सास-बहू के बाद मां-बेटी लड़ रही चुनाव | देखिए…राजनीति में ये कहां से होने लगा ?

सियासत में कोई किसी का नहीं…कहावत सच हुई जिसने भी कही !
सास-बहू के बाद मां-बेटी लड़ रही चुनाव…परिवार में मनमुटाव !
आगरा में अजब-गजब प्रत्याशी…सुन लोग ओ आगरावासी !
न तू मेरा और न मै तेरा..सब मोह माया राजनीति का फेरा !

आगरा…सिर्फ मोहब्बत का शहर नहीं दोस्तों…ये आगरा को अचंभित करने वाला भी शहर है….राजनीति के मामले में तो आगरा को कोई नहीं पा सकता..क्योंकि यहां विरोधियों से लड़ाई कम अपनों से जंग ज्यादा है…ऐसा ही कुछ मामला आगरा में इस समय चर्चाओं में है….नगर निकाय चुनाव की तैयारियों के बीच सभी पार्टियों ने अपने अपने प्रत्याशी उतार तो दिए हैं…लेकिन कुछ उम्मीदवार ऐसे जिनकी कहानी कुछ अलग है…सास-बहू की लड़ाई हो या फिर मां-बेटी का रिश्ता….ये दोनों समझौते सामाजिक बंधनों में बंधे होते हैं…लेकिन आगरा में लगता है ऐसा कुछ नहीं है…ना ही बहू सास को आगे देखना चाहती है..और न ही बेटी अपनी मां को…यहीं नहीं यहां तो सास भी किसी से कम नहीं…और बहू को हराने के लिए खुद मैदान में है…लेकिन अब सास भी तो मां ही होती है…तो मां जो है वो कहां पीछे रहने वालीं…एक मां खुद अपनी बेटी से मुकाबले के लिए चुनावी मैदान में है…ये पूरी सियासी दांवपेंच इस समय ताजनगरी आगरा में चल रहे हैं…लेकिन उससे ज्यादा कही ये चर्चा है कि..आगरा की जनता किसे समर्थन देगी…क्योंकि ऐसा आगरा में पहली बार हुआ है…आखिर इस सियासत के मायने क्या हैं..और किसलिए ऐसी राजनीति को आगे किया जाता है..इस सवालों का जवाब हम आपको बताएंगे…लेकिन पहले आपको हम ये बताएंगे कि…आगरा में निकाय चुनाव को लेकर इस समय कैसी सरगर्मी है…और अचानक सास-बहू या मां बेटी की चर्चा आगरा के निकाय चुनाव में क्यों हो रही है…क्या दूसरी पार्टियां नहीं हैं..जो इस जोड़ी का सामना कर सकें…तो चलिए पहले जानिए इस समय आगरा में क्या चर्चा है…

मां-बेटी के बीच निकाय चुनाव का मुकाबला

कहते हैं कि…सियासत में कोई किसी का नहीं होता है…बस शायद इसी कहावत का असर है जो आगरा के नगर निकाय चुनाव में जहां एक तरफ सास-बहू की जुगलबंदी देखने को मिली….वहीं अब आगरा में मां और बेटी चुनावी रण में कूद पड़ी हैं….एक तरफ 48 साल की सुजाता आगरा में महापौर का चुनाव लड़ने के लिए चुनावी मैदान में कदम रख चुकी हैं….तो वहीं दूसरी तरफ उनकी 22 साल की बेटी प्राची भी अपने क्षेत्र का विकास करने के लिए पार्षद पद की उम्मीदवार बनी हैं….इस जोड़ी की कहानी कुछ ऐसी है जो चर्चा का विषय है…क्योंकि इससे पहले सास बहू की जोड़ी भी चुनावी मैदान में देखी का चुकी है….मां बहू के बीच राजनीति की के छटा अब सुर्खियों में है…लोग सिर्फ इस जोड़ी को देखने के लिए दूर दूर से चले आ रहे हैं…मां-बेटी ने विकास को लेकर अपने अपने दावे किए हैं…मां विकास की बात कर रही है तो बेटी चूल्हा चौका छोड़ विकास की बात…महापौर का चुनाव लड़ रहीं सुजाता का कहना है कि …अब तक हमने घर में चूल्हा चौका में खूब काम कर लिया…. परिवार को संभाल लिया, लेकिन अब जिम्मेदारी पूरे शहर की है…. आगरा के लोगों को जिन अव्यवस्थाओं से जूझना पड़ रहा है….अब उन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए मैं राजनीति में कदम रख रही हूं…

ये तो आपने मां के दावे को सुना है,.,.,अब जरा बेटी क्या सोच रही है वो भी जान लिजिए…प्राची गौतम पॉलिटेक्निक कर चुकी हैं….अपने आप को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आगरा के केक एंड मोर में सेल्स गर्ल की नौकरी करती हैं….प्राची कहती हैं कि..मेरे क्षेत्र में पानी, सीवर, सफाई और सड़क और खड़ंजे की समस्या से लोगों को जूझना पड़ रहा है…सालों से ये परेशान है लेकिन कोई हल नहीं निकला…अब मैं अपने पिता की सलाह पर चुनावी मैदान में हूं….आपको बता दें कि..प्राची की मां सुजाता को जन अधिकार पार्टी ने टिकट दिया है….तो उनकी बेटी प्राची निर्दलीय दांव ठोक रही हैं….