Akhilesh Yadav के फैसले से बरेली में BJP हैरान, दो सपाईयों को अखिलेश का फोन गया… उसके बाद ले लिया गया बड़ा फैसला !
बरेली में एक सपाई को अखिलेश का फोन आया… अखिलेश ने उससे कहा- आखिरी बार पूछ रहा हूं क्या आप तैयार हैं ?…
फिर अखिलेश का फोन दूसरे सपाई के पास गया… उसे अखिलेश ने कहा- देखिए वो तैयार है, आपको अब ऐसा करना होगा !
अखिलेश के एक नए फैसले से बरेली में बीजेपी हैरान… कहने वाले कह रहे हैं… अखिलेश ने तो खेल कर दिया !
बरेली में नगर निकाय चुनाव के रण में सपा की ओर से मेयर पद के लिए दो खिलाड़ी ऐसे रहे… जो सस्पेंस में रहे… एक को लगा सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव तो उनके साथ हैं… दूसरे को लगा अखिलेश तो उनका ही साथ दे रहे हैं… सबको लगा अखिलेश तो पहले का साथ दे रहे हैं… सपा कार्यकर्ताओं को भी लगा ऐसा ही हो रहा है… लेकिन ऐसा हुआ नहीं… कार्यकर्ता उस वक्त हैरान रह गए… जब ऐन वक्त पर एक फैसला आया… कि फला नेता जो पहले मेयर पद का उम्मीदवार अब सपा की ओर से उसकी जगह कोई और लड़ेगा… अब अखिलेश यादव के विरोधियों के लिए उनका ये फैसला आंतरिक उलझन से लिया गया है… ये फैसला बिल्कुल ही रिस्की है… लेकिन कहते हैं… कि सियासत की दुनिया में रिस्क लेना जरूरी होता है… रिस्क से ही जीत का रास्ता फिक्स होता है… अब पूरी कहानी क्या उसे जानिए…
दरअसल सपा ने 15 अप्रैल को संजीव सक्सेना को बरेली से मेयर का उम्मीदवार घोषित किया था… संजीव को सिंबल भी दे दिया और नामांकन भी हो गया… इसी बीच नामांकन प्रक्रिया खत्म होने के दो दिन पहले 2017 में सपा प्रत्याशी रहे डॉक्टर आईएस तोमर ने भी सपा नेतृत्व का साथ होने का दावा कर निर्दलीय के तौर पर नामांकन कर दिया…इसके साथ ही स्थानीय स्तर पर कयासों का दौर शुरू हो गया… 26 अप्रैल को संजीव से पर्चा वापस लेने को कहा गया, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया… हालांकि, 27 अप्रैल को नामांकन के आखिरी दिन उन्होंने पर्चा वापस ले लिया… तो ये कैसे हुआ है… दरअसल जब संजीव सक्सेना नामांकन वापस ना लेने पर जब अड़े थे तभी अखिलेश का फोन उनके मोबाइल पर आता है… कहने वाले कह रहे हैं…. संजीव अपनी बात पर अड़े थे… लेकिन तभी अखिलेश ने एक बात कही… अपनी च्वाइश में प्राथमिकता का हवाला दिया… उसके बाद संजीव ने पर्चा वापस लिया है… हालांकि, आईएस तोमर के समर्थन में हुई सपा की प्रेस कॉन्फ्रेंस में संजीव मौजूद नहीं रहे…
तो अखिलेश ने अपने पहले उम्मीदवार संजीव सक्सेना को क्या कहा होगा… जो बात निकल कर सामने आ रही है… सपा तोमर को पहले उम्मीदवार बनाना चाहती थी, लेकिन वह लड़ने को तैयार नहीं थे… बाद में उन्होंने चुनाव लड़ने का मन बना लिया और फिर बरेली में सपा के समीकरण उलझ गए…तोमर दो बार बरेली के मेयर रह चुके हैं.. पिछली बार वह 12 हजार वोटों से भाजपा से हारे थे.. कहा जा रहा है कि कुछ व्यक्तिगत कारणों से तोमर ने प्रत्याशी के लिए आवेदन नहीं किया था… इसलिए उन्हें सिंबल नहीं मिला था… फिर उसके बाद अचानक से मन बदला तो उन्होंने निर्दलीय नामांकन कर दिया… और अब सपा तोमर को लड़ा रही है…
चेहरों के चयन को लेकर असंमजस की स्थिति इससे समझी जा सकती है कि सपा मेयर के लगभग एक-तिहाई घोषित उम्मीदवार बदल चुकी है…
झांसी से पहले रघुवीर चौधरी उम्मीदवार बनाए गए फिर सतीश जतारिया
को टिकट दिया गया… आगरा में ललिता जाटव का नाम घोषित हुआ और
कुछ ही घंटे बाद जूही प्रकाश जाटव उम्मीदवार बना दी गईं… गाजियाबाद
में नीलम गर्ग का टिकट चार दिन बदल दिया गया और पूनम यादव प्रत्याशी
हो गईं। शाहजहांपुर में सपा की मेयर प्रत्याशी अर्चना वर्मा ने पार्टी ही बदल दी…
नामांकन के आखिरी दिन सपा को माला राठौर का पर्चा भरवाना पड़ा… नगर पालिका और नगर पंचायतों में भी कई जगह प्रत्याशी आखिरी समय में बदले गए…