Bhindranwala बनने वाला Amritpal Singh का निकला आतंकी कनेक्शन !
भिंडरावाले का एनकाउंटर बनी थी इंदिरा की मौत की वजह ?
अमृतपाल निकला ISI का एजेंट …भिंडरावाले बनना चाहता था परमानेंट !
धर्म के नाम पर हिंसा फैलाने का खुलासा….बहाना बनाया था ‘खालसा’ !
पुलिस दौड़ाई तो ठिकाना छोड़कर भागा…क्या टूटेटा अमृतपाल के राज का धागा ?
प्लानिंग बनाकर कर रहा था टारगेट…दुबई से कराया जा रहा था प्लानिंग सेट ?
अमृतपाल सिंह जिसने पंजाब सरकार को हिलाकर रख दिया है…हालांकी भगोड़ा तो घोषित कर दिया गया है….लेकिन एक ऐसा खुलासा हुआ है..जिसने अमृतपाल सिंह के दामन पर दाग लगा दिया है…सूत्रों से जानकारी आई है कि…अमृतपाल सिंह ISI का एजेंट था…लेकिन पंजाब पुलिस के एक्शन से लग रहा है कि….अबकी बार दूसरा भिंडरावाले को जन्म नहीं लेने देगी…क्योंकि भिंडरावाले के एनकाउंटर ही इंदिरा गांधी की मौत की वजह बन गई थी…एक बार फिर से अमृतपाल सिंह भिंडरावाले बनना चाहता है…भिंडरावाले की तरह ही वो खालिस्तान समर्थक है… भिंडरावाले की तरह ही नीली पगड़ी पहनता है…हाव भाव के साथ साथ अमृतपाल सिंह पूरी तरह से भिंडरावाले के कदमों पक चल रहा है…लेकिन जिस तरह से थाने पर अटैक किया मामला गंभीर हो गया…पंजाब की मान सरकार पर भी सवाल उठने लगे…और हाल ये है कि…अब मामला ही बिगड़ता जा रहा है…वारिस पंजाब दे संगठन के मुखिया अमृतपाल सिंह के खिलाफ पंजाब पुलिस एक्शन में है….उसके साथियों की धरपकड़ की जा रही है और उसकी तलाश में छापेमारी जारी है….पंजाब में इसे लेकर हालात तनावपूर्ण हैं…कानून-व्यवस्था न बिगड़े इसलिए कई हिस्सों में इंटरनेट और एसएमएस बंद हैं….. कई इलाकों में धारा-144 भी लागू कर दी गई है…..अमृतपाल सिंह खालिस्तान समर्थक है….. पिछले महीने उसके साथी लवप्रीत तूफान की गिरफ्तारी होने पर उसके समर्थकों ने अजनाला पुलिस थाने पर हमला कर दिया था…..अमृतपाल सिंह की तुलना जरनैल सिंह भिंडरावाले से की जाती है…. उसे भिंडरावाले 2.0 भी कहा जाता है…. अमृतपाल ने पिछले साल 29 सितंबर को मोगा जिले के रोडे गांव में वारिस पंजाब दे की पहली वर्षगांठ मनाई….जो भिंडरावाले का ही पैतृक गांव है….
कौन था जरनैल सिंह भिंडरावाले ?
जरनैल सिंह भिंडरावाले 2 जून 1947 को पैदा हुआ था…30 साल की उम्र में दमदमी-टकसाल का अध्यक्ष बना… इसके बाद पंजाब में हिंसा बढ़ गई…1982 में उसने स्वर्ण मंदिर को अपना ठिकाना बना लिया…पंजाब में हिंसा रोकने के लिए ऑपरेशन ब्लू स्टार लॉन्च किया गया….1984 में ये ऑपरेशन शुरू हुआ…1 जून से ही सेना ने स्वर्ण मंदिर की घेराबंदी कर दी….4 जून की शाम गोलीबारी शुरू हुई. अगले दिन सेना की बख्तरबंद गाड़ियां और टैंक स्वर्ण मंदिर पहुंच गए….6 जून को भिंडरावाले को ढेर कर दिया गया….यही ऑपरेशन ब्लूस्टार इंदिरा गांधी की हत्या की वजह बना….स्वर्ण मंदिर पर इस कार्रवाई का देशभर में विरोध हुआ….उस समय केंद्र में इंदिरा गांधी की ही सरकार थी. 31 अक्टूबर 1984 को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या उनके दो सिख बॉडीगार्ड्स सतवंत सिंह और बेअंत सिंह ने कर दी….इसके बाद देशभर में सिख विरोधी दंगे भड़क गए…अकेले दिल्ली में ही 2,733 सिखों को मौत के घाट उतार दिया गया. वहीं देशभर में 3,350 सिख मारे गए थे….मार्च 1940 में डॉ. वीर सिंह भट्टी ने पहली बार खालिस्तान शब्द का इस्तेमाल किया था….उन्होंने उस समय कुछ टैम्पलेट छपवाए थे, जिसमें सिखों के लिए ‘खालिस्तान’ नाम से अलग देश की मांग की गई थी….खालिस्तान मतलब- खालसाओं का देश कहा जाने लगा….31 दिसंबर 1929 को लाहौर में कांग्रेस का अधिवेशन हुआ….इसमें मोतीलाल नेहरू ने ‘पूर्ण स्वराज्य’ की मांग की. कांग्रेस की मांग का तीन समूहों ने विरोध किया….पहला- मोहम्मद अली जिन्ना की मुस्लिम लीग… दूसरा- भीमराव अंबेडकर की अगुवाई वाला दलित समूह… और तीसरा- मास्टर तारा सिंह का शिरोमणि अकाली दल… तारा सिंह ने पहली बार सिखों के लिए अलग राज्य की मांग की थी….आजादी के बाद भारत का बंटवारा हुआ और पाकिस्तान अलग देश बन गया… इस बंटवारे ने पंजाब को भी दो हिस्सों में बांट दिया…. एक हिस्सा पाकिस्तान के पास गया और दूसरा भारत में रहा….