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जानिए योगी राज में रद्द हुए कितने एग्जाम?

बेरोजगारी के बढ़ते इस दौर में आज एक बार फिर से UPTET 2021 का पेपर रद्द हो चुका है.. इस पेपर के रद्द होने की मुख्य वजह पेपर का लीक होना बताया गया है जो कि व्हाट्स्ऐप के जरिे हुआ.. सरकार ने भी पेपर रद्द होने के पीछे पेपर का लीक होना बताया है.. यूपी सरकार की तरफ से यह भी कहा गया है कि एक महीने के भीतर दोबारा से एग्जाम कराया जाएगा… और बच्चों को दोबारा से किसी भी तरह की फीस नहीं देनी होगी.. अब ये मामला इतना बड़ा है और चुनाव भी सिर पर हैं तो सरकार ने बड़ी ही तेजी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया भी दी है .. जी हां इस मामले में UP STF ने राज्य के अलग-अलग जिलों से 23 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है…संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है… इस बीच पेपर रद्द हो जाने की वजह से 21 लाख अभ्यर्थियों के चेहरे मायूसी से उतर गए हैं.. लेकिन ये पहली दफा नहीं है जब उत्तर प्रदेश में इस तरह का कोई पेपर रद्द हुआ.. तो चलिए आपको बताते हैं इससे पहले कितने सारे सारे एग्जाम रद्द कर चुकी है योगी सरकार…

तारीख थी 17 जून और साल था 2016… उत्तर प्रदेश सरकार ने दरोगा, पीएसी प्लाटून कमांडर और फायर फायटिंग अधिकारी के 3307 पदों पर भर्ती निकाली थी…भर्ती निकलते ही यूपी के युवाओं ने अपनी किस्मत आजमाने के लिए तैयारी भी शुरु कर दी… इसके लिए जुलाई 2017 में ऑनलाइन एग्जाम होना था.. अब तैयारी तो पूरी थी लेकिन आज ही के जैसे एग्जाम के ठीक पहले ही पेपर लीक हो गया. ..अब पेपर लीक होगया तो एग्जाम भी रद्द कर दिया गया… खैर 2016 में फिर से इसका एग्जाम हुआ…अब भईया एग्जाम तो हो गया लेकिन छात्रों को परिणाम का लम्बा इंतजार करना पडा.. जी हां रिजल्ट आने में दो साल का समय लगा… और मजाक की बात तो ये हैं कि आखिर में रिजल्ट को भी रद्द घोषित कर दिया गया…

यूपी में स्वास्थ्य विभाग में भर्ती के लिए होने जा रहे एग्जाम को भी रद्द कर किया जा चुका है.. इसके अलावा साल 2018 में UPPSC की LT ग्रेड परीक्षा का हिंदी और सामाजिक विज्ञान का पेपर एग्जाम के एक दिन पहले लीक हो गया. ..लीक होने के तुरंत बाद PCS मेंस समेत कई परीक्षाएं रद्द करनी पड़ीं… बाद में इस मामले में 9 लोगों पर FIR भी दर्ज हुई. एक प्रिंटिंग प्रेस से ढेर सारे लीक पर्चे भी मिले… लेकिन सवाल इतना आया कि ऐसे सरकारी विभाग की भर्तियों के पर्चे दिनदहाड़े लीक हो गए और छप भी गए लेकिन किसी को कानों कानों खबर नहीं हुई..

साल 2018 में ही उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपरेशन UPPCL का भी पेपर लीक हुआ…ये परीक्षा ऑनलाइन होनी थी… तैयारी पूरी थी..लेकिन पेपर लीक होते ही योगी सरकार ने एग्जाम को रद्द कर दिया… इस पूरे मामले में विद्युत सेवा आयोग के दो अधिकारियों को निलंबित किया गया… जी हां बिना अदिकारियों के सांठ गांठ के ये संभव भी नहीं हो सकता था..UP STF ने 12 लोगों को गिरफ्तार किया और एग्जाम कराने वाली एजेंसी एपटेक को भी ब्लैक लिस्ट कर दिया गया.

वैसे तो यूपी में पेपर लीक और नकल गिरोह आम बात हो गई है.. ठीक ऐसे ही एक धांधली की खबर आई थी सितंबर 2018 में …उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के ही नलकूप चालक चयन परीक्षा का पेपर लीक हो गया… जिसके बाद आयोग को ये परीक्षा भी रद्द करनी पड़ी. इस लीक की जांच भी UP STF को सौंपी गई. STF ने 11 लोगों को गिरफ्तार किया. इस परीक्षा के तहत 3210 पदों पर भर्ती होनी थी. इसके लिए दो लाख से अधिक आवेदन आए थे… इसी तरह उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की लोअर सबॉर्डिनेट परीक्षा पर भी विवाद हुआ… इसमें भी पेपर ली होने के प्रूफ मिले थे .. फिर क्या था कर दिया गया पेपर रद्द और फेर दिया गया छात्रों के नैकरी पाने के सपने पर पानी..और सबसे रोचक किस्सा पेपर रद्द करने का तो साल 2021 में आया..जब मार्च 2021 में UPSSSC ने ग्रामीण विकास अधिकारी और ग्राम पंचायत अधिकारी की भर्ती के लिए आयोजित हुई परीक्षा को दो साल बाद रद्द कर दिया.. जी हां दो साल बाद ..SIT जांच में पता चला कि परीक्षा के बाद OMR शीट में गड़बड़ी की गई थी.. और खास बात ये ही कि इसमें भी अंर के ही आदमी का हाथ था…

वैसे भले ही सरकार के पास पेपर रद्द करने का विकल्प हो और वो इसका इस्तेमाल बड़ा ही आसानी सेकर लेती है लेकि अगर किसी की जिदगी से खिलवाड़ होता है तो वो है छात्र.. जी हां वो अभ्यार्थि जो सरकारी नौकरी का ख्वाब देखते देखते अपनी जिंदगी के न जाने कितने साल निकाल देते हैं.. और फिर पेपर लीक और पेपर रद्द होने के इस जाल में अपना एक सुनहरा मौका गंवा देते हैं…

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