यूपीटीईटी का पर्चा लीक कराने वाले गिरोह को अपने नेटवर्क पर पूरा विश्वास था। यही वजह थी कि परीक्षा के एक दिन पहले तक यूपी में 80 से ज्यादा सॉल्वर को बुला लिया गया था। इनमें से कई सॉल्वर फ्लाइट व निजी लग्जरी टैक्सियों से बुलाये गये। रविवार को सुबह परीक्षा केन्दों पर इनमें से अधिकतर सॉल्वर कक्ष के अंदर पहुंच भी गये थे। मूल अभ्यर्थी परीक्षा केन्द्रों के बाहर मौजूद रहे। सोमवार को पकड़े गये आरोपी गौरव और राहुल से पूछताछ में ऐसे ही कई खुलासे हुये। वहीं, मंगलवार दोपहर पर्चा छापने वाली एजेन्सी आरएसएम लि. के मालिक राय अनूप प्रसाद से भी पूछताछ में कई जानकारियां हाथ लगीं, जिनके आधार पर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
एसटीएफ के एक अधिकारी ने बताया कि सरगना सत्य प्रकाश और उसके तीन अन्य साथियों ने ही पूरा नेटवर्क तैयार किया था। ये सब पूरी तरह से मुतमुईन थे कि पर्चा जरूर लीक हो जायेगा। दो-तीन दिन पहले से ही यूपी के सभी जिलों में सॉल्वर कैसे पहुंचेंगे और किस तरह से उन्हें परीक्षा केन्द्रों पर पहुंचाना है, यह सब तय कर लिया गया था। टैक्सी, फ्लाइट टिकट सब कुछ बुक कर लिया गया था। यही नहीं जिस अभ्यर्थी की जगह पर सॉल्वर को बैठना था, उससे दूसरे दिन परीक्षा खत्म होते ही बाकी रकम भी वसूलने की तैयारी कर रखी गई थी। प्रयागराज, बागपत, शामली, लखनऊ, शाहजहांपुर, मेरठ, वाराणसी, बाराबंकी, अयोध्या, बरेली में सबसे अधिक सॉल्वर बुलाये गये थे।
बिहार व दिल्ली से सॉल्वर आये
पड़ताल में सामने आया कि बिहार व दिल्ली में एक कोचिंग के अलावा दो स्कूलों से भी शिक्षकों को बुलाया गया था। इन लोगों ने ही सॉल्वर बनने के लिये सबसे ज्यादा रकम ली थी। पड़ताल में लगे एक डिप्टी एसपी के मुताबिक जहां अन्य सॉल्वर को 25 से 35 हजार रुपये देना तय हुआ था वहीं बिहार व दिल्ली के सॉल्वरों को 60 से 70 हजार रुपये पर बात बनी थी।
लग्जरी होटल में ठहराया गया था
इन सॉल्वर को लग्जरी होटल में ठहराया गया था। लखनऊ के दो होटल में भी सॉल्वर ठहरे थे। इन्हें रविवार को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया था। ये लोग भी बिहार से आये थे। यहां बिहार के नालन्दा से संजय कुमार सॉल्वर बनकर आये थे। संजय जौनपुर के ललित यादव की जगह परीक्षा देने आया था। ललित को भी एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया था। एसटीएफ के मुताबिक होटल में भी संजय को अलग नाम से ठहराया गया था। इन सभी को परीक्षा खत्म होते ही उसी दिन लौट जाना था।
एसटीएफ ने बताया कि गिरफ्तारी से पहले से लेकर अब तक करीब 800 मोबाइल नम्बर सर्विलांस पर लिये जा चुके हैं। इनमें कई नम्बर अब स्विच ऑफ हो गये हैं। पर, इनकी कॉल डिटेल में सामने आये नम्बरों में से भी कई मोबाइल का ब्योरा निकलवाया गया है। इससे भी पुलिस को कई जानकारियां हाथ लगी है।