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Brij Bhushan Sharan Singh : जिस दिन लगेगा लाचार हूं… जीना पसंद नहीं करूंगा..

जंतर मंतर पर धरने पर बैठे पहलवानों के बीच हलचल… Brij Bhushan Sharan Singh ने कर दी मन की बात | जिस दिन लगेगा लाचार हूं… जीना पसंद नहीं करूंगा…

Brij Bhushan Sharan Singh : जिस दिन लगेगा लाचार हूं... जीना पसंद नहीं करूंगा...| The Rajneeti

बृजभूषण शरण सिंह ये वो नाम है… जो कभी झुका नहीं… जिसने अपनी शर्तों पर अपनी जिंदगी को जिया है…
अखाड़े का दिग्गज… सियासत का माहिर खिलड़ी… पहलवानों ने घेरा… तो अपनी बात अपने अंदाज में कह दिया
जिस दिन लगेगा लाचार हूं… जीना पसंद नहीं करूंगा… कविता गाते बृजभूषण शरण सिंह का भावुक वीडियो वायरल

हरियाणा के पहलवान जंतर मंतर पर अपनी बात पर अड़े हैं… डटे हैं… कैसरगंज से बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगा रहे हैं… साथ देने के लिए बीजेपी के विरोधी एक एक करके उनके साथ आ गए… हुड्डा से लेकर मोदी को घेरने वाले सत्यपाल सब कह रहे हैं… बेटियों के साथ इंसाफ करो… लेकिन इसी बीच बृजभूषण शरण सिंह ने भी पहलवानों से लेकर सत्यपाल मलिक से समेत तमाम नेताओं को खुले तौर पर अपनी बात बता दी… जिस दिन लगेगा लाचार हूं… जीना पसंद नहीं करूंगा…

दरअसल भारतीय कुश्ती संघ के प्रमुख ब्रजभूषण सिंह के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहलवानों का विरोध प्रदर्शन जारी है… इस बीच ब्रजभूषण सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है… वीडियो में उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों या फिर अपने खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों के बारे में सीधे तौर पर कुछ नहीं कहा है लेकिन इसे इन घटनाक्रमों पर उनकी प्रतिक्रिया ही माना जा रहा है… वीडियो में ब्रजभूषण सिंह एक कविता गाते नजर आ रहे हैं… इस कविता के बाद वो कहते हैं कि जिस दिन मैं खुद को लाचार महसूस करूंगा, उस दिन मैं जीना पसंद नहीं करूंगा…वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है… ट्विटर पर ब्रजभूषण सिंह ट्रेंड में भी हैं… अपने खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों के बीच उन्होंने अपने मन की व्यथा जाहिर की है,,,जो कविता सिंह सुना रहे हैं, उसके बोल हैं…

जिस दिन जीवन के हानि लाभ पर उतरूंगा।
जिस दिन संघर्षों में जाली लग जाएगी।
जिस दिन जीवन की लाचारी मुझ पर तरस दिखाएगी
उस दिन जीवन से मृत्यु कहीं बढ़ जाएगी।

इतना ही नहीं, सिंह आगे कहते हैं कि जिस दिन मैं अपने जीवन की समीक्षा करूंगा… क्या खोया क्या पाया और जिस दिन मैं महसूस करूंगा कि मेरे संघर्ष करने की क्षमता अब समाप्त हो गई है… जिस दिन मैं महसूस करूंगा कि मैं लाचार हूं, मैं बेचारा हूं। ऐसी जिंदगी मैं जीना पसंद नहीं करूंगा… मैं चाहूंगा कि ऐसी जिंदगी जीने के पहले मौत मेरे करीब आ जाए… ये खुला संदेश ब्रजभूषण सिंह ने अपनी ओर अपने विरोधियों को दे दिया… अब वो इस किस तरह से लेते हैं… ये भी देखने वाली बात होगी…

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