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कांशीराम की रणनीति से भाजपा का मायावती के बेस वोटर्स पर डोरे डालने का प्रयास

kanshiram mayawati

यूपी की राजनीति में अब सभी पार्टियों को बीएसपी प्रमुख मायावती के वोटर्स में होप दिखने लगा है… अखिलेश को लगता मायावती के बेस वोटर्स दलित समाज को अपने पाले में ला सकते हैं… उनके वोट के जरिए बीजेपी को सत्ता से बेदखल कर सकते हैं… इसलिए जो मायावती के लिए नायक हैं वहीं नायक अखिलेश से लेकर चंद्रशेखर यहां तक की कांग्रेस को भाने लगे… इस फेहरिस्त में बीजेपी दलितों के बीच पार्टी की पैठ बनाने के लिए नई रणनीति पर काम कर रही है… बीजेपी मान कर चल रही है… इस रणनीति को अपनाने से जो दलित वोटर्स उनके पास रहे… जो छिटकर घोसी उपचुनाव में सपा के पास चले गए… वो उनके पास आएंगे…


जीहां बीजेपी अब पिछड़े वर्गों और दलितों को अपने पक्ष में लामबंद करने के लिए लोकगीतों के इस्तेमाल की बसपा संस्थापक दिवंगत कांशीराम की रणनीति अपनाएगी… भाजपा ने मोदी सरकार की शुरू की गई सरकारी कल्याण योजनाओं के जरिए अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्गों के जीवन में बदलाव के विषय पर गीत लिखने के लिए कई दलित गीतकारों को अपनी टीम में शामिल करने की योजना बनाई है… एक बार तैयार हो जाने के बाद ये गाने पार्टी के उन सभी कार्यक्रमों में बजाए जाएंगे, जो पार्टी दलित मतदाताओं को लुभाने के लिए आयोजित करेगी…यूपी बीजेपी एससी-एसटी मोर्चा के अध्यक्ष राम चंद्र कन्नौजिया ने कहा कि पिछले 9 सालों में देश में किए गए कल्याणकारी कार्यक्रमों के संदेश को फैलाने के लिए लोकगीतों का प्रयोग करने पर विचार कर रहे हैं.. ‘अवधी बिरहा’ जैसे लोकगीत, जिनका धोबी, खटिक और धानुक जैसे समुदायों की संस्कृति और रीति-रिवाजों से विशेष संबंध है, को विशेष तौर पर भाजपा कार्यक्रमों में बजाए जाने के लिए तैयार किया जाएगा


इस गाने से बीजेपी बताएगी… कैसे मोदी के विचारों ने पिछले कुछ सालों में दलितों के जीवन को बेहतर बनाया है… कांग्रेस शासन के दौरान दलित लोकगीतों की प्रथा लगभग विलुप्त हो गई थी.. बस इसे पुनर्जीवित करने की कोशिश करेगी… आपको बता दें कि कांशीराम दलित नायकों की प्रशंसा करने वाले लोकगीतों का इस्तेमाल करते थे, जिन्होंने सामाजिक व्यवस्था में अपने लिए एक जगह बनाई थी… बसपा संस्थापक ने भारतीय संविधान के निर्माता बी.आर. आंबेडकर के विचारों को फैलाने की रणनीति भी अपनाई… अम्बेडकर के साथ जोड़ने के लिए कई पौराणिक गीतों में भी बदलाव किया गया था…


कांशीराम की ओर से बनाए गए गीत उन दलितों के आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए थे जिन्होंने सैकड़ों सालों से दमन का सामना किया था… बीजेपी ने भी अपने हिंदुत्व के आख्यान को पिछड़ी जाति के एकीकरण के साथ मिला दिया है…भाजपा कांशीराम से जुड़ी भावनाओं को अपने लिए भुनाने की कोशिश कर रही है और इसलिए दलितों तक पहुंचने के लिए दलित लोक गीतों का उपयोग करने की रणनीति बनाई जा रही है… हालांकि, भाजपा इस बात का पूरा ख्याल रखेगी कि ये गाने ब्राह्मणवादी व्यवस्था को चुनौती न दें जो उसकी राजनीति का मूल है…यूपी में मायावती की राजनीतिक उपस्थिति के कमजोर पड़ने से बीजेपी को दलितों में सबसे प्रमुख समूह जाटवों पर जीत हासिल करने के लिए प्रेरित किया है… दलितों के साथ अपनी एकजुटता दिखाने के लिए बीजेपी योगी कैबिनेट के दोनों मंत्रियों असीम अरुण और बेबी रानी मौर्य जैसे अपने कुछ जाटव नेताओं को आगे कर रही है…

Mayawati के 'Kashiram' के लिए ' ऑपरेशन लोटस' | The Rajneeti | Akash Anand

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