बिहार में पुलिस की जुबां पर ‘योगी मॉडल’… लेकिन डर है कि बोलने नहीं देता !
बिहार पुलिस की जुबां पर ‘योगी मॉडल’… डर है कि बोलने नहीं देता !
छोटे से लेकर बड़े पुलिस अफसरों की जुबां पर चर्चा… काश ! सरकार बिहार में ले आए ‘योगी मॉडल’
पीपल फ्रेंडली पुलिस को योगी मॉडल के तौर पर मिले अधिकार… सत्तारुढ पार्टी का इनकार !
यूपी में योगी पुलिस जिस अंदाज में काम करती है… वैसा ही अंदाज दूसरे राज्य को चाहिए… अभी कल की ही तो बात थी… सिद्धूमूसेवाला के पिता ने कानून व्यवस्था को ट्रैक पर लाने के लिए योगी मॉडल की दरकार बताई थी… इधर बिहार में भी पुलिस को अपनी सरकार से अपने लिए योगी मॉडल चाहिए… क्योंकि बिहार में क्राइम का ग्राफ रफ्तार के साथ आगे बढ़ रहा है… अपराधी बेखौफ है… पुलिस का डर उसके सिर पर नहीं रहा… जनता उन्हें कोस रही है… सारे इल्जाम बिहार पुलिस की कार्यशैली पर लग जा रहा है… पुलिस क्राइम कंट्रोल करने के जुबानी दावे कर रही है… लेकिन उन्हें भी दिखता है असल में क्या हो रहा है… बिहार पुलिस को लगता है… उनके हाथ बंधे हुए हैं, वरना क्राइम कंट्रोल करना तो उनके बाएं हाथ का खेल है…पुलिस चाहे तो क्या नहीं कर सकती लेकिन राजनीति नहीं करने देती…अब बिहार के क्राइम कंट्रोल की कमान कड़क मिजाज वाले DGP आरएस भट्टी के कंधे पर है… बिहार की राजनीति भले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के मॉडल को स्वीकार नहीं करे… लेकिन क्राइम कंट्रोल के लिए लंबे समय से ‘योगी मॉडल’ की मांग राज्य में उठ रही है…
इसकी शुरुआत 20 मार्च को सीतामढ़ी में देखने को मिली, जब शराब तस्कर प्रिंस कुमार को पुलिस ने एक एनकाउंटर में मार गिराया…सीतामढ़ी जिले के नानपुर थाना क्षेत्र के बुध नगरा गांव में 19 मार्च की सुबह करीब 3बजे के आसपास पुलिस ने शराब तस्कर प्रिंस कुमार को मार गिराया… प्रिंस के सीने में लगी… पुलिस ने उसे इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई… वहीं एसपी ने इस पूरी घटना के बाद अपनी पुलिस की तारीफ की… इसे पुलिस की उपलब्धि करार दिया… इस एक्शन के बाद बिहार पुलिस की ओर से ये बताने का प्रयास शुरू हुआ… कि बिहार पुलिस का निशाना कितना शानदार है… कैसे एक गोली, एक निशाना, अपराधी ढेर हो गया…उधर, राज्य में बढ़ते अपराध और बेखौफ अपराधियों के मनोबल को देखकर बिहार में योगी मॉडल की मांग लगातार उठ रही है… भू-माफिया, शराब माफिया और नशे का कारोबार फल-फूल रहा… 20 मार्च को ही बिहार विधानसभा में पटना के एक बच्चे की अपहरण के बाद हत्या का मुद्दा उठा… जिसे लेकर बिहार में योगी मॉडल का जिक्र होने लगा… हालांकि, आरजेडी के नेताओं ने योगी मॉडल से इनकार किया…
बिहार विधानसभा में जेडीयू ने ‘योगी मॉडल’ से पूरी तरह इनकार किया…कह दिया… बिहार में योगी मॉडल लागू नहीं होगा.. आरजेडी ने भी क्राइम कंट्रोल के ‘योगी मॉडल’ पर सवाल उठाया… लेकिन बीजेपी मानती हैं कि बिहार को अपराध मुक्त बनाने के लिए ‘योगी मॉडल’ की जरूरत है… ऐसा इसलिए क्योंकि बिहार के अपराधियों में पुलिस का खौफ खत्म हो गया है…बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे से पुरानी बातचीत में उन्होंने कहा था कि बिहार में क्राइम कंट्रोल करना पुलिस के लिए कोई मुश्किल काम नहीं है… पुलिस चाहे तो वह क्या नहीं कर सकती… लेकिन चाहे क्यों? उन्होंने आगे बताया फैसले ऊपर लिए जाते हैं और ऊपर का आदेश है कि पुलिस को पीपुल फ्रेंडली होना है… उनका इशारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरफ था… पूर्व डीजीपी का ये भी मानना था कि हाथ जोड़कर अपराधी नहीं पकड़े जाएंगे… लेकिन अब बिहार के डीजीपी न तो गुप्तेश्वर पांडे हैं और ना ही एसके सिंघल हैं… अब यह कमान डीजीपी आरएस भट्टी के हाथ में है… तो ऐसे में सवाल है क्या भट्टी बिहार में क्राइम को कंट्रोल करने के लिए योगी मॉडल को अपनाएंगे