Akhilesh Yadav की राजनीति का सबसे बड़ा दांव, Azam Khan पर हुई कार्रवाई का लेंगे ‘बदला’….

अखिलेश का छलका दर्द…आजम खान की याद आई
राहुल गांधी पर कार्रवाई…यूपी की सियासत गर्माई !
मोदी को हटाने की खाई ‘कसम’…अखिलेश दिखाएंगे दम !
नेताओं को अयोग्य कराना प्लान…अखिलेश ने लिया जान !

राजनीति…ऐसा राजनीति जिसकी पहचान कभी बदले की भावना नहीं थी…लेकिन धीरे-धीरे इस राजनीति ने अपने मौसम में बदलाव किया है…ऐसा बदलाव जिसे वापस रखने के लिए विपक्ष की भूमिका कमजोर हो रही है…ऐसे में बीजेपी को रोकने के लिए यूपी की जिम्मेदारी अब अखिलेश यादव के हाथों में है…अखिलेश यादव को भनक लग गई है…कि बीजेपी कैसे एक एक कर विपक्षी नेताओं को अयोग्य घोषित कराने में जुटी है…इसिलिए अखिलेश यादव ने चाहे रैली की हो या प्रेस कॉन्फ्रेंस…हमेशा मुद्दे की बात की है…ना तो अखिलेश ने किसी पारिवारिक बयानों से हमला किया है…और ना ही किसी की जाति से….आप पिछले 10 की लिस्ट निकाल लिजिए अखिलेश यादव को हमेशा सॉफ्ट पाएंगे….क्योंकि अखिलेश की राजनीति ऐसी है बीजेपी लाख उकसाए लेकिन कामयाब नहीं हो पाएगी…राहुल गांधी पर हुई कार्रवाई बताता है कि…सपा के दिग्गज नेताओं में कभी शुमार रहे आजम खान को लेकर अखिलेश यादव को कितनी तकलीफ है…आजम खान को लेकर अखिलेश यादव का दर्ज जो छलका है.,,शायद ही किसी पार्टी के अध्यक्ष ने अपनी पीड़ा बयां की है….मौका था राहुल गांधी पर की गई कार्रवाई का…ऐसे में अखिलेश यादव को अपने साथी आजम खान की याद आ गई…अखिलेश ने कह दिया कि…ये सब बीजेपी के लोग कराते हैं…और ऐसा कराने के लिए बाहर से एक अधिकारी को हायर किया है….अखिलेश यादव को पता है कि…बीजेपी आगे भी इसी तरह की प्लानिंग करती रहेगी…इसिलिए बीजेपी के रथ को रोकना बहुत जरूरी है…शायद अब उसका समय ही आ चुका है….क्योंकि अखिलेश यादव ने जिम्मेदारी ले ली है…और इसकी शुरुआत करने के लिए दूसरे राज्यों की मदद भी ले रहे हैं…अखिलेश यादव को पता है कि…अगर बीजेपी के रवैये में कमी लानी है तो केंद्र से मोदी सरकार को हटाना पड़ेगा…क्योंकि ऐसा करने से ही राज्य बीजेपी की ताकत में कमी आएगी…अब माजरा जब बढ़ने लगा है तो हाल भी बदलने लगा है…

राहुल गांधी की सदस्यता जाने के बाद अखिलेश यादव ने अपनी रणनीति को धार देने की कवायद कर दी है…राहुल गांधी की सदस्यता जाने के बाद ये साफ होता होता दिख रहा है कि…2024 के लिए अखिलेश यादव का जो प्लान था…उसमे थोड़ी सी चेजिंग होने वाली है…लोकसभा चुनाव के लिए अलग-अलग विपक्ष अपनी प्लानिंग में जुटा है…उसी में विपक्ष की लिस्ट में एक नाम आता है अखिलेश यादव का…अखिलेश यादव पर यूपी की राजनीति का जिम्मा है…मतलब साफ है कि…विपक्षी एकता में जितने भी नाम होंगे…सबको अपने अपने राज्य में जादू करना होगा…शायद इसिलिए अभी तक अखिलेश गुट में कई नाम जुड़े चुके हैं….जिसमे पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी…तेलंगाना के सीएम केसीआर….और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव…ये तीन नाम लोकसभा चुनाव को लेकर अपनी प्लानिंग कर ही रहे थे कि इस बीच राहुल गांधी की सदस्यता कम होने की खबर ने शायद बहुत कुछ सीखा दिया है…हालांकि विपक्ष में होने के नाते अखिलेश का फैसला जगजाहिर है…इसिलिए राहुल पर की गई कार्रवाई पर बीजेपी को घेरा भी…लेकिन कहीं न कही एक रास्ता भी अखिलेश यादव को दिखने लगा है….बीजेपी को पटखनी देने के लिए अखिलेश ने जो समीकरण बैठाए हैं वो समीकरण अब धरातल पर उतरने वाले थे…लेकिन राहुल गांधी पर हुई कार्रवाई अब विपक्ष के लिए बहुत बड़ा संदेश है…और मौका भी…अखिलेश यादव को पता है…देश की सियासत में अयोग्य वाली राजनीति बीजेपी कर रही है….बीजेपी पहले विपक्षी नेताओं पर शिकंजा कसती है…फिर कोर्ट से उन्हें अयोग्य करार देने की तैयारी करती है…ये आरोप खुद अखिलेश यादव ने बीजेपी पर लगाए हैं…