इस्लामाबाद, 6 मार्च (आईएएनएस)। चंद्र कैलेंडर पर आधारित इस्लामी महीनों में चांद की पहली तिथि को लेकर अकसर विवाद की स्थिति बन जाती है। चांद दिखा या नहीं, इस पर सहमति नहीं बनने की वजह से लोगों के बीच कभी-कभी महीने की पहली तिथि में फर्क पड़ जाता है। ईद जैसा पर्व कभी-कभी दो दिन मनाया जाता है। पाकिस्तान में इस विवाद का हल निकालने व वैज्ञानिक तरीके से चांद देखने के तरीकों पर बात के लिए के लिए विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी ने उलेमा को निमंत्रित किया है।

पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, चौधरी ने संवाददाताओं से कहा, यह कोई निजी नहीं बल्कि राष्ट्रीय मुद्दा है। हम उन उलेमा की सराहना करते हैं जिन्होंने वैज्ञानिक तौर तरीकों को मंजूरी दी है। हम चांद देखने के आधुनिक तौर तरीकों को खारिज करने वाले लोगों से अपील कर रहे हैं कि वे हमें यह बताने का अवसर दें कि वैज्ञानिक तौर-तरीके कैसे काम करते हैं।

चौधरी ने यह भी कहा कि रमजान के महीने का चांद 24 अप्रैल को दिख जाएगा और पवित्र महीने की शुरुआत 25 अप्रैल से हो जाएगी।

गौरतलब है कि इस्लामी उलेमाओं का एक बड़ा समूह चांद देखे बगैर, पहले से तिथि की घोषणा को सही नहीं मानता।

चौधरी ने कहा, जिद से विभाजन पैदा होते हैं। विज्ञान दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की कर रहा है। यह इस्लामिक विचार परिषद (पाकिस्तान में इस्लामी मामलों में सरकार को सलाह देने वाली परिषद) का कर्तव्य है कि वह भविष्य की सोच को ध्यान में रखते हुए इस मुद्दे का (चांद देखने के) निपटारा करे।

चौधरी ने कहा कि तुर्की, ब्रुनेई, मलेशिया जैसे नौ इस्लामी देश चांद देखने के लिए पहले से ही वैज्ञानिक तरीकों का सहारा ले रहे हैं। उन्होंने कहा, संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब धार्मिक अवकाशों की घोषणा में अब विज्ञान आधारित तौर-तरीकों का सहारा ले रहे हैं।

–आईएएनएस