उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने राज्य को उत्तम प्रदेश बनाने का जो दावा किया था वो धरा का धरा ही रह गया… अपराधी यूपी छोड़ के भागे तो नहीं बल्कि सूबे में 2017 में अपराधों की बाढ़ आ गई… एनसीआरबी के आंकड़े तो यही कह रहे हैं… हत्या, लूट और अपहरण जैसे जघन्य अपराधों के मामले में यूपी का नाम सबसे ऊपर है… हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भी यूपी में क्राइम को लेकर सरकार को फटकार लगायी थी… हालांकि वर्ष 2016 के मुकाबले 2017 में उत्तर प्रदेश में हत्या के मामले कम दर्ज किया गये हैं लेकिन अपहरण के मामले ये देश भर में सबसे आगे है की लिस्ट में सबसे ऊपर है… एनसीआरबी ने अपने आंकड़े जारी कर दिए हैं… यूपी में मार्च 2017 से योगी आदित्यनाथ की सरकार है… इतना ही नहीं एनसीआरबी की रिपोर्ट में सामने आया है कि देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध में भी बढ़ोत्तरी हुई है.

एनसीआरबी के के मुताबिक 2017 में देश भर में हत्या के 28 हजार, 653 मामले दर्ज किए गए… जबकि अकेले यूपी में सबसे ज्यादा 4 हजार, 324 हत्याएं हुईं… हालांकि 2016 के मुकाबले यूपी में ये आंकड़ा कम हुआ है… साल 2016 में राज्य में हत्या के 4 हजार, 889 केस सामने आए थे… साल 2017 में उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 4,324 लोगों की हत्या के मामले सामने आए हैं… साल 2017 में अपहरण के मामलों में 9 फीसदी की बढोतरी दर्ज की गई. उससे पिछले साल 88 हजार 8 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 2017 में अपहरण के 95 हजार 893 मामले दर्ज किए गए थे… जाहिर है जब यूपी में अपराधों की बाढ़ की खबर सियासतदानों के कानो तक पहुंचेगी तो राजनीति तो होगी है… प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया है… लिखा है… पूरे देश में महिलाओं पर सर्वाधिक अपराध यूपी में हो रहे हैं, एक साल में 56 हजार से ज्यादा और इसमें वो घटनाएं शामिल भी नहीं है, जिनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई है, क्या ये आंकड़ा इतना भी गंभीर नहीं कि मुख्यमंत्री जी इसका संज्ञान लेते… एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2017 में भारत में करीब 28 हजार लोगों की हत्याएं हुई हैं… आंकड़ों के मुताबिक, हत्या, बलात्कार, दहेज, हत्या और अपहरण जैसे मामलों में उत्तर प्रदेश नंबर वन है

गौरतलब है कि यूपी की योगी सरकार ने भयमुक्त शासन का नारा दिया था… इन आंकड़ों के अलावा आए दिन यूपी में हो रही आपराधिक गतिविधियों की वजह से योगी सरकार पर से लोगों का भरोसा उठ रहा है… हालांकि योगी सरकार ने शुरू में महिला सुरक्षा के लिए एंटी रोमियो स्क्वॉड का गठन, वांटेड अपराधियों की धरपकड़ सहित कई ठोस कदम उठाए लेकिन अपराध पर अंकुश नहीं लग पाया है