छठ के त्योहार में सूर्य भगवान की छोटी बहन छठी मैय्या की पूजा की जाती है… छठी माई संतान प्रदान करती हैं… सूर्य सी श्रेष्ठ संतान के लिये भी ये उपवास रखा जाता है… छठ पूजा को सबसे कठिन व्रत माना जाता है क्योंकि इसके नियम बहुत कड़े होते हैं… मान्यता है कि छठी मैय्या नियम पालन ना होने पर बहुत जल्द ही क्रोधित हो जाती हैं… इसीलिए छठ पूजा में कुछ विशेष बातें ध्यान रखना जरूरी है… चलिए सबसे पहले आपको बताते हैं कि छठ पूजा में क्या करना चाहिए

छठ पूजा में क्या करें

छठी मैय्या का प्रसाद बनाते समय सफाई का ध्यान अवश्य रखें

नहाकर ही प्रसाद बनाएं गुड़ और आंटे की विशेष मिठाई ठेकुआ अवश्य बनाएं

छठ पूजा में सूर्य को अर्घ्य अवश्य दें… बिना अर्घ्य दिए व्रत पूरा नहीं होता है

छठ पूजा का प्रसाद बनाते समय मौन व्रत अवश्य रखें… और निर्जल रहकर प्रसाद बनाएं

छठ पूजा के समय नए वस्त्रों का ही प्रयोग करें… अगर नए वस्त्र ना हों तो साफ वस्त्र का ही प्रयोग करें

छठ पूजा के प्रसाद में केला अवश्य चढ़ाएं बिना केले के प्रसाद के पूजा अधूरी मानी जाती है

छठ पूजा में क्या न करें

छठी मैय्या के प्रसाद पर भूलकर भी पैर ना लगाएं नहीं तो छठी मैय्या का प्रकोप झेलना पड़ सकता है

छठी मैय्या को यादकर जो भी मनौती मानी हो उसे ना भूलें, समय पर पूरा करें

सूर्य भगवान को अर्घ्य देते समय चांदी, स्टील, प्लास्टिक और शीशे के बर्तन का प्रयोग ना करें

छठ पूजा में प्याज-लहसुन, मांस-मदिरा का सेवन ना करें

पूजा में बह्मचर्य का पालन करें… जहां भोग का प्रसाद बन रहा हो वहां भोजन ना करें

छठ व्रत करने वाले बिस्तर पर ना सोएं… व्रत करने वाली महिलाएं फर्श पर चादर बिछाकर सोएं

व्रत रखने वाले अपशब्दों और अभद्र भाषा का प्रयोग ना करें

तो ये थे वो खास नियम जिनका ध्यान रखते हुए छठ मैय्या का व्रत रखना चाहिए…ताकि छठी मैय्या हो जाएं आपसे प्रसन्न