बिहार सरकार की फिर होने वाली है जबरदस्त किरकिरी , एक बार फिर बिहार के शिक्षा मंत्री ने कर दिया बड़ा कांड , बिना कॉलेज जाए लाखों की सैलरी लेने का लगा आरोप , बिना हाजिरी के उठा रहे हैं 15 सालों से लाखों का वेतन
बिहार सरकार की फिर होने वाली है जबरदस्त किरकिरी
एक बार फिर बिहार के शिक्षा मंत्री ने कर दिया बड़ा कांड
बिना कॉलेज जाए लाखों की सैलरी लेने का लगा आरोप
बिना हाजिरी के उठा रहे हैं 15 सालों से लाखों का वेतन
हिंदी फिल्म का एक मशहूर गाना है…थोड़ा है थोड़े की जरूरत है…इसका मतलब ये है कि थोड़ा हमारे पास है और अगर थोड़ा और मिल जाए तो जिंदगी हंसी खुशी कट जाएगी…ये गाना आम आदमी पर बिल्कुल फिट बैठता है लेकिन नेताओं की जिंदगी में ये गाना कोई मायने नहीं रखता…ना उन पर थोड़ा होता है और ना उन्हें थोड़े की जरूरत होती है बल्कि नेताओं के पास बहुत धन दौलत होती है और उन्हें फिर भी और ज्यादा पैसे की जरूरत होती है यहां जरूरत कहना ठीक नहीं होगा बल्कि उन्हें पैसों की हवस होती है.. कम से कम बिहार से आई एक खबर तो यही साबित करती है कि नेताओं की पैसे की भूख कभी खत्म नहीं होती…नहीं तो सोचिए जो शख्स शिक्षा मंत्री हो और वो पिछले 15 साल से कॉलेज बिना जाए प्रोफेसर की सैलरी ले रहा हो तो इसे आप पैसे की भूक नहीं कहेंगे तो और क्या ही कहेंगे…कौन हैं वो मंत्री जी और क्या है पूरा मामला बताएंगे आपको पूरी खबर बस आप हमारे इस वीडियो को आखिर तक देखते रहें
दरअसल बिहार के औरंगाबाद के लिए ये गर्व की बात है कि यादव कॉलेज के प्रोफेसर राजनीति में इतने आगे बढ़ गए कि आज वो बिहार के शिक्षा मंत्री के पद पर कार्यरत हैं लेकिन हैरानी इस बात की है कि मंत्री जी 15 साल से प्रोफेसर की सैलरी हर महीने ले रहे हैं जबकि कॉलेज के अटेंडनेस रजिस्टर में उनका नाम तक नहीं है। लेकिन उनकी सैलरी हर महीने दी जा रही है…वैसे तो अब आप समझ ही गए होंगे कि हम किसकी बात कर रहे हैं जी हां बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर कुमार को लेकर अब ये नया विवाद सामने आया है।
डॉक्टर चंद्रशेखर 2010 से मघेपुरा के सदर विधायक हैं। वहीं औरंगाबाद के
रामलखन सिंह यादव कॉलेज के प्राणी विज्ञान विभाग के सहायक प्राध्यापक
भी हैं। इस कॉलेज में वें 8 अक्टूबर 1985 से कार्यरत हैं और उन्हें मार्च 2026
में सेवानिवृत होना है।डॉक्टर चंद्रशेखर 15 साल से हर महीने सैलरी ले रहे हैं
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक डॉ. कुमार पूर्व में आपदा विभाग के भी मंत्री रहे हैं और वर्तमान में राज्य सरकार के शिक्षा मंत्री है। राम लखन सिंह यादव कॉलेज के प्रोफेसर चंद्रशेखर प्रसाद महागठबंधन की सरकार में बिहार के शिक्षा मंत्री का पद संभाल रहे हैं। इधर यादव कॉलेज में प्रोफ़ेसर की संख्या देखी जाए तो सब्जेक्ट के हिसाब से एक भी प्रोफेसर उपलब्ध नहीं हैं। कई ऐसे विषय हैं जिसमें प्रोफेसरों और शिक्षकों की संख्या नदारद है। लेकिन एक प्रोफेसर जो कॉलेज नहीं आते लेकिन उनका वेतन हर महीने जाता है
ऐसे हुआ खुलासा
वहीं जब इस पूरे मामले पर राम लखन सिंह यादव कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विजय रजक से जब बात की गई तो उनका कहना था कि
वर्तमान में बिहार के शिक्षा मंत्री डॉक्टर चंद्रशेखर प्रसाद इसी कॉलेज के जूलॉजी
डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर हैं। पिछले 15 सालों से विधायक बनने के बाद
कॉलेज में आना-जाना कम हो गया है। 15 साल पहले कॉलेज में डॉक्टर चंद्रशेखर
क्लास भी लेते थे और छात्र-छात्राओं को पढ़ाते भी थे। लेकिन वर्तमान के 15 सालों
में न तो उनका उपस्थिति पंजी में नाम दर्ज हो रहा है और ना ही उनकी हाजिरी बन
रही है। फिर भी सरकार के फंड से उन्हें वेतन का भुगतान किया जा रहा है।
बता दें कि वेतन भुगतान करना विभागीय आदेश है। वैसे फैसिलिटी का लाभ विधायकी क्षेत्र से ले रहे हैं और आर्थिक लाभ प्रोफेसर के पद से उठा रहे हैं। संविधान के जानकारों की मानें, तो ये बिल्कुल गलत है। प्रो. चंद्रशेखर शिक्षा मंत्री के पद पर रहते हुए वेतन नहीं ले सकते। इस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए…अब देखना ये है कि सरकार इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान देती है या नहीं वैसे ये कोई पहला मामला नहीं है जब बिहार के शिक्षा मंत्री विवादों में घिरे हों इससे पहले भी वे रामचरित मानस पर दिए बयान को लेकर विवादों में घिर गए थे…आपको हमारी ये खबर कैसी लगी हमें कमेंट कर जरूर बताएं साथ ही इस तरह की और खबरों के लिए हमारे चैनल को सब्सक्राइब कर लें…शुक्रिया