सरकारी सिस्टम में कुछ भ्रष्टाचारी ऐसे होते हैं जो आपदा के हालात में भी अपने लिए मुनाफा का रास्ता तैयार कर लेते हैं । यूपी की राजधानी लखनऊ में एक ऐसा ही मामला सामने आया है । पूरा प्रदेश कोरोना वायरस महामारी से जंग में जुटा है । लेकिन इस दौरान कुछ कर्मचारी ऐसे हैं जो चंद रुपयों के लिए लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने में जुटे हैं । ये हम यूं ही नहीं कह रहे हैं बल्कि इस काली हकीकत से पर्दाफाश लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया ने किया ।
जेब भरने करने के लिए कुछ भी करेंगे भ्रष्टाचारी
लॉकडाउन के बीच राजधानी लखनऊ में कोरोना वायरस से निपटने के दौरान भ्रष्टाचार देख लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया ने अपने ही अंदाज में खुलासा किया है । संयुक्ता भाटिया ने अपने एक पत्र के जरिए सैनेटाइजर खरीद घोटाले की जांच की मांग उठाई है । संयुक्ता के इस ‘लेटर-बम’ से प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है ।
लखनऊ की मेयर ने अपने पत्र में क्या लिखा ?
लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया ने अपने इस पत्र के जरिए सैनेटाइजर खरीद में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के संकेत दिए हैं । उनका सीधा आरोप है कि 2 रुपए में आने वाली सैनेटाइजर की बोतल को 10 रुपए में खरीदा गया । आईए देखते हैं लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया ने नगर आयुक्त को जो पत्र लिखा है उसमें क्या आरोप लगाए हैं
जानकारी में आया है कि हॉटस्पॉट इलाकों में 50 ml सैनिटाइजर बांटने के लिए करीब 2 रुपए प्रति शीशी की दर से मिलने वाली 10 हजार खाली शीशियों को 10 रुपए प्रति शीशी की दर से खरीदा गया, ऐसे कठिन समय में ऐसी सूचना अत्यंत दुखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण है ।इसी प्रकार मास्क और अन्य उपकरणों में अनिमियतता की शिकायतें प्राप्त हो रही है ।
मेयर ने अपने पत्र में कोरोना वायरस के संकट काल में इस तरह के घोटाले को लेकर गंभीर चिंता जताई है । उन्होंने पत्र में कहा है कि महामारी से निपटने के दौरान विभागीय स्तर पर इस तरह की गड़बड़ी गंभीर मामला है ।
अब जबकि मेयर की आंखों के सामने भ्रष्टाचार का मामला है तो उन्होंने सैनेटाइजर खरीद में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर नगर आयुक्त से 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट मांगी है । उन्होंने पत्र में नगर आयुक्त से पूरे मामले की रिपोर्ट देने को कहा है ।