Akhilesh Yadav के Swami Prasad Maurya से अखिलेश की दोस्त Pallavi Patel का बड़ा सवाल
Akhilesh Yadav के Swami Prasad Maurya से अखिलेश की दोस्त Pallavi Patel का बड़ा सवाल

रामचरितमानस विवाद बड़े दिनों के बाद अपना दल कमेरवादी की नेता पल्लवी पटेल ने अपना स्टैंड क्लीयर किया है… अखिलेश की सहयोगी होने के नाते उनके जवाब का पहला वर्जन आया है… पल्लवी के निशाने पर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य है…स्वामी की सोच पर पल्लवी ने अखिलेश के साथ एक घटना, जो सीएम योगी की सरकार बनते हुई थी… उसका जिक्र कर पल्लवी पटेल ने स्वामी प्रसाद मौर्य को आड़े हाथों लिया… सवाल किया… तब अखिलेश के साथ योगी सरकार ने ऐसा किया था… तो आपने बीजेपी में रहते हुए आवाज क्यों नहीं बुलंद की थी… क्यों नहीं तब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को घेरा था… क्यों नहीं पिछड़े समाज से आने वाले अखिलेश के खिलाफ हुई उस बात को प्रमुखता उठाई थी… क्यों तब सबकुछ अपनी आंखों से देखते रह गए…. पल्लवी की बातों से ऐसा एहसास हुआ कि वो पूछ रही तब स्वामी आपने ऐसा कदम क्यों नहीं उठाया… अगर उठाते तो पिछड़े समाज को गर्व होता… पल्लवी की बातों से ऐसा लगा जैसे वो कह रही वो स्वामी आपने बेकार की बहस छेड़ दी…. अखिलेश के साथ कौन सी घटना का जिक्र पल्लवी पटेल स्वामी प्रसाद मौर्य को अपने निशाने पर ले रही है… उस पर आएंगे… लेकिन रामचरित मानस को लेकर पल्लवी पटेल के विचार क्या है पहले वो जान लीजिए….

पल्लवी कह रही है… रामचरितमानस की चौपाई में लिखा है ताड़ना के अधिकारी, वो एक नारी है और हिम्मत है तो कोई मेरी ताड़ना करके दिखा तो दे…ये सिर्फ मन में होता है. अगर आपमें शक्ति है तो लिखी हुई बातें आप कभी भी गलत साबित कर सकते हैं… मैं भले स्त्री हूं लेकिन ताड़ना करने का अधिकार, हिम्मत कोई नहीं रखता है….पल्लवी पटेल ने कहा कि रामचरितमानस किसने लिखी है? जिन्होंने लिखी वो सिर्फ एक अनुवादक ही तो है. ऐसे तमाम धर्म ग्रंथ जिनसे हमें सरोकार ही नहीं उन्हें क्यों पढ़ना, उन पर चर्चा क्यों करनी है, क्योंकि जिस चीज को हटाने की बात कर रहे हैं वो सिर्फ पन्नों से हटाने से नहीं हट जाएगी. वो लोगों के मन मस्तिष्क में है, वहां से हटाना जरूरी है… अब चलिए आपको बताते हैं… पल्लवी ने अखिलेश के साथ हुई उस घटना को याद कर स्वामी को किस तरह से घेरा वो जान लीजिए… दरअसल अब जबकि अक्सर स्वामी प्रसाद मौर्य लोगों से मुख्यमंत्री आवास को गंगाजल से धुलवाने वाला बयान देते जा रहे हैं… ये उस वक्त हुआ था जब अखिलेश की सपा 2017 में फिर से सरकार बनाने में कामयाब नहीं पायी… तब योगी की अगुवाई में बीजेपी की यूपी में सरकार बनी…और मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ सीएम आवास में शिफ्ट हुए तो कहा जाता है… तब सीएम आवास, जहां कभी अखिलेश यादव और उनका परिवार रहता था… उसे गंगाजल से धुलवाया गया था… इसी पर स्वामी प्रसाद मौर्य को पल्लवी पटेल घेर रही है… कह रही है…आपने आपत्ति जताई ये बात तो सही है, लेकिन वह आपत्ति देर से आई… ये तब होनी चाहिए थी जब ये काम हुआ था… उस वक्त तो आप खुद बीजेपी के साथ थे… अगर उन्हें इतना बुरा लगा तो नैतिकता के आधार पर पार्टी का साथ छोड़ देना चाहिए था…

बहरहाल पल्लवी पटेल कह रही है… वो अपनी पार्टी लेकर चल रही हैं… उनकी अपनी एक विचारधारा है, उनके नेतृत्व की अपनी एक सोच है, उस सोच को सबके सामने लाना अहम है, लेकिन जब गठबंधन में पार्टी है… तो उसके एक शिष्टाचार हैं, उसके कुछ नियम हैं, उसका पालन गठबंधन की हर पार्टी को करना होता है… उन्होंने सपा का नेतृत्व स्वीकार किया… 2022 में और हर चीज का पालन किया है और करते आ रहे है लेकिन राजनीति में इस वक्त शूद्र, ब्राह्मण बहुत गलत धारा में ले जाने का प्रयास किया जा रहा है… जो नहीं होना चाहिए… साफ है… पल्लवी पटेल शूद्र पॉलिटिक्स में अखिलेश के तो साथ है… लेकिन जिसतरह से स्वामी प्रसाद मौर्य ब्राह्मणों को टारगेट कर रहे हैं… उसके खिलाफ है…