नई दिल्ली, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। स्वतंत्रता सेनानी अमर शहीद राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्ला खान और रोशन सिंह के शहीदी दिवस पर गुरुवार को गैर सरकारी संगठन, नागरिक समूह और विपक्षी दलों एक साथ नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ धरना-प्रदर्शन करेंगे।

विरोध प्रदर्शन का केंद्र नई दिल्ली और मुंबई शहर होंगे।

इन तीनों स्वतंत्रता सेनानियों को 1927 में ब्रिटिश शासन का विरोध करने पर फांसी दे दी गई थी।

स्वराज अभियान सहित ऐसे 60 संगठन हैं, जो इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे।

नेशनल एक्शन अगेन्सट सिटिजनशिप अमेंडमेंट (एनएएसीए) अधिनियम ने एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया, भेदभावपूर्ण और विभाजनकारी नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 हमारे संविधान और भारत के समावेशी, समग्र दृष्टि पर हमला है, जिसने हमारे स्वतंत्रता संग्राम को निर्देशित किया।

हम भारत के लोग के तत्वावधान में होने वाले इस कार्यक्रम को कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) सहित सभी प्रमुख विपक्षी दलों का समर्थन प्राप्त है।

इस संबंध में मंगलवार को मुंबई में एक बैठक हुई, जिसमें सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने भाग लिया।

मुंबई में भारत छोड़ो आंदोलन से जुड़े प्रसिद्ध अगस्त क्रांति मैदान में गुरुवार को यह कार्यक्रम आयोजित होगा।

इसके अलावा नई दिल्ली में सुबह 11 बजे लाल किले से शहीद पार्क तक एक मार्च का आयोजन किया जाएगा। सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के इसमें भाग लेने की संभावना है।

हम भारत के लोग द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, 19 दिसंबर ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि 1927 में इसी दिन हमारे स्वतंत्रता सेनानी राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाकुल्ला खान और रोशन सिंह फांसी पर चढ़ गए थे। वे हमारी समृद्ध विरासत के प्रतीक हैं।

बयान में कहा गया है, यह मुख्य कारण है कि पूरे देश ने भाजपा सरकार द्वारा असंवैधानिक कानून की निंदा करने के लिए इस दिन को चुना है।

एक नेता ने कहा कि यह पहली बार होगा कि लोग सीएए का विरोध करने के लिए सामूहिक रूप से सामने आएंगे।

–आईएएनएस