अतीक का एनकाउंटर हो जाता… अगर वो नहीं होता ! कौन है माफिया अतीक की जिंदगी का कथित रखवाला ?

बाहुबली की जिंदगी हो जाती खल्लास… चली जाती जान… हो जाता एनकाउंटर… लेकिन बच गई जान !
चर्चाओं का बाजार गर्म… टूट जाता अतीक की भावनाओं का मर्म… उन्होंने बचा लिया !
कहने वाले कह रहे हैं… बाहुबली अतीक अहमद का सौ फीसदी एनकाउंटर हो जाता…. अगर वो नहीं होते….!

भईया हम कोई भविष्यवक्ता नहीं… जो दिखा वो कह रहे हैं… जैसा अतीक को देखा… जैसा उसकी बहन को देखा… जैसा सोशल मीडिया पर विचारको विचार को पढ़ा… उसके आधार हल्के फुल्के अंदाज में कह रहे हैं… अतीक की तो जान बच गई…क्योंकि वो कह रहे हैं… ये हम यूं नहीं कह रहे हैं… वो कह रहे हैं… उनके पास कहने की वजह है… अतीक अहमद का कबूलनामा है… अतीक अहमद के चेहरे पर डर साफ दिख रहा था… वो खौफजदा था… जब साबरमती जेल से प्रयागराज के लिए निकला… तब उसकी जुबां पर एक ही शब्द था… हत्या और बस हत्या

लेकिन अतीक ने जैसी आधे सफर को पार किया उसके चेहरे खौफ गायब हो गया… विश्वास चरम पर पहुंच गया… जुबां की लड़खड़ाहट गायब हो गई… उसका जोश हाई हो गया है… विश्वास के सातवे आसमान पर पहुंचते हुए जब उससे सवाल पूछा गया… तो उसने कह दिया… डर काहे का…

तो सवाल है आखिर अतीक अहमद को एनकाउंटर से किसने बचाया है… कौन है अतीक की जिंदगी का रखवाला है… किसने अतीक को उम्मीदें दे दी… उसकी जिंदगी सलामत रहेगी… कौन है… जो उसे एनकाउंटर में माहिर यूपी पुलिस से बचा ले गया है… जिस गाड़ी से बाहुबली अतीक अहमद को साबरमती से प्रयागराज लाया जा रहा था… उसकी बात सुनेंगे… तो समझ जाएंगे… इस सवाल का जवाब मिलेगा… कही इन्होंने ही तो अतीक को एनकाउंटर का शिकार होने से नहीं बचाया…. इस रिपोर्ट को आखिर तक देखिए… पूरी बात समझ जाएंगे…

बाहुबली नेता अतीक अहमद को गुजरात की साबरमती जेल से प्रयागराज लाया जा रहा है. उमेश पाल अपहरण केस में अतीक की 28 मार्च को प्रयागराज कोर्ट में पेशी है. उधर, अतीक अहमद के परिवार को उसके एनकाउंटर का डर रहा… यही वजह है कि अतीक अहमद की बहन साये की तरह गुजरात से यूपी पुलिस के काफिले के पीछे चली… उन्होंने आशंका जताई कि उनके भाई अतीक अहमद का एनकाउंटर हो सकता है….अतीक अहमद की बहन ने बताया, भाई की तबीयत सही नहीं रहती है…. सड़क के रास्ते यूपी लाने लायक उनकी तबीयत नहीं है… इसके बावजूद उन्हें सड़क रास्ते से लाया जा रहा है…. उनके भाई का एनकाउंटर हो सकता है… इसलिए वो गुजरात से ही उनके काफिले के पीछे चल रही हैं. उन्होंने कहा, उनके दूसरे भाई अशरफ अहमद को बरेली जेल से लाया जा रहा है, उनका भी एनकाउंटर किया जा सकता है…यही वजह रही अतीक की महन साये की तरह उनके साथ रही… लेकिन सोशल मीडिया में अपनी राय रखने वालों को ऐसा नहीं लगता है… उसकी राय तो कुछ और है… उसके मुताबिक अतीक अहमद का एनकाउंटर इस वजह से नहीं हुआ… सोशल मीडिया के वीरों की राय से वाकिफ कराएंगे…लेकिन जिस वैन में अतीक बैठा था… उसके ड्राइवर का क्या कहना था वो जान लीजिए…

वैन ड्राइवर ने कहा रहा है… मीडिया वाले एक्सीडेंट कराएंगे…. यह धमकी नही है…यह एक फैक्ट है… इसका ख्याल मीडियावालों को भी रखना चहिए.. हादसा जानलेवा भी हो सकता है और इसकी चपेट में काफिले की कोई भी गाड़ी आ सकती है… सोशल मीडिया में एक वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ अग्निहोत्री ने कहा

कांग्रेस जरूर अतीक़अहमद को कोस रही होगी — जो माहौल बन रहा था ,फोकस सेट हो रहा था ,वो सब अचानक से विलुप्त हो गया — सारे कैमरे और सारे माइक अतीक के पीछे लग गए

कुछ समझे कि नहीं समझे… सोशल मीडिया यही बात चल रही है… अतीक की जान सेटेलाइट चैनलों ने बचा ली…. जो सारे मुद्दों को भूल कर माफिया के पीछे साये की तरह लगी रही है…एक यूजर ने लिखा है

इस देश का राष्ट्रीय मीडिया एक जिले के माफिया के पुलिस वैन के पीछे ऐसे भाग रहा है जैसे वह इस प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री बनने वाला हो सब को पता है गाड़ी तब तक नहीं पलटेगी जब तक उनकी गाड़ी आगे ले जाने के लिए जरूरी रहेगी जिनके चरणों में इस देश का मीडिया गिरा जा रहा है

तो एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा…

आखिर मीडिया ने ठान लिया है दुबारा विकाश डूबे नही होने देगी।हद है।

तो इसी बात को आगे बढ़ाते हुए एक यूजर ने लिखा…

मीडिया मेहरबान तो गधा पहलवान!!!

और आखिर एक और यूजर की कही बात जान लीजिए… उसकी शब्दों से जान जाएंगे… सोशल मीडिया पर सब मान रहे थे…एनकाउंटर हो जाता अगर हमारी महान मीडिया ना होती… यूजर लिख रहा है…

इसे कहते है टाइमिंग।

तो क्या माना जाए… टाइमिंग के खेल में फंसकर अतीक एनकाउंटर नहीं हो पाया…अतीक जो कॉन्फिंडेंस आया… उसकी वजह सैटेलाइट मीडिया थी… जिससे बाहुबली अतीक अहमद को ये एहसास अब अपनी जान तो बच गई….