब कार्यक्रम खत्म हुआ और लोग अपने-अपने घरों की ओर चले गए, लालू को पता ही नहीं चला। इसलिए कि उन्हें कार्यक्रम के दौरान ही नींद आ गई थी। वे बरम बाबा के चबूतरे पर सो गए थे। चांदनी रात थी। रात जब ज्यादा चढ़ी तो गहरी नींद से लालू को उनके दो हमउम्र दोस्तों ने जगाया। दोनों दोस्तों ने उन्हें बताया कि बहुत रात हो गई है, उठो और अब घर चलो। लालू उनके साथ जाने लगे। रास्ते में उन्हें पेशाब लगी। लालू ने कहा कि तुम लोग रुको, हम पेशाब कर के आते हैं। इतने में एक बुजुर्ग खैनी मलते हुए दिखे। उन्होंने आवाज लगाई- कौन बच्चा है रे। लालू ने अपना नाम बताया। जब पेशाब कर वे लौटे तो बाबा और उनके दोनों दोस्त नदारद थे। सुबह हुई तो लालू ने अपने उन दोनों दोस्तों से पूछा कि रास्ते में से कहां गायब हो गए थे? बच्चों ने बताया कि वे तो कहीं गए ही नहीं थे। वे तो गहरी नींद में घर पर सो रहे थे। फिर लालू ने यह बात अपनी मां को बताई। मां ने कहा कि

जो दोनों बच्चे थे, वे भूत थे। तुम्हें श्मशान में ले जाकर मार देते।
जो बूढ़े बाबा तुम्हें दिखे थे, वे कोई और नहीं, बरम बाबा थे।
बरम बाबा ने ही तुम्हारी जान बचाई है।

कहा जाता है कि तब से ही बरम बाबा के प्रति लालू के मन में अपार श्रद्धा है। और जब भी वे गांव जाते हैं तो बरम बाबा के स्थान पर जाकर प्रणाम करना नहीं भूलते।

नीतीश के लिए लालू ने CM हाउस में भूत छोड़ा

भूत और लालू के रिश्ते का एक और किस्सा सीएम नीतीश कुमार ने आगे बढ़ाया था। ये तब की बात है जब साल 2020 के पहले दिन शुभकामनाएं देने आए पत्रकारों को नीतीश ने कई रोचक किस्से सुनाए थे। उनमें एक किस्सा लालू के भूत का भी था। नीतीश जब राबड़ी देवी को परास्त कर बिहार की सत्ता पर काबिज हुए थे तो वे सीएम हाउस में रहने के लिए आए। आने पर देखा कि

आवासीय परिसर के अंदर चारों ओर दो फीट मिट्टी काट ली गई है।
घरों में जगह-जगह पुड़िया रखी हुई है। पहले तो उन्हें समझ में नहीं
आया। बाद में लालू जी ने खुद कहा था कि उन्होंने सीएम हाउस में
भूत छोड़ दिया है।

टोना-टोटका के प्रति अविश्वास करने वाले नीतीश पर हालांकि भूत का कोई असर नहीं हुआ। उल्टे भूत उन्हीं का हल चलाने लगा। 2005 से लगातार वे बिहार के सीएम बने हुए हैं। वैसे ये भूत के किस्से सिर्फ लालू यादव से ही जुड़े नहीं हैं बल्कि उनके बेटे तेज प्रताप यादव से भी जुड़े हैं

तेज प्रताप ने भूत के भय से बंगला छोड़ दिया

ये बात साल 2018 की है। साल 2015 में आरजेडी के साथ नीतीश ने सरकार तो बनाई, लेकिन 17 महीने बाद ही उन्हें अपनी ‘गलती का एहसास’ हुआ और वे बीजेपी के साथ चले गए। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को स्वास्थ्य मंत्री के नाते जो बंगला आवंटित हुआ था, उसे छोड़ कर वे चले गए। तेज प्रताप ने आरोप लगाया कि उन्हें भगाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने वहां भूत छोड़ रखा था। इस पर जेडीयू की ओर से तब पलटवार भी हुआ था। जेडीयू ने कहा था कि नरपिशाचों के ऊपर भूत-पिशाच छोड़ने की जरूरत ही क्या है। बड़ी मुश्किल से तो इतने बड़े भूत से पीछा छूटा है। खैर ये थे लालू यादव और उनसे जुड़े भूत प्रेत के किस्से…ये खबर आपको कैसी लगी हमें कमेंट कर जरूर बताएं साथ ही इस तरह की और खबरों के लिए हमारे चैनल को सब्सक्राइब कर लें…शुक्रिया

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