Site icon UP News | Uttar Pradesh Latest News । उत्तर प्रदेश समाचार

ये कवच नहीं भाजपाई कपट है..Odisha Train Accident पर Akhilesh के इस वार की पड़ताल |

जिस कवच सिस्टम को लेकर अखिलेश समेत विपक्ष रेल मंत्री को घेर रहे हैं… उसकी पूरी पड़ताल
सोशल मीडिया पर रेल मंत्री ट्रोल… कवच का कितना है रोल ?
मोदी सरकार पर अखिलेश हमलावर…ये कवच नहीं भाजपाई कपट है

ये कवच नहीं भाजपाई कपट है..Odisha Train Accident पर Akhilesh के इस वार की पड़ताल | The Rajneeti


रेल मंत्री कभी रेल के अंदर यात्रियों की सुरक्षा को लेकर बड़े ही विश्वास के साथ ये कह रहे थे… हमारे पास कवच है ना… डेमो दिखा रहे थे… ऐसा लग रहा था… जैसे वो कह रहे हो… रेल हादसा भारत में अब गुजरे जमाने की बात होने वाली है…

अब ऐसा हो गया तो रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव भयानक तरीके से ट्रोल हो रहे हैं…हर कोई सवाल कर रहा है… सवाल करने वालों में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी है… इसलिए पहले उन्होंने ना सिर्फ रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव बल्कि मोदी सरकार और बीजेपी को निशाने पर लिया… फिर उनका वो डेमो वाला वीडियो पोस्ट भी किया… ओडिसा में मरने वालों की संख्या करीब 280 से ज्यादा हो गई है… 900 से ज्या लोग घायल हो गए है… पीएम नरेंद्र मोदी, ओडिशा सीएम नवीन पटनायक और रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव घटना स्थल का दौरा किया और घायलों का हाल जाना… ओडिशा ट्रेन हादसे को लेकर सपा मुखिया अखिलेश यादव बीजेपी पर हमलावर हो गए हैं…
अखिलेश यादव ने ओडिशा ट्रेन हादसे पर एक ट्वीट किया… लिखा-

झूठी सरकार की झूठी तकनीकी ने कितने लोगों की जान ले ली है… इसके लिए मंत्री से लेकर कंपनी तक सब ज़िम्मेदार है… इस महाघोटाले और भ्रष्टाचार की एक आपराधिक मामले की तरह जांच करके दंडात्मक कार्रवाई हो… ये कवच नहीं; भाजपाई कपट है। GFX OUT
ऐसा नहीं है कि ओडिशा के बालासोर में 2 जून की रात को हुए भीषण हादसे के लिए सिर्फ अखिलेश ही तकनीक पर सवाल उठा रहे हैं… सवाल उठाने वालों में विपक्ष भी है… इन सबके सवाल रेलवे की उस तकनीक को लेकर है, जिसका डेमो कुछ वक्त पहले दिखाया गया था… वाल उठ रहे हैं रेलवे के कवच प्रोजेक्ट को लेकर, जिसे रेलवे ने जीरो एक्सीडेंट टार्गेट हासिल करने के लिए लॉन्च किया था… हालांकि, रेलवे की कवच टेक्नोलॉजी को सभी ट्रैक पर अभी तक नहीं जोड़ा गया है… इस रूट पर भी कवच सिस्टम नहीं लगा था… इसका एक डेमो इस साल की शुरुआत में भी दिखाया गया था, जिसमें आमने-सामने आने पर दो ट्रेनें अपने आप रुक जाती हैं…
कवच एक ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम है, जिसे भारतीय रेलवे ने RDSO यानी रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन के जरिए विकसित किया है… इस सिस्टम पर रेलवे ने साल 2012 में काम करना शुरू किया था…इस सिस्टम को विकसित करने के पीछे भारतीय रेलवे का उद्देश्य जीरो एक्सीडेंट का लक्ष्य हासिल करना है… इसका पहला ट्रायल साल 2016 में किया गया था. पिछले साल इसका लाइव डेमो भी दिखाया गया था…
ये सिस्टम कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस का सेट है… इसमें रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइसेस को ट्रेन, ट्रैक, रेलवे सिग्नल सिस्टम और हर स्टेशन पर एक किलोमीटर की दूरी पर इंस्टॉल किया जाता है… ये सिस्टम दूसरे कंपोनेंट्स से अल्ट्रा हाई रेडियो फ्रिक्वेंसी के जरिए कम्युनिकेट करता है… जैसे ही कोई लोको पायलट किसी सिग्नल को जंप करता है, तो कवच एक्टिव हो जाता है… इसके बाद सिस्टम लोको पायलट को अलर्ट करता है और फिर ट्रेन के ब्रेक्स का कंट्रोल हासिल कर लेता है… जैसे ही सिस्टम को पता चलता है कि ट्रैक पर दूसरी ट्रेन आ रही है, तो वो पहली ट्रेन के मूवमेंट को रोक देता है… सिस्टम लगातार ट्रेन की मूवमेंट को मॉनिटर करता है और इसके सिग्नल भेजता रहता है… अब इस पूरी प्रक्रिया को आसान भाषा में समझते हैं… इस टेक्नोलॉजी की वजह से जैसे ही दो ट्रेन एक ही ट्रैक पर आ जाती हैं, तो एक निश्चित दूरी पर सिस्टम दोनों ही ट्रेनों को रोक देता है…
दावों की मानें तो अगर कोई ट्रेन सिग्नल जंप करती है, तो 5 किलोमीटर के दायरे में मौजूद सभी ट्रेनों की मूवमेंट रुक जाएगी… दरअसल, इस कवच सिस्टम को अभी सभी रूट्स पर इंस्टॉल नहीं किया गया है… इसके अलग-अलग जोन में धीरे-धीरे इंस्टॉल किया जा रहा है… 22 दिसंबर 2022 को रेल मंत्री ने राज्यसभा में एक प्रश्न का लिखित जवाब देते हुए बताया, ‘कवच सिस्टम को फेज मैनर तरीके से इंस्टॉल किया जाएगा… कवच को साउथ सेंट्रल रेलवे के 1445 किलोमीटर रूट और 77 ट्रेनों में जोड़ा गया है… इसके साथ ही दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा कॉरिडोर पर भी इसे जोड़ने का काम चल रहा है…
बालासोर ट्रेन हादसे की शुरुआती खबर जब आई तो टक्कर एक एक्सप्रेस और मालगाड़ी के बीच बताई जा रही थी…. इस हादसे में 30 लोगों के मौत की जानकारी मिली थी, लेकिन कुछ ही वक्त बाद हादसे की पूरी डिटेल आई… इसमें पता चला की हादसा दो ट्रेनों के बीच नहीं बल्कि तीन ट्रेनो के बीच हुआ है…

Exit mobile version