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Elections 2024: भाजपा के सर्वे ने बढ़ाई दिनेश लाल यादव ‘Nirahua’ और संघमित्रा मौर्य की टेंशन

bjp internal survey Nirahua

BJP Internal Survey for Lok Sabha Elections 2024: यूपी में लोकसभा की 80 सीटों में से बीजेपी के सहयोगियों के पास 66 सांसद हैं और इस बार तो बीजेपी ने अपने लिए ‘मिशन-80’ का लक्ष्य तय किया है… पार्टी को भी पता है कि ये लक्ष्य इतना आसान नहीं है… केंद्र और राज्य दोनों जगह दूसरे टर्म की सरकार के बाद एंटी-इन्कमबेंसी फैक्टर को भी नकारा नहीं जा सकता… इसलिए पार्टी लगातार अपने सांसदों का बार बार इंटरनल सर्वे करवा रही है…तीसरे सर्वे में करीब 30 फीसदी सांसदों का रिपोर्ट कार्ड कमजोर यानी पुअर रहा है…ये रिपोर्ट कार्ड बताता है कि ये सांसद पासिंग मार्क्स से नीचे हैं और इनके भरोसे 2024 लोकसभा चुनाव में ‘मिशन-350’ और यूपी में ‘मिशन-80’ की वैतरणी पार नहीं लगाई जा सकती…

हाइलाइट्स

  • 2023 में बीजेपी का यूपी में तीसरा इंटरनल सर्वे… डेढ़ दर्जन से ज्यादा सांसद बीजेपी की अपनी कसौटी पर फेल
  • लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी सांसदों का रिपोर्ट कार्ड… बीजेपी में कई बड़े चेहरों पर गिरेगी गाज

बीजेपी के आंतरिक सर्वे में सांसदों के काम को तीन कैटेगरी में बांटा गया है- ‘पुअर’, ‘एवरेज’ और ‘गुड’
ये इंटरनल सर्वे भारतीय जनता पार्टी के आगामी लोकसभा चुनावों की प्लानिंग का ही हिस्सा है… बीजेपी ने यूपी में अपने सांसदों के कामकाज का आंतरिक सर्वे फरवरी 2023 में शुरू किया था…
पहला सर्वे फरवरी-मार्च में हुआ जिसमें कुछ अलग पैरामीटर रखे गए थे… दूसरा आंतरिक सर्वे मई-जून 2023 के बीच कराया गया…इसके बाद अब तीसरा आंतरिक सर्वे हाल ही में अगस्त-सितंबर महीने में संपन्न हुआ है. तीसरे और आखिरी सर्वे में कुछ पैरामीटर बदले गए थे… इसमें सबसे अहम मुद्दा यह पता लगाना था कि सांसदों के कामकाज से उनके लोकसभा क्षेत्र की जनता कितनी संतुष्ट है… इसी के आधार पर अब सांसदों की तीन कैटेगरी में लिस्ट तैयार हुई है…
‘गुड’ कैटेगरी में आने वाले सांसदों की लिस्ट में सबसे ऊपर नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का है… वो वाराणसी के सांसद हैं… सर्वे में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि वाराणसी के डेवलपमेंट मॉडल को पूरे देश में एक उदाहरण के तौर पर पेश किया जाए…लखनऊ के सांसद और देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का नाम भी गुड की कैटेगरी में है. अमेठी सांसद और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का भी नाम गुड लिस्ट में है.वित्त राज्य मंत्री और महाराजगंज के सांसद पंकज चौधरी का भी नाम Good कैटेगरी में है. गौतम बुद्ध नगर के सांसद डॉक्टर महेश शर्मा, आगरा के सांसद और केंद्र सरकार में स्वास्थ्य राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल, जालौन के सांसद और केंद्र सरकार में राज्य मंत्री भानु प्रताप वर्मा का भी नाम ‘गुड’ कैटेगरी में है


80 में से 16 सांसदों की रिपोर्ट एवरेज
बीजेपी के लिए चिंता का सबब हो सकता है कि पार्टी के तीसरे इंटरनल सर्वे में ‘एवरेज’ कैटेगरी वाले सांसदों की संख्या ‘पुअर’ कैटेगरी वाले सांसदों से कम है… इस कैटेगरी में 16 सांसदों के नाम शामिल हैं..यही नहीं, इस कैटेगरी में भी कुछ बड़े नाम हैं…

  • मुजफ्फरनगर के सांसद डॉक्टर संजीव कुमार बालियान
  • कैराना सांसद प्रदीप कुमार
  • फतेहपुर की सांसद केंद्र सरकार में राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति
  • आंवला सांसद धर्मेंद्र कुमार कश्यप
  • डुमरियागंज के सांसद जगदंबिका पाल
  • गोरखपुर के सांसद रवि किशन
  • अयोध्या के सांसद लल्लू सिंह
  • अलीगढ़ के सांसद सतीश गौतम
  • शाहजहांपुर सांसद अरुण सागर
  • बस्ती के सांसद हरीश द्विवेदी
  • झांसी के सांसद अनुराग शर्मा
  • इटावा के सांसद डॉक्टर राम शंकर कठेरिया
  • कन्नौज के सांसद सुब्रत पाठक
  • हमीरपुर के सांसद पुष्पेंद्र सिंह चंदेल
  • बुलंदशहर के सांसद भोला सिंह
  • देवरिया के सांसद रमापति राम त्रिपाठी


ये सारे एवरेज कैटेगरी वाले 16 बीजेपी सांसद हैं… लेकिन 19 ऐसे भी सांसद हैं… जिसकी वजह से बीजेपी के रणनीतिकारों के माथे पर पसीना आ रहा है…
80 में 19 सांसदों की रिपोर्ट ख़राब..बीजेपी के तीसरे इंटरनल सर्वे में करीब 20 सांसदों के नाम ‘पुअर’ कैटेगरी में शामिल हैं…जिनके नाम कुछ ये हैं…


‘पुअर’ कैटेगरी

  • पूर्व सीएम और एटा सांसद राजवीर सिंह राजू भैया
  • स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी और बदायूं से सांसद संघमित्रा मौर्य
  • ​भोजपुरी एक्टर-सिंगर और आजमगढ़ के सांसद दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ (Nirahua)
  • निषाद पार्टी से सुप्रीमो और योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद के बेटे और संत कबीर नगर के सांसद प्रवीण निषाद
  • लगातार विवादों में रहने वाले मोहनलालगंज के सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री कौशल किशोर
BJP के सर्वे से Nirahua और Sanghmitra Mauryaकी बढ़ी टेंशन | The Rajneeti | Election 2024


पुअर कैटेगरी में बीजेपी के और भी सांसद हैं… माना जा रहा है… इन सांसदों की सियासत का ट्रैक रिकॉर्ड खराब है… शायद 2024 में पुअर कैटेगरी में कई सांसद चुनाव बीजेपी की ओर से लड़ता ना दिखे…इस सर्वे में योगी सरकार के कुछ मंत्रियों को लेकर भी उनके क्षेत्र से फीडबैक लिया गया है… इस फीडबैक के आधार पर अगर पार्टी यूपी सरकार के मंत्रियों को लोकसभा चुनाव में उतारने का फैसला ले सकती है… सर्वे में जिन मंत्रियों का नाम लोगों के बीच जाने, उनकी समस्याएं सुनने और अपने क्षेत्र में एक्टिव रहने के मामले में सामने आया है… उनमें कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही है। इन्हें देवरिया से उम्मीदवार बनाया जा सकता है। पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद का नाम भी गुड रिपोर्ट में शामिल है। इन्हें धौरहरा या पीलीभीत से चुनाव लड़ाया जा सकता है। पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह को फिरोजाबाद से चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है तो आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु को चंदौली से पार्टी चुनाव मैदान में उतार सकती है। वन राज्य मंत्री केपी मलिक इन्हें बागपत से पार्टी अपना उम्मीदवार बना सकती है।बहरहाल भारतीय जनता पार्टी ने सांसदों के कामकाज और उनकी लोकप्रियता को लेकर जो आंतरिक सर्वे कराया है उसकी रिपोर्ट और उन सांसदों का क्षेत्र से मिला फीडबैक ही 2024 के लोकसभा चुनाव में टिकट मिलने या कटने का सबसे बड़ा आधार होगा… बीजेपी पहले भी इसी के आधार पर टिकट में बदलाव करती आई है…2022 के विधानसभा चुनाव में भी पार्टी ने इंटरनल सर्वे के आधार पर 80 से ज्यादा विधायकों के टिकट काट दिए थे… इतना ही नहीं, हाल ही में जब नगर निकाय के चुनाव हुए तो भी बीजेपी ने सर्वे के आधार पर 16 मेयर में से 13 मेयर के टिकट काट दिए थे…

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