वो गांव जहां बाघ को नहीं किया जा सका कंट्रोल | देखिए रात में कर्फ्यू तो स्कूल कॉलेज में बंद…

बाघ ने लगवा दिया गांव में कर्फ्यू…वन विभाग पस्त क्यूं ?
आदमखोर बाघ की दहशत…आखिर ये आतंक कब तक ?
बार-बार आबादी की ओर…बाघ का आतंक घनघोर
धीरे-धीरे रखता है गांव में कदम…ग्रामीणों में डर है हरदम !

पूरा इलाका बाघ के आतंक से जूझ रहा हो तो भवा वहां पर कैसे कोई रह सकता है…सोचिए अगर दिन हो या रात जब भी घर से निकलो तो बाघ की बाघ का डर सता रहा हो तो ऐसे में कोई घर से कैसे निकलेगा…कुछ ऐसा ही हाल आजकल एक शहर का है…जहां बाघ के आतंक ने तो कर्फ्यू तक लगा दिया है…दिन में सुरक्षा के साथ लोग घर से निकलते हैं..लेकिन शाम होते ही जल्दी से लौट आते हैं…क्योंकि उनके पास कोई और रास्ता नहीं है…प्रशासन भी उस बाघ के सामने मानों अपने हथियार डाल दिए हैं…पिंजरे लगाए गए हैं लेकिन वो बाघ पिंजरे में आ नहीं रहा…उसको बस खुली हवा और इंसानी खून की लत लग गई है…बार बार वो बाघ आबादी की ओर आता है…या तो मावेशी को शिकार बनाता है…या फिर इंसानों पर हमले की फिराक में रहता है….ऐसे में बाघ के आतंक के खात्मे के लिए किसी भी तरह का कोई रास्ता समझ नहीं आ रहा है..वन विभाग से लेकर प्रशासन तक बाघ को कंट्रोल करने में जुटा है…यहां तक की पूरे इलाकों के लोगों को अलर्ट पर रखा गया है कि…किसी भी वक्त बाघ कहीं पर भी आ सकता है…लेकिन फिर भी उस आतंक से बचने का कोई रास्ता अभी तक नहीं निकल पाया है….हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड राज्य की…जहां एक बाघ के दहशत ने घोर तांडव कर रखा है…हाल ये है कि..किसी भी कीमत पर बाघ को पकडऩे का फरमान है…लेकिन कैसे ये समझ बनीं आ रहा है,,,

आखिर बाघ इतना आतंक क्यों मचा रखा है…किसलिए वो बाघ बार बार आबादी की ओर रुख कर रहा है….इतना ही नहीं बाघ प्रभावित क्षेत्रों में आंगनबाड़ी केंद्र और स्कूल तक बंद कर दिए गए हैं….आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों की छुट्टी बढ़ा दी गई है…..पौड़ी जिले के कई क्षेत्र बाघ के आतंक से जूझ रहे हैं….हाल ये है कि कई जगह नाइट कर्फ्यू लगाना पड़ा है…..दरअसल 13 और 15 अप्रैल को बाघ ने रिखणीखाल और धुमाकोट में दो ग्रामीणों को अपना निवाला बना लिया था….तब से वन विभाग की टीम यहां डेरा डाले हुए है….17 अप्रैल को डीएम भी इलाके में पहुंचे और लोगों से बातचीत की….. उस वक्त डीएम डॉ. आशीष चौहान ने बाघ प्रभावित इलाकों में 18 अप्रैल तक अवकाश घोषित किया था….. बाद में इसे बढ़ाकर 21 अप्रैल कर दिया गया….. अब अवकाश को आगे बढ़ा दिया गया है….पौड़ी के डीएम डॉ. आशीष चौहान ने कहा कि….. प्रभावित इलाकों में बाघ की सक्रियता देखी जा रही है….. वन विभाग और प्रशासन की टीम प्रयासों में जुटी हुई है….लेकिन जब तक कोई सफलता हाथ नहीं लगती, तब तक हमें सावधान रहना होगा….. उन्होंने ग्रामीणों से सतर्कता बरतने की अपील की।….. साथ ही बाघ को लेकर किसी प्रकार की सूचना मिलने पर कंट्रोल रूम, वन विभाग, पुलिस और प्रशासन को जानकारी देने को कहा गया है..आपको बता दें कि..अगर इस बाघ को जल्द से जल्द नहीं पकड़ा गया तो ये आदमखोर बन सकता है..जिसके बाद इसके मारे जाने का भी फरमान जारी हो सकता है…क्योंकि बाघ को अगर इंसानी खून का स्वाद मिल गया तो वो बार बार आबादी की ओर रुख करेगा…ऐसा ये बाघ कर भी रहा है…सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन ने अलर्ट तो जारी किया है….लेकिन पिछले कई दिनों से बाघ का आतंक रुकने का नहीं ले रहा है…फिलहाल देखना होगा कि…आखिर कब तक बाग को आतंक को खत्म किया जा सकता है…