बांदा: वैश्विक महामारी का रूप ले चुके कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए 21 दिन के लिए पूरा देश लॉकडाउन है, लेकिन अवैध बालू खनन के गोरखधंधे से जुड़े लोगों के लिए लॉकडाउन का कोई मतलब नहीं है। नरैनी क्षेत्र की बागै नदी में हो रहा खनन बानगी मात्र है।

वैसे बुंदेलखंड में बांदा जिला बालू के अवैध खनन के लिए बदनाम रहा है, लेकिन कोरोनावायरस के वैश्विक महामारी का रूप लेने के बाद प्रधानमंत्री के बुधवार से पूरे देश को लॉकडाउन घोषित करने बाद भी यह कारोबार चलता रहेगा, यह उम्मीद किसी को नहीं थी। खनन माफिया लॉकडाउन के चलते सूनी सड़कों का बेजा फायदा उठा रहे हैं और पिछले बुधवार से ही बागै नदी के एक ऐसे अवैध बालू घाट में खनन शुरू कर दिया, जिसे एक माह पूर्व अनुसूचित जाति आयोग के आदेश पर पुलिस अधीक्षक ने खुद सीज करवाया था।

बुंदेलखंड किसान यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष विमल कुमार शर्मा ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि नरैनी क्षेत्र के मोतियारी, राजापुर, नौगवां और मुगौरा गांव की बागै नदी से बुधवार रात से ही छह ट्रैक्टर-ट्रॉली बालू के अवैध खनन पर दिन-रात लगे हैं और यह अवैध बालू नरैनी कस्बा से गुजर कर आस-पास के गांवों में बेची जा रही है, लेकिन ताज्जुब इस बात पर है कि लॉकडाउन के पालन में चप्पे-चप्पे में लगी पुलिस और अन्य अधिकारियों की नजर सड़क पर बिना रवन्ना फर्राटे भर रहे इन ओवरलोड वाहनों पर नहीं जा रही।

उन्होंने कहा कि बिना एंट्री एक हजार रुपये प्रति ट्रैक्टर-ट्रॉली रात भर का पुलिस का हिस्सा होता है। जमा किए गए बालू की ढुलाई कर रहे मुगौरा गांव के देवा यादव की ट्रैक्टर-ट्रॉली को नरैनी कोतवाली में तैनात सिपाही धर्मेंद्र ने बुधवार को पकड़ा भी था, लेकिन इसी कारोबार से जुड़े इंद्रपाल नामक व्यक्ति के पास सिपाही ने 12 हजार रुपये में उसकी (देवा की) स्कूटी गिरवी रख रिश्वत लेने के बाद छोड़ दिया था।

शर्मा ने आरोप लगाया कि लॉकडाउन घोषित होने के बाद बागै नदी की जिस अवैध बालू खदान में पुन: खनन शुरू हुआ है, उसे एक माह पूर्व अनुसूचित जाति आयोग के आदेश पर पुलिस अधीक्षक सीज भी कर चुके हैं।

जिले के खनिज अधिकारी राजेश कुमार ने बताया, नरैनी क्षेत्र की बागै नदी में मोतियारी, राजापुर, नौगवां और मुगौरा गांव में वैध चिन्हित बालू घाट नहीं है। फिलहाल लॉकडाउन घोषित होने के बाद सभी वैध बालू खदानों में खनन कार्य बंद चल रहा है। यदि कहीं भी खनन हो रहा है तो उसे रोकने की जिम्मेदारी पुलिस और प्रशासन की है।

नरैनी क्षेत्र के एक पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर आईएएनएस से शुक्रवार को कहा कि पूरा पुलिस बल इस समय लॉकडाउन का पालन कराने पर व्यस्त है। हो सकता है कि कुछ पुलिसकर्मी ऐसा करवा रहे हों, लेकिन अवैध बालू खनन में लगे जिन लोगों के नाम गिनाए जा रहे हैं, वे एक विधायक के रिश्तेदार हैं। ऐसे में नेताओं से पंगा कौन लेगा।