Arif के लापता सारस के मिलने Akhilesh Yadav ने राहत की ली सांस… सारस के ‘फरार’ होेने के पीछे की वजह जानेंगे तो हो जाएंगे हैरान..

सुबह का पल था… अखिलेश बेहद उदास नजर आए… अपने दर्द को दुनिया के सामने रख दिया…
सुबह उठते ही अखिलेश को जानकरी मिली… आरिफ का दोस्त सारस लापता है… अखिलेश बेचैन हो गए… गुस्सा सरकार पर खूब आया
अखिलेश कहने लगे… मुख्यमंत्री जी चाहें तो लापता सारस का कोई नामकरण भी कर दें… उसे ढूंढकर उसकी जान ज़रूर बचाएं
आरिफ का सारस पूरे उत्तर प्रदेश के लिए वैसे ही प्रिय है, जैसे मुख्यमंत्री जी आपके लिए गोलू

सारस का अचानक से लापता हो जाना देख सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अपने गुस्से को दवा नहीं पाए… छिपा पाए… उसे दिलोदिमाग से बाहर निकालना ही मुनासिब समझा… और निकालकर रख दिया… ऐसा महसूस हुआ अखिलेश के लिए सारस सिर्फ एक पक्षी नहीं है…. वो किसी का दोस्त है… जिससे सारस का दिल का रिश्ता है… सारस और आरिफ सिर्फ दोस्त नहीं है…. दोस्त से ज्यादा कुछ है… दोनों के रिश्ते में मिलावटीपन का एहसास नहीं बल्कि पवित्रता है… इसे अखिलेश ने खुद अपनी आंखों से देखा है… समझा है… मानवीय संवेदना के उच्चतम स्तर पर जाकर परखा है… उसी के आधार पर अखिलेश यादव एहसासो को सर्वोच्च स्तर पर जाकर वन विभाग पर आग बबूला हैं… और उससे ज्यादा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हैं… तभी तो भावुक होकर अखिलेश कहने लगे… मुख्यमंत्री जी चाहें तो लापता सारस का कोई नामकरण भी कर दें… उसे ढूंढकर उसकी जान ज़रूर बचाएं.. तभी तो अखिलेश कह रहे हैं… मुख्यमंत्री जी आरिफ का सारस पूरे उत्तर प्रदेश के लिए वैसे ही प्रिय है, जैसे आपके लिए गोलू…

अभी एक दिन हुआ सारस का अपने दोस्त से आरिफ से बिछड़े हुए… लेकिन जहां उसे ले गया… उसी समसपुर पक्षी विहार से लापता हो गया… जिस वन विभाग पर आरिफ से दोस्ती सहेजे सारस को खुश कर अपने यहां रखने की जिम्मेदारी थी… वो नाकाम हो गया… लापता हो गया… वो इंसानी सिस्टम से बने पिंजड़े को को तोड़कर उड़ चला…. भावनाओं को समझिए… सारस के दिल में छिपे दर्द को जानिए… जो सारस अपने आरिफ को एक पल के लिए छोड़ना नहीं चाहता था… उसका उठना बैठना… चलना-फिरना… खाना-पिना… सोना-जागना… हर पल आरिफ के साथ करना चाहता था… वही सारस चंद घंटे में समसपुर पक्षी विहार को खुद को आजाद करने में क्यों लग गया… वहां से उड़कर सारस आखिर कहां निकला होगा…. किससे मिलने के लिए निकला होगा… सोचिए… उस बेजुबान की भाषा को पढ़िए… सारस को सियासत यकीनन समझ में नहीं आती होगी… यकीनन उसको दोस्ती की भाषा समझ में आती होगी… शायद उसे अपने बेहद ही खास दोस्त आरिफ से अलग रहना एक पल के लिए बर्दाश्त करना होगा…

उत्तर प्रदेश के अमेठी के रहने वाले आरिफ के घर से समसपुर पक्षी विहार लाया गया सारस कथित तौर पर लापता हो गया… बताया गया कि 22 मार्च को शाम के बाद से सारस पक्षी विहार में नहीं दिखाई दिया… वन विभाग के अधिकारियों को भी इस बारे में जानकारी नहीं है कि वह कहां है… वहीं, इस घटना पर सपा मुखिया और विपक्ष के नेता अखिलेश यादव ने कड़ी नाराजगी जताई है… अखिलेश ने कहा कि ऐसी लापरवाही गंभीर है…बीजेपी सरकार तत्काल सारस खोजे नहीं तो पूरी दुनिया के पक्षी-प्रेमी आंदोलन करेंगे… क्योंकि सारस के साथ दोस्ताना रिश्ता रखने वाले आरिफ से मिलने के लिए सपा मुखिया उनके घर गए थे… अखिलेश को लगता है…वन विभाग की टीम ने आरिफ से पक्षी को अपने कब्जे में इसलिए ले लिया… क्योंकि वो उनसे मिलने गए थे…

दरअसल, कुछ महीनों पहले अमेठी के जामो के मंडखा गांव के रहने वाले आरिफ को एक सारस घायल अवस्था में मिला था… आरिफ ने घायल सारस का उपचार कराया तो सारस पक्षी आरिफ के साथ ही रहने लगा… दोनों की दोस्ती को सजीव देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग हर दिन मंडखा गांव पहुंच रहे थे…सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी 5 मार्च को मंडखा गांव पहुंचकर आरिफ और सारस की दोस्ती को देखा…उन्होंने इसकी तस्वीर भी सोशल मीडिया पर साझा की थी… इसके बाद बीते 20 मार्च को वन विभाग की टीम मंडखा गांव पहुंची… टीम ने कहा कि मुख्य प्रधान वन संरक्षक उत्तर प्रदेश का आदेश है कि सारस पक्षी को सलोन के समसपुर पक्षी विहार में छोड़ा जाए… आरिफ ने वन विभाग की टीम का सहयोग करते हुए खेत से सारस दोस्त को लाकर अपने हाथों से पिकअप वाहन पर बैठाया… इसके बाद वह स्वयं सारस को समसपुर पक्षी विहार छोड़ने गए…

आरिफ के दोस्त सारस को आखिरकार समसपुर पक्षी विहार पहुंचा दिया गया। राज्य पक्षी होने के कारण वन विभाग की टीम ने सारस को रायबरेली जिले के सलोन तहसील क्षेत्र स्थित समसपुर पक्षी विहार में छोड़ दिया… इस पर भी अखिलेश यादव ने नाराजगी जताई थी… उन्होंने कहा था कि अमेठी के आरिफ ने सारस से मित्रता की। उसकी सेवा की। वह चोटिल था। सारस अब छीन लिया गया है क्योंकि मैं बधाई देने चला गया… सरकार सारस छीन रही है तो मोर को दाना खिलाने वाले से मोर भी छीन लिया जाए… अब गुरुवार यानि 23 मार्च को बताया गया कि सारस पक्षी समसपुर पक्षी विहार में भी नहीं है…खबर ये रही कि 22 मार्च को शाम चार बजे के बाद से सारस को पक्षी विहार में नहीं देखा गया है…जिसके बाद वन विभाग के कर्मचारियों को सारस की तलाश में लगाया गया…अब ये खबर जैसे ही अखिलेश को लगी… वो सीएम योगी और उनकी सरकार पर बरस पड़े… उन्होंने एक बाद कई ट्विट किए

अखिलेश का ट्विट नंबर-1

यूपी वन-विभाग द्वारा अमेठी से ज़बरदस्ती ले जाकर रायबरेली के समसपुर पक्षी विहार में छोड़ा गया ‘बहुचर्चित सारस’ अब लापता है…यूपी के राज्य-पक्षी के प्रति ऐसी सरकारी लापरवाही एक गंभीर विषय है… भाजपा सरकार तत्काल सारस खोजे, नहीं तो पूरी दुनिया के पक्षी-प्रेमी आंदोलन करेंगे… शर्मनाक

अखिलेश का ट्विट नंबर-2

मुख्यमंत्री जी चाहें तो लापता सारस का कोई नामकरण भी कर दें लेकिन उसे ढूँढकर उसकी जान ज़रूर बचाएं… वो सारस भी पूरे यूपी को वैसे ही प्रिय है, जैसे मुख्यमंत्री जी को गोलू।

अखिलेश का ट्विट नंबर-3

यूपी के पक्षी-प्रेमी ‘बी सैया’ नामक गांव को बहुत धन्यवाद जिसने सारस को बचाया, खिलाया पिलाया और वो काम कर दिखाया, जिसमें यूपी की सरकार नाकाम रही… सच तो ये है कि प्रेम से बड़ी सत्ता और कोई हो ही नहीं सकती… भाजपाई अगर समय रहते ये समझ लें तो शायद उनके अंदर की नफ़रत कुछ कम हो जाए…

अखिलेश के तीसरे ट्वीट से ऐसा लगता है… सारस अब मिल चुका है… गांव वालों ने उसे देखा… अखिलेश की ओर से वीडियो गांव के लोग सारस को कुछ खिलाते हुए नजर आ रहे हैं… इन तस्वीरों को देख क्या एहसास हो रहा है… क्या आरिफ से सारस की दोस्ती होने से पहले क्या एक पक्षी जो बेजुबान हैं… उसी पक्षी सारस को मनुष्य पर विश्वास होता है… आरिफ ने एक बेजुबान को समझाया है… इंसान पर आप विश्वास कर सकते हैं… वो आपके अपने हैं… तो ऐसे में सवाल वही है… क्या लगता है… सारस समरपुर पक्षी विहार को छोड़कर क्यों लापता हुआ होगा… और ऐसा नहीं लगता है सारस को अपने अधीन लेकर आरिफ इसमें सहयोग देने के लिए वन विभाग को पहल करना चाहिए…