Site icon UP News | Uttar Pradesh Latest News । उत्तर प्रदेश समाचार

छोटे दलों से अखिलेश करेंगे गठबंधन, मायावती बोली सपा की महालाचारी

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अभी 6 महीने बाकी हैं लेकिन राजनीतिक तैयारियां देखोगे तो ऐसा लगेगा यहां कुछ ही दिनों मे चुनाव होने वाले है..योगी आदित्यनाथ अखिलेश और मायावती उत्तर प्रदेश में 2022 का मुकाबला इन्हीं तीनों के बीच तय है… 5-5 साल मुख्यमंत्री रहने के बाद 2022 में लखनऊ का ताज फिर किसी न किसी बड़े दल के नेता के सिर पर ही सजने वाला है..लेकिन इस लड़ाई में इस बार यूपी के छोटे दल किंगमेकर बनकर उभरने वाले हैं…यूपी में हर किसी बड़ी पार्टी के पास अपना वोट बैंक है लेकिन जीत उसी पार्टी को मिलती है जिसको कोई अन्य वोट बैंक प्लस होता है..और ये वोट बैंक उत्तर प्रदेश में छोटे दलों से मिलता है…2014 से पहले यूपी में छोटे दलों को इतनी तवज्जो नहीं मिल पाती थी…लेकिन अब यूपी की राजनीति में छोटे दलों का अहम रोल है…यही वजह है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव छोटे दलों के साथ मिलकर 2022 के चुनावी रण में उतरने का ऐलान किया है…अखिलेश यादव ने घोषणा की है कि वो छोटे दलों के साथ गठबंधन कर 2022 में बड़ी जीत का प्लान बनाया है..चुनावों में कोई कसर न रह जाए इसके लिए वो अभी से एक्टिव हो गए हैं और छोटे दलों के नेताओं से खुद ही मुलाकात कर रहे हैं…और साथ लाने की बात कह रहे हैं.. इससे पहले अखिलेश एक ट्वीट कर कहा था कि महिला और युवाओं की एक नई राजनीति जन्म ले रही है. 2022 में यूपी विधानसभा चुनाव नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक क्रांति होगी
2022 में कोई कसर न रह जाए इसके लिए अखिलेश लगातार काम कर रहे है..इसके लिए वो नाराज चल रहे चाचा शिवपाल को भी मनाने की की बात कह चुके हैं…अपने बयान में अखिलेश यादव चाचा शिवपाल की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी को भी साथ लाने की कोशिश करेंगे..अखिलेश का साफ कहना है कि बड़े दलों के साथ गठबंधन का अनुभव ठीक नहीं…उधर अखिलेश ने बड़े दलों के साथ गठबंधन का अनुभव खराब बताया तो बसपा सुप्रीमो मायावती हमलावर हो गई…मायावती ने सपा के छोटे दलों के साथ गठबंधन पर तंज कस दिया…बसपा प्रमुख ने कहा कि सपा से अधिकतर बड़ी पार्टियां ने किनारा कर लिया है, इस वजह से अखिलेश छोटे दल के साथ लड़ेंगे…इतना ही नहीं मायावती ने समाजवादी पार्टी को घोर स्वार्थी और दलित विरोधी सोच का भी बता दिया…और छोटी पार्टी के साथ गठबंधन को सपा की महालाचारी बता दिया बहरहाल चुनाव अगले साल होने होने हैं सभी दल 2022 के लिए पुरजोर से लगे हुए हैं….अब देखना होगा कि जिन छोटे दलों के साथ मिलकर 2022 की रणनीति बनाई जा रही है वो कितनी कारगर साबित होगी… 2022 में अहम माने जा रहे छोटे दल किंगमेकर साबित होते हैं या नहीं

Exit mobile version