केशव प्रसाद मौर्य ने जब पीएम मोदी को कहा शुक्रिया… तो अखिलेश ने कह दी कड़वी बात
अखिलेश की बात पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने तत्परता दिखाई… दनादन दाग दिए कई सवाल
केशव की ‘खुशी’ की नींद उड़ी… सियासत के ट्रैक पर साइकिल रफ्तार के साथ दौड़ने लगी



भाई बात तो बात है… बात में दम है… ऐसा अगर इसको जस्टिफाई करने के लिए प्रयास होंगे… तो उस बात सवाल उठाने का प्रयास भी दमदार तरीके से होंगे… अब देखिए डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने RBI के उठाए कदम को शानदार बताया तो जानदार तरीके से उस पर सवाल खड़े करने के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सामने आ गए… 2000 के नोट बंद हुए तो केशव प्रसाद मौर्य ने खुशी का इजहार करने में देर नहीं लगाई… तो उसी वक्त उनके सामने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव आ गए… अखिलेश आए तो सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य की सियासत कहा ठहरने वाली थी… वो भी आ गई… दोनों ने केशव प्रसाद मौर्य को घेर लिया… अब ना तो केशव उधर से निकल सकते हैं… ना ही इधर से… कुलमिलाकर फिर शुरू हो गई सियासत नोटबंदी..RBI के 2000 के नोट वापस लेने के ऐलान के बाद मानो इस मुद्दे पर विपक्ष को मोदी सरकार पर फायर होने का… उन्हें घेरने का मौका मिल गया… आरोपों-बयानों… हमलों का सिलसिला शुरू हुआ… एक तरफ एक साथ पूरी बीजेपी 2000 नोट पर पाबंदी को अपनी उपलब्धि बताने में लग गई… तो दूसरी पूरा विपक्ष एक साथ आ गया… अब इस लड़ाई में केशव प्रसाद मौर्य का अखिलेश यादव से सामना हो गया… लड़ाई दोनों के बीच शुरू ही हुई थी… कि इन दोनों की लड़ाई में स्वामी प्रसाद मौर्य भी कूद पड़े… दरअसल आरबीआई के इस कदम को जस्टिफाई करने के लिए डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने एक ट्वीट किया… लिखा

नोट बंदी की घोषणा के बाद अब रिज़र्व बैंक ने 2000 रूपये के नोट वैध बनाए रखते हुए 2000 के नोट वापसी और नये नोट नहीं छापने से काले धन वाले घबड़ायेंगे…प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने को बड़े और कड़े कदम उठाने का स्वागत करता हूं… मोदी हैं तो मुमकिन है GFX OUT
अब केशव प्रसाद मौर्य ने आरबीआई के इस कदम को मोदी सरकार की उपलब्धियों के तौर पर जैसे ही पेश किया… वैसे ही सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट किया…और तंज कसते हुए लिखा…

कुछ लोगों को अपनी गलती देर से समझ आती है… 2000 रुपये के नोट के मामले में भी ऐसा ही हुआ है लेकिन इसकी सजा देश की जनता और अर्थव्यवस्था ने भुगती है… शासन मनमानी से नहीं, समझदारी और ईमानदारी से चलता है

अब अखिलेश यादव की ओर से इस ट्वीट के बाद सपा की ओर से तो मानो बयानों की झड़ी सी लग गई… तमाम सपाई दिग्गज सोशल मीडिया से बयानों तक इस मुद्दे पर पर मानो टूट पड़े… जिनमें एक हैं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के चहेते बने फिर रहे स्वामी प्रसाद मौर्य… स्वामी प्रसाद मौर्य अक्सर अपने बयानों के कारण चर्चा में रहते हैं… उनका भी बयान आ गया… स्वामी प्रसाद मौर्य ट्वीट कर कहते हैं

2 हजार रूपये की नोट जारी करने वाली भाजपा सरकार कालेधन और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के बहाने बंद करने जा रही है… क्या भाजपा बताएगी की केंद्र और तमाम प्रदेशो में भाजपा की ही सरकार है तो इतने कम समय में इतना बड़ा भ्रष्टाचार और कालाधन सम्भव कैसे हुआ? इसे भाजपा सरकार का भ्रष्टाचार कहें या करेंसी नीति की असफलता?

सरकार का तर्क 2000 रुपए के नोट को बाजार में लाने और फिर बंद करने पर अपने तर्क है… लेकिन विपक्ष इस तर्क से सटिस्फाइड नहीं है… अब संतुष्ट नहीं है… तो सियासी लड़ाई फिर से आर-पार की शुरू हो गई हैं… वैसे आपको क्या लगता है… क्या नोट बंदी के दौर में 2000 रुपए के नोट को लाना चाहिए था… और अगर लेकर आए तो क्या इस बंद करना ठीक है