भगवान शिव की काशी के कंकर-कंकर में शंकर है… ये बात कौन नहीं जानता… पूरी दुनिया से वाराणसी में लोग बाबा काशी विश्वनाथ के दर्शन करने आते हैं… और शिवलिंग पर दूध चढ़ाकर पूजा करते हैं… लेकिन अब बाबा विश्वनाथ भगवान का अभिषेक या पूजा में अब पैकेट वाला दूध नहीं चढ़ेगा… मंगलवार को श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद की बैठक में इसका निर्णय लिया गया… साथ ही ये भी तय हुआ कि मंदिर परिसर में पैकेट वाला दूध बेचा भी नहीं जा सकेगा… भगवान को सिर्फ कच्चा दूध ही चढ़ाया जा सकता है… इसकी वजह से श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए परिसर में खुले अमूल दूध के काउंटर को बंद कराने का आदेश दिया गया है… शिवलिंग पर दूध चढ़ाने की परंपरा शुरू से रही है… सुविधा के लिए लोग पैकेट वाला दूध खरीदकर उसे ही चढ़ा दिया करते हैं… न्यास परिषद ने पैकेट वाले दूध को अपवित्र बताया है

काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद की बैठक परिषद के अध्यक्ष की अध्यक्षता में हुई… शिवलिंग पर सिर्फ कच्चा दूध ही चढ़ाया जा सकता है… पैकेट वाला दूध पाश्चुराइज्ड होता है… उसको अधिक तापमान पर गर्म करके फिर ठंडा किया जाता है और पैकेट में पैक होता है… इसलिए ये दूध शिवलिंग पर चढ़ाने योग्य नहीं है… ऐसे में न्याय परिषद की बैठक में ये निर्णय लिया गया है कि इस तरह का दूध अब न चढ़ेगा और न ही परिसर के अंदर बेचा जाएगा… श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए परिसर में मंडी का कच्चा दूध उपलब्ध कराया जाएगा… इस बैठक में ये भी तय हुआ कि मंदिर के नियमित और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के वेतन की विसंगित को दूर किया जाए… इसके लिए वित्त निदेशक की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है… ये समिति दीपावली तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी… उसके बाद इस पर नए सिरे से विचार किया जाएगा

इसके अलावा बैठक में तय किया गया कि गंगातट पर स्थित मेहता अस्पताल का अधिग्रहण नहीं किया जाएगा… बैठक में इसको खरीदने को मंजूरी नहीं मिल सकी… साथ ही ये भी तय हुआ कि मंदिर आने-जाने वाले रास्ते को साफ-सुथरा रखा जाए… वहां पर दो बार सफाई करवायी जाएगी… काशी विश्वनाथ बाबा का दर्शन करने के लिए देश-विदेश से हजारों लोग रोज आया करते हैं… इससे मंदिर में भीड़ बहुत रहती है… परिसर में खुले दुकानों के मालिकों को भी कहा गया है कि वो साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें