उत्तराखंड में केदारनाथ धाम के गर्भगृह की दीवारों में ‘मिलावट’… यूपी में अखिलेश ने कह दी बड़ी बात
अखिलेश को जब केदारनाथ के गर्भगृह में क्या हुआ इस खबर की जानकारी मिली… धामी से अखिलेश ने पूछा सवाल… मांग लिया जवाब…
अखिलेश की बात सुनकर योगी हुए हैरान… सोच में पड़ गए… अखिलेश केदारनाथ मंदिर में जो हुआ उसपर इंटरेस्ट क्यों ले रहे हैं
ये वीडियो देख लीजिए… केदारनाथ मंदिर में क्या हुआ… उसपर से पर्दा उठ रहा है… अभी कल की बात थी… केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित ने आरोप लगाया था… गर्भगृह में सोने के बदले पीतल लगाया गया… तभी बद्री-केदार मंदिर समित की ओर से प्रेस नोट जारी कर दिया गया…इसे भ्रामक करार दिया गया…लेकिन देवभूमि के लोगों को इस पर एतबार नहीं है… तो बात यूपी तक पहुंच गई… यूपी तक पहुंची तो सीएम योगी के विरोध में झंडा उठाए अखिलेश ने भी अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए… सवाल पूछ लिया… जवाब सीएम धामी से मांग लिया… अखिलेश ने एक ट्वीट किया… उस ट्वीट में लिखा…
केदारनाथ मंदिर में सोने की परतों की जगह पीतल की परतों को लगाने का आरोप आपराधिक के साथ-साथ आस्था से खिलवाड़ का भी बेहद संवेदनशील मामला है…इस साज़िश की उच्च स्तरीय जांचकर झूठ की परतें उतारी जाएं
अब केदारनाथ मंदिर में जो हुआ… उसपर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक स्टैंड लिया… तो बीजेपी में हड़कंप मचा ही होगा… यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोच में तो पड़े ही होंगे… मोदी-शाह, अखिलेश की इस रणनीति को समझने का प्रयास तो कर रहे ही होंगे… अब अखिलेश की इस रणनीति का क्या परिणाम होगा… ये तो वक्त बताएगा… लेकिन केदारनाथ में क्या हुआ… उसके बारे में जान लीजिए
इस मामले में विवाद तब भी हुआ था, जब सोना मढ़ा जा रहा था… मंदिर के पुजारियों और सनातनियों के एक वर्ग ने गर्भगृह में सोना मढ़ने का विरोध किया था और इसे प्राचीन मंदिर के साथ छेड़छाड़ बताया था… विरोध करने वाले लोगों का कहना था कि सोना मढ़कर केदारनाथ मंदिर के मूल स्वरूप को बदला जा रहा है… विवाद और विरोध के बावजूद 7 महीने पहले गर्भगृह को स्वर्णमंडित कर दिया गया था… चारधाम महापंचायत के उपाध्यक्ष संतोष त्रिवेदी ने एक वीडियो जारी करके कहा है कि मंदिर के गर्भगृह में सोने की बजाय पीतल लगाया गया है… लोग जानना चाहते हैं कि क्या यह सच है, और यदि वास्तव में सच है तो फिर ये करोड़ों रुपये की चोरी किसने की है… हालांकि इस आरोप के सामने आने के बाद मंदिर समिति की ओर से भी सफाई दी गई है… 15 जून मंदिर समिति के कार्याधिकारी की ओर से प्रेस नोट के रूप से सफाई दी गई है…इस प्रेस नोट में कहा गया है कि कुछ व्यक्तियों द्वारा वीडियो जारी करके इस मामले में भ्रामक जानकारी दी जा रही है… उसकी कीमत 1 अरब 15 करोड़ रुपये नहीं है… सोना लगाने के लिए 29 लाख रुपये मूल्य की कॉपर प्लेटों का भी इस्तेमाल किया गया था…मंदिर समिति की ओर से बेशक आरोप का खंडन कर दिया गया है, लेकिन इस मामले को लेकर चर्चाएं लगातार जारी हैं… अब ये वीडियो भी आ गया सवाल कई उठने लगे… लेकिन उससे भी बड़ा सवाल है… जवाब देगा तो कौन देगा