देश बंट गए…सरहदें बन गई और एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिये पास्पोर्ट भी लगने लगा…..लेकिन पक्षियो के लिये क्या सरहद क्या देश…क्या सीमा क्या नियम क्या कायेद क्या कानून….वो तो अपने धुन में मस्त होकर….उड़ता ही चला जाता है…उसको किसी चीज की परवाह नहीं होती…..लेकिन यही बेपरवाही एक नहीं दो नहीं तीन नहीं पूरे के पूरे 13 तोतों पर भारी पड़ गई….आखिर तोतों से क्या गलती हुई जो इन्हे कटघरे में खड़ा कर दिया गया…आखिर 13 तोतों को जज के सामने क्यों पेश किया गया…आखिर दिल्ली की पटियाला कोर्ट में जज ने तोतों के पक्ष में फैसला क्यों सुनाया….चलिये इस राज से भी पर्दा उठाते हैं
दरअसल तोते को अवैध तरीके से तस्करी कर एक आरोपी उज्बेकिस्तान स्थित ताशकंद ले जा रहा था…आरोपी जूते के पैकेट में छिपा कर तोतों को ले जा रहा था…सीआईएसएफ को जब शक हुआ तो फिर जूते का पैकेट खोल कर चेक किया गया तो उसमें तोते निकले…बाद में आरोपी को दिल्ली इनटरनेशनल एयरपोर्ट से सीआईएसएफ ने गिरफ्तार कर लिया और मामले में आरोपी को पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष अदालत में पेश किया गया….कस्टम की जांच में पता चला कि वाइल्ड लाइफ एक्ट के मुताबिक तोते की खरीद फरोख्त पर रोक है…..कोर्ट में आरोपी जमानत के लिए गुहार लगाता रहा लेकिन कोर्ट ने आरोपी के तोते उड़ाते हुए उसे 30 अक्टूबर तक के लिए जेल भेज दिया…..साथ ही कोर्ट ने तोतों को आजाद करने का आदेश दिया औरउन्हें ओखला बर्ड सेंचुरी भेज दिया