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मिलिए Uttarakhand की 3 अफसर बेटियों से , जिनके आगे अपराधी टेक देते है घुटने

उत्तराखंड की 3 महिला अफसर से मिलिए देखिए..कैसे अपराधियों ने टेक दिए घुटने

मिलिए Uttarakhand की 3 अफसर बेटियों से , जिनके आगे अपराधी टेक देते है घुटने | Uttarakhand Police

मिसाल वाली काम 3 अफसरों के…बेटियां किसी से कम हैं के !
उत्तराखंड में पुरुषों के साथ मिलाए रखा कंधा…बंद कराया गलत धंधा !
उत्तराखंड की 3 महिलाा अधिकारी…काम के दिवानी दुनिया सारी !

बेटियां किसी से कम हैं के…ये लाइने आजकल खूब चर्चा में है…इसी लाइन को चरितार्थ कर रही हैं उत्तराखंड की तीन महिला अफसर..जिसने काम के आगे बड़े से बड़े अपराधी सरेंडर कर देते हैं…बड़े से बड़ा काम इनके हौंसले के आगे आसानी से हो जाता है…जिन तीन महिला अधिकारियों के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं…उनकी कहानी के किस्से हजारों हैं…लेकिन कुछ कहानियों को एक एक कर हम आपको रूबरू कराएंगे…इस नये जमाने में पुलिस विभाग में पुरुषों के साथ महिलाएं भी कंधे से कंधा मिलाकर चलने में पीछे नहीं हैं…..कानून व्यवस्था और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के साथ केस की जांच में महिला अफसरों ने मिसाल कामय की है…इसिलिए पहाड़ की इन अधिकारियों के काम के आगे बड़े से बड़े गैंगस्टर घुटने टेंक देते हैं….जिन तीन अधिकारियों के काम की मिसाल पर हम रिपोर्ट दिखाने जा रहे हैं..उनमे पहला नाम आता है…ममता बोरा के काम की…

गुड प्रदर्शन में पीछे नहीं हटीं ममता बोरा

ममता बोरा अपर पुलिस अधीक्षक हैं…2005 की पीपीएस अधिकारी बोरा नैनीताल, उधम सिंह नगर और देहरादून में सीओ और अपर पुलिस अधीक्षक की जिम्मेदारी निभाई है…कई चर्चित मामलों की विवेचना में ममता बोरा की क्षमताओं का बेहतर प्रदर्शन किसी से छिपा नहीं है…जेपी जोशी रेप कांड, हरियाणा के पूर्व सांसद के बेटे सांगवान यौन शोषण के अलावा टिहरी के चौरास पुल के गिरने के मामले की जांच ममता की देखरेख में की गई…..इस मामले में 13 अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ आरोप पत्र भेजा गया…. एलबीएस अकादमी में रूबी चौधरी के फर्जी प्रशिक्षु आईएएस प्रकरण में उनके द्वारा जांच की गई…ममता बोरा ऑपरेशन स्माइल के तहत प्रदेश भर में गुम हुए 766 बच्चों की बरामदगी पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने उन्हें दिल्ली में सम्मानित किया….फिलहाल नारी निकेतन से गई संवासिनी के सत्यापन के लिए गठित टीम में ममता बोरा शामिल हैं…

महिला उत्पीड़न के खिलाफ रहीं श्वेता भट्ट

महिला उप निरीक्षक श्वेता भट्ट भी महिला उत्पीड़न के फ्रंट पर बड़ी जिम्मेदारी निभा रही हैं….राज्य स्तर से 1090 पर आने वाली शिकायतों पर कार्रवाई और पीड़िता से बातचीत कर संतुष्ट करने के काम को बेहतर ढंग से पूरा करती हैं…मुख्यालय स्तर पर मिलने वाली शिकायतों की जांच में दूध का दूध और पानी का पानी करने की पहचान बनाई है….राज्य स्तर पर गठित वूमन सेल का भी श्वेता हिस्सा है…..प्रदेश भर में अपराध पीड़िताओं को दिए जाने वाले मुआवजे भी उनके स्तर से जारी होता है….. 2008 में पुलिस सेवा में आई भट्ट ने थानों में महिला उत्पीड़न के मामलों में बखूबी काम किया है..

विम्मी सचदेवा के काम की तारीफ

विम्मी सचदेवा साल 2003 बैच की आईपीएस अफसर हैं…. पहली महिला आईपीएस अफसर हैं जो गृह विभाग के अलावा दूसरे विभाग में अपर सचिव बनी हैं….साथ ही बाल विकास निदेशालय की पहली महिला आईपीएस निदेशक हैं…..लड़कियों के छेड़छाड़ के मामलों को रोकने के लिए उन्होंने शौर्या एप साल 2014 में नैनीताल में लॉंच किया था…. उस वक्त वह नैनीताल की एसपी रही हैं..इसके बाद शौर्या एप ऊधम सिंह नगर, चमोली, पौड़ी समेत दूसरे जिलों में लॉच किया गया….बाद में केंद्र सरकार ने इसे स्वीकृत किया…. स्कूल कालेजों में छेड़छाड़ की घटनाएं रोकने के लिए और लड़कियों को जागरुक करने के लिए विम्मी सचदेवा ने स्कूलों में शिविर श्रंखला शुरू की…. इस वक्त विम्मी सचदेवा आईसीडीएस हैं…

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