Ballia में क्यों बागी हुए Akhilesh Yadav के ‘Narad Rai ‘ ?… 2024 में क्या नाराद राय सपा का साथ छोड़ने वाले हैं ?
बलिया की सियासत में हलचल… सपाई के बीच पड़ गई फूट
कानाफूसी शुरू… सवाल उठने लगे… क्या बागी हुए अखिलेश के नारद राय ?
साइकिल नहीं इंजन दौड़ा रहे नारद…अब क्या एक्शन लेकर अखिलेश रोकेंगे बलिया की बगावत ?
अखिलेश की सियासत के लिए क्या मुसीबत आने वाले दिनों में बढ़ने वाली है… बहुत कुछ ऐसा हुआ इन दिनों में जिसे नहीं होना चाहिए था… लेकिन हुआ तो है… स्थानीय कद्दावर खुद को स्थानीय स्तर शेर साबित करने के लिए… अपने हेड को ये बताने के लिए कि आपने जो फैसला लिया वो गलत साबित हो जाएगा… गलत साबित करने के लिए नेता बागी हुए जा रहे हैं… बलिआ में पहले दबी जुबां में चर्चाए चल रही थी… अबतो सबकुछ सरेआम हो चुका है… तस्वीर देख लीजिए… ये अखिलेश के चहेते और कद्दावर नेता नाराद राय है… प्रचार के लिए मैदान में है… उम्मीदवार के साथ घूम रहे हैं… वोट मांग रहे हैं… लेकिन सवाल ये हैं किसके साथ ये प्रचार कर रहे हैं… जिसके साथ नाराद राय प्रचार कर रहे हैं… वो उनकी पार्टी सपा के उम्मीदवार नहीं है… बल्कि निर्दलीय उम्मीदवार संजय उपाध्याय हैं…
निर्दलीय उम्मीदवार के साथ जुलूस में शिरकत कर रहे नारद राय को देख लीजिए… जो पहली बार खुलकर शहर में संजय उपाध्याय के साथ लोगों के बीच निकले हैं…बलिया में सपा में टिकट बंटवारे को लेकर उपजे इस रार और सपा उम्मीदवार का साथ छोड़कर बागी निर्दलीय उम्मीदवार संजय उपाध्याय को जीत दिलाने में जुटे है अब नारद राय कहते हैं…. साइकिल भी हमारी है…और रेल का इंजन भी हमारा है…साइकिल की प्रतिष्ठा बचाने के लिए 11 मई तक सपा कार्यकर्ता ने खुद को रेल के इंजन में बांध लिया है…और इंजन को मुहर लगाकर संजय उपाध्याय को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाएंगे…
बागी हुए अखिलेश के ‘नारद’
बलिया का सियासी गणित बदला नजर आ रहा है
सपा के नारद राय बागी तेवर में आ चुके हैं
निर्दलीय प्रत्याशी के प्रचार में उतरे नारद राय
2024 में क्या नाराद राय सपा का साथ छोड़ने वाले हैं ?
अब बलिया जिला के सपा अध्यक्ष राममंगल यादव, नारद राय की ओर से संजय उपाध्याय को समर्थन देने से खासे नाराज है…कह रहे हैं… नारद राय सपा और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का खुले तौर पर विरोध कर रहे हैं… जो सिंबल का विरोध कर रहा है… वो अखिलेश यादव का सीधा सीधा विरोध कर रहा है…वो अनुशासनहीनता के दायरे में आ रहे हैं…पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं… जरूरत पड़ी तो नारद राय के ऊपर भी कार्रवाई हो जाएगी…
वही सपा के उम्मीदवार लक्ष्मण गुप्ता जीत का दावा तो कर रहे हैं… लेकिन साथ में ये भी बात जोड़ रहे हैं… जो नेता अखिलेश यादव के साथ नहीं हैं… वो हमारे साथ कहा हो सकते हैं…इस बीच सपा और बीएसपी उम्मीदवार अपनी लॉटरी लगने के साथ अपनी जीत की उम्मीद लगाए बैठे हैं…बसपा उम्मीदवार तो टिकट कटने से पहले सपा में ही थे…अब हाथी पर सवार हो कर बलिया नगर पालिका के अध्यक्ष सीट से उम्मीदवार हैं…जाहिर है बलिया की ये लड़ाई नारद राय पर आकर केंद्रित हो गई है… और जिस तरह नारद राय खुलेआम चुनौती दे रहे हैं…वो ना सिर्फ नगर निकाय चुनाव बल्कि 2024 के लिए भी सपा के लिए खतरे की घंटी है…