Bhanvi ने Raja Bhaiya के दोस्त की पकड़ी चोरी, कुंवर Akshay Pratap Singh की झूठ का पर्दाफाश करने के लिए पेश किया बड़ा सबूत…
राजा भैया की पत्नी भानवी कुमारी सिंह ने साबित कर दिया… जिससे मित्रता निभा रहे हैं… उसने उनसे दोस्ती नहीं निभाई !
भानवी ने पेश किया सबूत… दिखाया कैसे किया गया उनके नाम से हस्ताक्षर… भानवी के नाम का फर्जी हस्ताक्षर हो गया वायरल !
अब क्या राजा भैया अपने दोस्त कुंवर अक्षय प्रताप सिंह से तोड़ेंगे दोस्ती… या फिर पत्नी के खिलाफ यूं देते रहेंगे साथ
कुंडा के राजा राजा भैया दोस्ती के लिए कुछ भी कर जाएंगे…उन्होंने एक बार जो किसी से वचन दिया तो उस वचन को मरते दम तक निभाते रहेंगे…फिर परिवार ही उसके लिए भेंट क्यों ना चढ़ जाए… फिर 27 साल के वैवाहिक रिश्ते ही खात्मे के कगार पर पहुंच क्यों ना जाए… राजा भैया की पत्नी भानवी कुमारी सिंह ने जो सबूत राजा भैया के दोस्त अक्षय प्रताप सिंह के खिलाफ पेश किया… उसे देखकर ऐसा ही लगता है… भानवी सिंह की ओर से जो सबूत पेश किया… वो राजा भैया औऱ भानवी सिंह के प्रत्यक्ष रिश्ते के लिए प्रमाण है… भानवी सिंह उस सबूत को पेश कर शायद ये कह रही है…देख लीजिए… जिसे आपने अपना दोस्त कहा है… भाई माना है… जिसके लिए पत्नी को भूल गए… बेटे-बेटियों का दिल दुखाया… पिता के बैरी बन गए… उसी दोस्त के कारनामे देख लीजिए… उन्होंने क्या किया… क्यों मैं उनसे नाराज हूं… क्यों बार बार कह रही है… जिस कंपनी की बुनियाद हमने रखी… उसकी बुनियाद को आपके दोस्त कुंवर अक्षय प्रताप सिंह ने खत्म करने का प्रयास किया… भानवी सिंह इस बार अपने साथ पुख्ता सबूत लेकर आयी है…
दरअसल श्री दा प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड जिसकी भानवी सिंह निदेशक हैं… सबसे बड़ी शेयर होल्डर हैं… उन्होंने अक्षय प्रताप पर ये आरोप लगाया… कि उनके जाली हस्ताक्षर के जरिए कंपनी के निदेशक नियुक्त किए…. साथ ही कपंनी के शेयर हड़पने का प्रयास किया… अक्षय प्रताप ने सहयोगियों को कंपनी के निदेशक के रूप में गलत तरीके से, धोखे से और दुर्भावनापूर्ण इरादे से नियुक्त किया… निदेशक के रूप में नियुक्तियों को प्रभावी बनाने के लिए प्रयास किए… कंपनी के मामलों से मुझे बेदखल करने, धोखा देने और पूर्ण नियंत्रण हासिल करने के उद्देश्य से ये साजिश रची गई… भानवी सिंह ने दिल्ली में दर्ज कराए गए एफआईआर में अक्षय प्रताप पर आरोप लगाया है कि अक्षय प्रताप ने कंपनी श्री दा प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड से संबंधित एवं स्वामित्व वाली अचल और चल संपत्तियों को हड़पने के इरादे से कार्य किए… अक्षय प्रताप ने सहयोगियों को कंपनी के निदेशक के रूप में गलत तरीके से, धोखे से और दुर्भावनापूर्ण इरादे से नियुक्त किया… इसके लिए मेरे जाली हस्ताक्षर और फर्जी दस्तावेजों को प्रयोग में लाया गया…
अब इसी को साबित करने लिए राजा भैया की पत्नी भानवी सिंह IFO फॉरेंसिक स्टैंर्ड एंड रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड को अपने असली हस्ताक्षर और कंपनी के दस्तावेज में उनके हस्ताक्षर का मिलने करने लिए भेजा…तो फॉरेंसिक रिसर्च में पाया गया… कंपनी के दस्तावेज में कुछ हस्ताक्षर उनके नहीं है… बल्कि उनकी जगह किसी और ने वो लिखा है…. कई अक्षर एक दूसरे मैच नहीं किया… फॉरेंसिक रिपोर्ट से साबित हो रहा है… भानवी सिंह जो दावा कर रही है… अक्षय प्रताप सिंह पर जो आरोप लगा रही है… उन्होंने उनके खिलाफ जो एफआईआर दर्ज करवाई है… वो सही है… अब जबकि भानवी ने कुंवर अक्षय प्रताप सिंह की असलियत सबके सामने रख दी है… तो ऐसे में सवाल है क्या अब भी राजा भैया अक्षय प्रताप सिंह का ही साथ देंगे…
बहरहाल भानवी का आरोप है कि अक्षय प्रताप और उनके सहयोगियों को 26 जुलाई 2017 से अवैध रूप से कंपनी के निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था… हालांकि, इस तारीख को कंपनी में केवल दो निदेशक थे… आवेदक और बड़ी बेटी राघवी कुमारी में से किसी ने भी कंपनी के निदेशकों में से किसी की नियुक्ति को मंजूरी नहीं दी थी… वास्तव में, इसको लेकर कोई कंपनी की बैठक नहीं हुई… बोर्ड की बैठक की कोई प्रोसिडिंग नहीं है… हालांकि, कंपनी के रिकॉर्ड की जांच के दौरान भानवी ये देखकर दंग रह गई कि परफॉर्मा और संबंधित दस्तावेज दायर किया…जो अक्षय प्रताप सिंह, अनिल कुमार सिंह और राम देव यादव की अवैध नियुक्ति को प्रभावी बनाने का प्रयास किया गया… इसमें मेरे जाली हस्ताक्षर थे.. और अब वो सिद्ध हो गया..