नई दिल्ली, 21 मार्च (आईएएनएस)। फेडरेशन पेपर्स ट्रेडर्स ऑफ ऑल इंडिया (एफपीटीए) ने कोरोनावायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए देशभर के कागज का व्यापार सोमवार 23 मार्च तक बंद रखने का फैसला किया है।

फेडरेशन के अध्यक्ष चंद्रदेव चौधरी ने इसकी जानकारी देते हुए कहा, दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू, हैदराबाद, चेन्नई और चंडीगढ़ समेत देशभर के पेपर व्यवसायियों ने 22 मार्च को प्रधानमंत्री द्वारा आहूत स्वैच्छिक जनता कर्फ्यू में भी शामिल होने का आह्वान किया है।

फेडरेशन पेपर्स ट्रेडर्स ऑफ ऑल इंडिया के इस फैसले का असर देशभर में फैले छह लाख से अधिक लोगों पर होगा। कागज व्यापारियों द्वारा अपने-अपने प्रतिष्ठान बंद रखने का यह फैसला शनिवार से लागू किया जा चुका है।

फेडरेशन के अध्यक्ष चंद्रदेव चौधरी ने कहा, हमारे मुंबई स्थित कागज के कारोबारियों ने सरकार के दिशानिर्देश पर अपने शोरूम, दुकानों और फैक्ट्रियों को 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिया है। फेडरेशन द्वारा लिए गए फैसले के मुताबिक शनिवार को पूरे देश में पेपर इंडस्ट्री से जुड़े हजारों प्रतिष्ठान पूरी तरह बंद रहे। यहां दिल्ली के चावड़ी बाजार में दो हजार से अधिक पेपर कारोबारियों ने अपने शोरूम और बाहरी दिल्ली स्थित फैक्ट्रियां पूरी तरह से बंद रखी हैं।

चौधरी के मुताबिक, आगे की स्थिति सोमवार के बाद ताजा हालात को देखते हुए तय की जाएगी।

फेडरेशन के मुताबिक, देशभर में कागज कारोबार से करीब छह लाख लोग प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं। बड़ी बात यह है कि देशभर में प्रतिदिन 20 लाख से अधिक लोग कागज व्यापारियों के संपर्क में आते हैं।

चौधरी ने कहा, इतनी बड़ी तादाद में लोग एक दूसरे के संपर्क में न आए इसी को देखते हुए एहतियात के तौर पर फेडरेशन ने अगले तीन दिन देशभर में कागज से जुड़े सभी प्रतिष्ठान बंद रखने का फैसला लिया है।

देशभर में सोमवार तक कारोबार बंद रखने के अलावा फेडरेशन ने फिलहाल विदेशों से आने वाले सहयोगी कारोबारियों और विदेशी ग्राहकों से भी संपर्क न करने की अपील की है।

गौरतलब है कि अकेले दिल्ली के चावड़ी बाजार पेपर मार्केट में प्रतिदिन लाखों की संख्या में खरीदार पहुंचते हैं। चंद्रदेव चौधरी ने कहा, तीन दिन बाजार पूरी तरह से बंद रहने की स्थिति में लाखों लोगों की एक-दूसरे से मुलाकात नहीं होगी, जिससे संक्रमण के फैलाव का खतरा भी काफी कम हो जाएगा। इसी उद्देश्य से हमने देश भर भर में अपने प्रतिष्ठान बंद रखने का निर्णय लिया है।

–आईएएनएस