बरेली: बरेली में मजदूरों पर सोडियम हाइपोक्लोराइट के छिड़काव की खबर मीडिया की सुर्खियों में आने के बा अब प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। सीएफओ चंद्र मोहन शर्मा ने बताया कि जो सोडियम हाइपोक्लोराइड मजदूरों के ऊपर छिड़का गया था, यह मानव त्वचा के लिए हानिकारक है। यह किसी वस्तु पर ही छिड़का जाता है। लिहाजा यह बड़ी गंभीर चूक सामने आई है। प्रशासन के द्वारा जो पलायन कर के मजदूर बरेली आए थे उनको सैटेलाइट बस अड्डे पर बिठाकर उनको केमिकल से नहला दिया गया था। जब वायरल वीडियो पर मीडिया ने नज़रे टेढ़ी की तो डीएम साहब ने अपने बचाव में बड़ा बेतुका से बयान देकर और जांच के बाद कार्रवाई की बात कह कर पल्ला झाड़ लिया था। उनका कहना था कि ऐसा अतिसक्रियता के कारण हो गया।

चंद्र मोहन शर्मा , सीएफओ

दूसरी तरफ मजदूरों को सोडियम हाइपो क्लोराइड से नहलाने के मामले में सीएमओ ने भी गलती स्वीकार कर ली है। सीएमओ का कहना है कि ये बहुत घातक है, मगर जिन लोगो पर ये छिड़काव हुआ है, वो उपचार कराकर चले गए हैं और कोई गंभीर बात नहीं है। उन्होंने कहा जिस तरह से तेजाब का इस्तेमाल मानव पर नही करते ऐसे ही सोडियम हाइपोक्लोराइड का इस्तेमाल इंसानों पर नही करते है।

विनीत शुक्ला , सीएमओ

अब सवाल ये उठता है कि सैनिटाइज़ेशन के नाम पर क्या गरीब लोगों को किसी भी केमिकल से नहला दिया जाएगा। कोरोना से बचने और बचाने के नाम पर इस अमानवीयता की ज़िम्मेदारी आखिर कौन लेगा ?