यूपी का रण आहिस्ता-आहिस्ता छठवें फाटक पर पहुंच गया। छठवें-सातवें दौर को जोड़ लें तो कुल 111 सीटें ही बची हैं, जिनपर मतदान होना है। यानी जंग निर्णायक दौर में पहुंच गई है। वह दौर जहां करो-मरो की स्थिति है। जिसने जितने ज्यादा गढ़ों पर कब्जा कर लिया, सत्ता उसी के हाथ होगी। पर, यह सब कुछ इतना आसान नहीं। ऊपरी तौर पर देखें तो यहां जातियों की गोलबंदी है। जातियों की रहनुमाई का दम भरने वाले दल और उनके नेता भी हैं। ये दल भी भगवा और समाजवादी खेमों में बंटे हैं। जातीय आधार पर बने इन दलों को यकीन है कि उनके साथ पूरी बिरादरी है। पर, ऐसा भी नहीं है। करीब से देखें तो बहुत से सवाल हैं। बहुत से उलझाव हैं। सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि उनका नेता जिस खेमे में है, वहां उसकी सियासी हैसियत क्या होगी? उस खेमे में कौन-कौन सी जातियां हैं? क्या उन जातियों के दबाव में उनका हक तो नहीं छिन जाएगा? ये सवाल भी लोगों के जेहन में कहीं गहरे हैं। ऐसे में निसंदेह समीकरणों के बेहद उलझाव वाले दौर में चुनाव पहुंच चुका है। पेश है महेंद्र तिवारी व सुधीर कुमार सिंह की रिपोर्ट…

विधानसभा चुनाव उत्तरार्द्ध में प्रवेश कर गया है। 3 मार्च को छठे चरण के लिए मतदान होगा। अंबेडकरनगर को छोड़कर यह पूरा क्षेत्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रभाव व प्रतिष्ठा से जुुड़ा माना जाता है। मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र गोरखपुर सहित जिन 10 जिलों की 57 सीटों पर मतदान होना है, भाजपा ने 2017 में उनमें से 46 सीटें जीती थीं। बसपा पांच, सपा दो व कांग्रेस केवल एक सीट पर सिमट गई थी। वहीं, सुभासपा, अपना दल और निर्दलीय के हिस्से एक-एक सीट आई थी।
 पांच वर्ष पहले यह तस्वीर तब थी, जब न तो योगी मुख्यमंत्री पद का चेहरा थे, न विधानसभा चुनाव लड़ रहे थे और न ही भाजपा के खाते में बीते पांच वर्षों में इस अंचल को मिली कई सौगातों की तरह कोई बड़ी उपलब्धि ही थी। इस चुनाव में न सिर्फ योगी मुख्यमंत्री का चेहरा हैं, बल्कि गोरखपुर शहर सीट से प्रत्याशी भी हैं। इससे भी बढ़कर पांच साल मुख्यमंत्री रहकर इस अंचल को कई सौगातें देने केबाद नए चुनाव का सामना कर रहे हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी का असली इम्तिहान यही चरण लेने जा रहा है।
चुनावी परिदृश्य की बात करें तो मुस्लिम व यादवों की तगड़ी लामबंदी और जातीय समीकरणों की वजह से कई सीटें आमने-सामने व त्रिकोणीय समीकरण में कांटे की लड़ाई में उलझी हुई हैं। सपा व भाजपा से टिकट नहीं मिलने से बागी हुए कई चेहरे दूसरे दलों से जाकर मुख्य प्रतिद्वंद्वी दलों के प्रत्याशियों की नींद हराम किए हुए हैं। बहुत कम सीटें हैं (12 से अधिक) जिनमें मतदाता खुलकर यह कह पा रहा है कि फलां सीट आसानी से ये दल निकालता नजर आ रहा है। दल बदलकर मैदान में आने वाले कई नेता भी इसी क्षेत्र से किस्मत आजमा रहे हैं। इनका दलबदल दांव कितना काम आया, यह भी देखना दिलचस्प होगा।
गोरखपुर : खुलकर दिख रही योगी-हरिशंकर परिवार की राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता
गोरखपुर जिले में नौ विधानसभा सीटें हैं। भाजपा ने पिछले चुनाव में आठ सीटें जीती थीं। एक सीट बसपा के खाते में गई थी। यहां गोरक्षपीठ व पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी परिवार के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता अरसे से चली आ रही है।  यहां जगह-जगह चर्चा है कि भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष रहे स्व. उपेंद्र शुक्ला की पत्नी सुभावती को सपा में शामिल करवाकर योगी के सामने प्रत्याशी बनवाने की चाल तिवारी परिवार की ही रही है। बसपा ने योगी के सामने ख्वाजा शम्शुद्दीन और कांग्रेस ने गोरखपुर विश्वविद्यालय की छात्रसंघ उपाध्यक्ष रहीं चेतना पांडेय को उतारा है। यहां भाजपा-सपा में सीधी लड़ाई नजर आ रही है। उधर, योगी खेमे ने चिल्लूपार में तिवारी के बेटे व निवर्तमान विधायक विनय शंकर तिवारी को घेरने के लिए तगड़ा बंदोबस्त किया है। भाजपा प्रत्याशी व पूर्व मंत्री राजेश त्रिपाठी की जीत पक्की करने के लिए सपा से भाजपा में आए एमएलसी सीपी चंद को खासतौर से लगाया गया है। वहीं, बसपा से पूर्व विधायक पहलवान सिंह त्रिकोण बनाते नजर आ रहे हैं। गोरखपुर ग्रामीण में भाजपा के विपिन सिंह को सपा के विजय बहादुर यादव से कड़ी चुनौती मिल रही है। कैंपियरगंज में पूर्व मंत्री फतेह बहादुर सिंह के सामने तीन निषाद उम्मीदवारों की चुनौती है। पिपराइच में भाजपा विधायक महेंद्र पाल सिंह को पूर्व मंत्री स्व. जमुना निषाद के बेटे अमरेंद्र निषाद की सीधी लड़ाई दिख रही है।
बसपा के दीपक कुमार अग्रवाल यहां त्रिकोण बनाने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं। सहजनवां में भाजपा के नए चेहरे प्रदीप शुक्ला को सपा के पूर्व विधायक यशपाल रावत व बसपा के दबंग प्रत्याशी सुधीर सिंह से चुनौती मिल रही है। खजनी (सु.) में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार श्रीराम चौहान से सपा की रूपावती से सीधी लड़ाई नजर आ रही है। यहां बसपा के विद्यासागर त्रिकोण बनाने का प्रयास कर रहे हैं। बांसगांव (सु.) में भाजपा विधायक डॉ. विमलेश पासवान, सपा के डॉ. संजय कुमार तथा बसपा के रामनयन आजाद के बीच त्रिकोणीय मुकाबले में उलझे हैं। चौरी-चौरा सीट भाजपा ने विधायक का टिकट काटकर निषाद पार्टी को गठबंधन में दी है। यहां निषाद पार्टी के नेता संजय निषाद के पुत्र सरवन कुमार निषाद को भाजपा के बागी व निर्दल प्रत्याशी अजय कुमार सिंह टप्पू से तगड़ी चुनौती मिल रही है। यहां सपा गठबंधन से बृजेश चंद्र लाल व बसपा से वीरेंद्र पांडेय हैं।
अंबेडकरनगर : पांचों सीटों पर त्रिकोणीय लड़ाई
कभी बसपा का गढ़ रहे अंबेडकर नगर की अकबरपुर सीट पर बसपा प्रदेश अध्यक्ष रहे पूर्व मंत्री रामअचल राजभर सपा से और बसपा में रह चुके पूर्व मंत्री धर्मराज निषाद भाजपा के प्रत्याशी हैं। इसी तरह चंद्र प्रकाश वर्मा भाजपा से आकर बसपा से भाग्य आजमा रहे हैं। यहां की त्रिकोणीय लड़ाई में दलितों के साथ सवर्णों की अहम भूमिका होगी। कटेहरी में बसपा से दलबदल कर सपा में आए पूर्व मंत्री लालजी वर्मा, भाजपा समर्थित निषाद पार्टी के अवधेश द्विवेदी व बाहुबली पूर्व विधायक पवन पांडेय के बेटे प्रतीक पांडेय के बीच त्रिकोणीय लड़ाई होती दिख रही है। टांडा में सपा से पूर्व मंत्री राममूर्ति वर्मा व भाजपा के कपिल देव वर्मा की आमने-सामने की लड़ाई में बसपा की शबाना खातून तीसरा कोण बनाती नजर आ रही हैं। आलापुर, जलालपुर में भी भाजपा, सपा और बसपा के बीच त्रिकोणीय लड़ाई है।

सिद्धार्थनगर : बागी जंग को बना रहे रोमांचक
जिले की पांचों सीटों पर अलग-अलग समीकरण हैं। मुख्य लड़ाई वैसे तो भाजपा व सपा में दिख रही है, पर कई सीटों पर जीत-हार का फैसला बागियों व अन्य दलों के प्रत्याशियों को मिलने वाले मतों से तय होता नजर आ रहा है। प्रतिष्ठापूर्ण इटवा सीट पर भाजपा से बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सतीश द्विवेदी व सपा से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय आमने-सामने हैं। यहां भाजपा के बागी हरिशंकर सिंह बसपा से मैदान में हैं, तो अरशद खुर्शीद कांग्रेस से भाग्य आजमा रहे हैं। हरिशंकर भाजपा, तो अरशद सपा के समीकरणों को प्रभावित करते नजर आ रहे हैं।
कुशीनगर : कड़े संघर्ष में उलझे स्वामी प्रसाद व लल्लू
कुशीनगर में सात सीटें हैं। यहां निवर्तमान श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य फाजिलनगर तथा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू तमकुहीराज से मैदान में हैं। फाजिलनगर से मौर्य की भाजपा के सुरेंद्र कुशवाहा से सीधी लड़ाई है। सपा के बागी व बसपा प्रत्याशी मो. इलियास यहां त्रिकोण बनाने का प्रयास करते नजर आ रहे हैं। तमकुहीराज सीट पर भाजपा के डॉ. असीम कुमार कांग्रेस के अजय कुमार लल्लू को तगड़ी चुनौती दे रहे हैं। सदर में भाजपा के मनीष जायसवाल और सपा के विक्रमा यादव आमने-सामने हैं। कांग्रेस यहां त्रिकोण बनाने की कोशिश करती दिख रही है। खड्डा में निषाद पार्टी के विवेकानंद पांडेय तथा सपा केअशोक चौहान, कुशीनगर में भाजपा के पीएन पाठक व सपा के राजेश प्रताप राव ‘बंटी’, हाटा में भाजपा के मोहन वर्मा तथा सपा से पूर्व मंत्री राधेश्याम सिंह के पुत्र रणविजय सिंह, रामकोला में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष व भाजपा प्रत्याशी विनय प्रकाश गौड़ तथा सपा के पूर्व विधायक पूर्णमासी देहाती के बीच सीधा मुकाबला नजर आ रहा है।

बलरामपुर : रोमांचक जंग की पटकथा पर आगे बढ़ रहा चुनाव
बलरामपुर सदर सीट पर भाजपा से राज्यमंत्री पलटूराम और सपा से पूर्व विधायक जगराम पासवान आमने-सामने हैं। बसपा ने हरीराम बौद्ध व कांग्रेस ने बबिता आर्य को उतारा है। सुरक्षित सीट का नतीजा सवर्ण व पिछड़े मतदाताओं के हाथों में नजर आ रहा है। यहां पूर्व मंत्री विनय कुमार पांडेय विन्नू ने हाल ही सपा में शामिल होकर समीकरण को दिलचस्प बना दिया है। तुलसीपुर सीट की बात करें तो इसी क्षेत्र में देवीपाटन शक्ति पीठ आती है, जिससे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सीधा ताल्लुक रहता है। यहां से भाजपा विधायक कैलाशनाथ शुक्ला को सपा के पूर्व विधायक मशहूद खां और निर्दलीय मैदान में उतरीं पूर्व सांसद रिजवान जहीर की बेटी जेबा रिजवान से चुनौती मिल रही है। वहीं, उतरौला व गैसड़ी में मुकाबला त्रिकोणीय नजर आ रहा है।
बलिया : रामगोविंद चौधरी को मिल रही कड़ी चुनौती
बालिया में सात सीटें हैं। लगातार 8 बार से विधायक रहे नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी फिर बांसडीह सीट से उतरे हैं, लेकिन इस बार उनको भाजपा की सहयोगी निषाद पार्टी की प्रत्याशी केतकी सिंह से कड़ी टक्कर मिल रही है। बलिया सदर सीट पर भाजपा के दयाशंकर सिंह और सपा के नारद राय के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। बैरिया, बांसडीह और रसड़ा, फेफना में भाजपा, सपा, बसपा में रोमांचक जंग है।
देवरिया : मंत्री सूर्य प्रताप व जय प्रकाश के सामने तगड़ी चुनौती
जिले की सात सीटों में से पथरदेवा व रुद्रपुर में राज्य सरकार के मंत्री मैदान में हैं। पथरदेवा में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही को अपने परंपरागत प्रतिद्वंद्वी व पूर्व मंत्री ब्रह्माशंकर त्रिपाठी से चुनौती मिल रही है। यहां पूर्व मंत्री शाकिर अली के पुत्र परवेज आलम बसपा से आकर त्रिकोण बना रहे हैं। रुद्रपुर में राज्यमंत्री जय प्रकाश निषाद कांग्रेस के पूर्व विधायक अखिलेश प्रताप सिंह तथा बसपा प्रत्याशी व निवर्तमान विधायक सुरेश तिवारी के त्रिकोण में उलझ गए हैं। यहां सपा से पूर्व विधायक रामभुआल निषाद मैदान में हैं। भाजपा की गढ़ के रूप में मानी जाने वाली देवरिया सदर सीट पर भाजपा से मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी व सपा के अजय कुमार सिंह पिंटू आमने-सामने हैं। रामपुर कारखाना में भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र चौरसिया व सपा की पूर्व विधायक गजाला लारी के बीच सीधी लड़ाई है। यहां बसपा से पुष्पा शाही तथा कांग्रेस की शहला अहरारी मैदान में हैं। भाटपाररानी में भाजपा के सभा कुंवर, सपा विधायक आशुतोष उपाध्याय को कड़ी चुनौती दे रहे हैं। बरहज में दीपक मिश्र शाका को सपा के मुरली मनोहर जायसवाल की चुनौती मिल रही है। सलेमपुर सुरक्षित में भाजपा की विजय लक्ष्मी गौतम व सपा के मनबोध प्रसाद के बीच सीधा मुकाबला दिख रहा है।
बस्ती : कहीं आमने-सामने, तो कहीं त्रिकोणीय व बहुकोणीय मुकाबला
जिले में पांच सीटें हैं। यहां सदर सीट पर भाजपा के दयाराम चौधरी व सपा के महेंद्रनाथ यादव के बीच सीधी लड़ाई दिख रही है। हर्रैया में भाजपा के अजय कुमार सिंह, सपा के त्र्यंबक नाथ पाठक व बसपा से पूर्व मंत्री राजकिशोर सिंह के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। कप्तानगंज में भाजपा के सीपी शुक्ला, सपा के अतुल चौधरी कवींद्र के बीच आमने-सामने की लड़ाई दिख रही है। महादेवा सुरक्षित में भाजपा के रवि सोनकर, सुभासपा के दूधराम तथा बसपा के लक्ष्मीचंद्र खरवार के बीच त्रिकोणीय लड़ाई बनती नजर आ रही है। रुधौली सीट पर बहुकोणीय मुकाबला नजर आ रहा है।
संतकबीरनगर : अखाड़ा बना खलीलाबाद
धनघटा (सुरक्षित) में भाजपा के गणेश चंद्र चौहान व सपा के अलगू प्रसाद चौहान के बीच सीधा, जबकि मेंहदावल और खलीलाबाद में दिलचस्प मुकाबला है। यहां भाजपा के अंकुर राज तिवारी, सपा से दििग्वजय नारायण उर्फ जय चौबे, बसपा के आफताब आलम, पीस पार्टी के डॉ. अयूब और आप के सुबोध चंद्र यादव के बीच तगड़ी जोर-आजमाइश है।
महराजगंज : निर्दल व बागी कई सीटों पर छीने हैं चैन
चर्चित नौतनवां सीट पर बसपा प्रत्याशी अमनमणि त्रिपाठी, निषाद पार्टी के ऋषि त्रिपाठी व सपा के कुंवर कौशल के बीच त्रिकोणीय लड़ाई दिख रही है। सदर (सु.) सीट पर भाजपा के जयमंगल व सपा-सुभासपा की गीता रत्ना को निर्दल निर्मेष मंगल से कड़ी चुनौती मिल रही है। फरेंदा में भाजपा के बजरंग बहादुर सिंह के सामने कांग्रेस से वीरेंद्र चौधरी, सपा से पूर्व मंत्री शंखलाल माझी व बसपा की ईशू चौरसिया चुनौती पेेश कर रही हैंं। पनियरा में भाजपा प्रत्याशी ज्ञानेंद्र सिंह व सपा के कृष्णभान सिंह में मुकाबला दिख रहा है। बसपा के ओम प्रकाश चौरसिया त्रिकोण बनाते दिख रहे हैं। सिसवां में भाजपा के प्रेम सागर पटेल व सपा के सुशील टिबड़ेवाल को अपनी-अपनी पार्टियों के बागियों की चुनौती भी परेशान कर रही है।